भारत में पहली बार महिला उद्यमी सिविल एविएशन क्षेत्र की चुनौतियों को स्वीकार करने के लिए आगे आई

मौजूदा समय में देश की सामान्य और आपातकालीन लाइफ़लाइन सिर्फ़ और सिर्फ़ हवाई यातायात है, चाहे सामान्य समय हो या संकट का समय हो

भारत में पहली बार महिला उद्यमी सिविल एविएशन क्षेत्र की चुनौतियों को स्वीकार करने के लिए आगे आई

रांची : देश में आम चुनाव चल रहे हैं और अधिकांश मंत्री और मंत्रालय चुनाव के गहमागहमी में फंसे हुए हैं। इस दौरान एक बड़ा संकट देश के एविएशन सेक्टर में पैदा हो गया है क्योंकि गो एयर बंद हो चुकी है और स्पाइसजेट अपना विश्वास खो रही है। इससे पहले किंगफ़िशर और जेट एयरवेज़ पूरी तरह से बंद हो चुकी हैं । मौजूदा समय में देश की सामान्य और आपातकालीन लाइफ़लाइन सिर्फ़ और सिर्फ़ हवाई यातायात है, चाहे सामान्य समय हो या संकट का समय हो।

इस संकट के समय में भारत का सिविल एविएशन मंत्रालय इस का सामना करने के लिए दिन-रात काम रहा हैऔर वह हर संभव सहायता एविएशन सेक्टर में सही और ईमानदारी से काम करने वाले उद्यमी को देना चाहता है। यद्यपि नागरिक उड्डयन मंत्री, ज्योतिरादित्य सिंधिया की माँ बहुत बीमार थीं और बाद में उनका निधन हो गया,फिर भी उनकी नज़र मंत्रालय के काम पर थी। इसी रोशनी में पिछली 10 मई को, उत्तर प्रदेश, पंजाब, और उत्तराखंड में हवाई सेवा देने वाली कंपनी फ्लाई बिग के साथ एफ़ ए एयरलाइन्स का एक समझौता हुआ जिसके तहत एफ़ ए एयरलाइन्स ने फ्लाई बिग को टेक-ओवर करने का प्रस्ताव दिया जिसे फ्लाई बिग ने स्वीकार कर लिया।

सिविल एविएशन मंत्रालय के केंद्रीय राज्य मंत्री, जनरल वी के सिंह के सामने 10 मई को शाम साढ़े चार बजे इस समझौता पत्र पर हस्ताक्षर एफ़ ए एयरलाइन्स की तरफ़ से फ़ौज़िया अर्शी और फ्लाई बिग की तरफ़ से संजय मांडविया ने हस्ताक्षर किए। इस समझौते का मुख्य तत्व यह है कि संजय मांडविया कंपनी के सीईओ बने रहेंगे, लेकिन कंपनी का स्वामित्व एफ़ ए एयरलाइन्स के पास चला जाएगा और एफ़ ए एयरलाइन्स अगले एक साल में 20 जहाज़ों को फ्लाई बिग के बेड़े में शामिल करेगी। इस समझौते की सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि भारत में पहली बार कोई महिला उद्यमी सिविल एविएशन के क्षेत्र की चुनौतियों को स्वीकार करने के लिए आगे आई है।

एक विश्वस्त सूत्र के अनुसार, फ़ौज़िया अर्शी ने यह योजना बनाई है कि वह देश के कम से कम 10 राज्यों में, राज्य सरकारों के सहयोग से और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय के दिशानिर्देश में एयर कनेक्टिविटी देगी। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय का यह क़दम आने वाले एक साल में देश को एक नई तरह की एरलाइन और छोटे शहरों को एक दूसरे से जोड़ने की नई संभावनाओं को पैदा करेगा और पैदा हुए इस संकट को हल करने में अपनी पूरी क्षमता के साथ सफलतापूर्वक योगदान देगा।

कंपनी के इस नए करार को अमल में लाने का मुख्य ज़िम्मा फ़ौज़िया अर्शी का रहेगा। फ़ौज़िया अर्शी देश की एक बड़ी फ़िल्म निर्माता और निर्देशक हैं और उनकी मैनेजमेंट पर लिखी कई किताबें कई जगह पढ़ी जाती हैं। जबकि संजय मांडविया ख़ुद एक पायलट रहें हैं। इस नये समझौते से बनने वाली नइ एअरलाईन की किसी भी एअरर्लाइंस के साथ प्रतिद्वंदिता नही होने वाली है क्योकी यह नई एअरर्लाइंस देश के समान्य नागरिको को नम्रता और गौरव के साथ हवाई यात्रा का अवसर प्रदान करेगी।