एअर इंडिया की डील से अमेरिका में 10 लाख नौकरियां

बोइंग और एअरबस मार्केट लीडर, क्या भारत में ऐसे जहाज बनाकर रोजगार नहीं दिया जा सकता?

एअर इंडिया की डील से अमेरिका में 10 लाख नौकरियां

नई दिल्ली- टाटा ग्रुप की एअर इंडिया ने अमेरिका की बोइंग और यूरोप की एअरबस से 470 विमान खरीदने की डील की है। इसे एविएशन इंडस्ट्री की सबसे बड़ी डील माना जा रहा है। इन 470 में 250 विमान एअरबस से और 220 विमान बोइंग से खरीदे जाएंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि इस डील से अमेरिका के 44 राज्यों में 10 लाख से ज्यादा नई नौकरियां पैदा मिलेंगी। ऐसा ही फायदा यूरोप को भी होगा।

क्या है डील

डील के तहत एअर इंडिया 220 विमान बोइंग से और 259 विमान एअर बस से खरीदेगी। बोइंग अमेरिकी मल्टीनेशनल कंपनी है जो विमान, रॉकेट, सैटेलाइट मिसाइल और टेली कम्युनिकेशन डिवाइस डिजाइन करने के साथ उनकी बिक्री भी करती है। इसी तरह एअर बस भी विमान निर्माण करने वाली यूरोपियन कंपनी है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 100 बिलियन डॉलर्स यानी करीब 8 लाख करोड़ रुपए की ये डील नंबर्स के लिहाज से अब तक की सबसे बड़ी एविएशन डील है। इससे पहले 20 जुलाई 2011 को अमेरिकन एअरलाइन ने बोइंग को 200 और एअरबस को 268 एक साथ कुल 460 विमानों का ऑर्डर दिया था।

डील में कितना वक्त लगा?

एविएशन इंडस्ट्री की इस ऐतिहासिक डील की कहानी करीबन एक साल पहले शुरू हुई थी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस डील पर तीनों पक्षों की ओर से एक साल से ज्यादा समय तक बातचीत चली।

पॉजिटिव रिस्पॉन्स मिलने लगे तो पिछले साल गर्मियों में तीनों पक्षों के प्रतिनिधियों ने एक-दूसरे से प्रत्यक्ष तौर पर मिलने की सोची, लेकिन डील लॉक होने से पहले सभी पक्ष इससे जुड़ी कोई भी जानकारी मीडिया और आम लोगों से दूर रखना चाहते थे। ऐसे में एक न्यूट्रल वेन्यू पर मिलना तय हुआ।

राय मशविरा के बाद ब्रिटेन के राज घराने के आधिकारिक निवास यानी बकिंघम पैलेस के पास स्थित मशहूर होटल सेंट जेम्स कोर्ट को बुक कर लिया गया। कई दिनों तक टाटा समूह और विमान निर्माण करने वाले कंपनियों के अधिकारी इसी होटल में डेरा डाले रहे। कई राउंड की बैठकें हुई, रिपोर्ट के मुताबिक डील से जुड़ी कुछ गुप्त वार्ता भारत में हुई थी।

लेकिन डील पर अंतिम मुहर लगी सेंट्रल लंदन के रेस्तरां क्विलोन में, डील लॉक होने के बाद इसकी खुशी में सभी अधिकारियों ने साथ में डिनर किया। ये डील दिसंबर महीने में ही तय हो चुकी थी, सिर्फ कुछ फॉर्मेलिटी ही बाकी थी। टाटा की ओर से एअर इंडिया के निपुन और योगेश अग्रवाल ने वार्ता का नेतृत्व किया था।