तेलंगाना में 64 प्रतिशत मतदान

2018 के चुनावों में हुए 73.7 प्रतिशत मतदान से यह काफी कम है

तेलंगाना में 64 प्रतिशत मतदान

हैदराबाद : तेलंगाना विधानसभा के लिए गुरुवार को हुए चुनाव में 63.94 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। 2018 के चुनावों में हुए 73.7 प्रतिशत मतदान से यह काफी कम है। मतगणना तीन दिसंबर को होगी। राज्य की नक्सल प्रभावित 13 सीटों पर मतदान चार बजे समाप्त हुआ, जबकि बाकी की 106 सीटों पर यह पांच बजे खत्म हुआ। हालांकि, पांच बजे मतदान केंद्रों पर पंक्तियों में खड़े लोगों को मतदान करने की अनुमति प्रदान की जा रही थी। प्रतिद्वंद्वी दलों के समर्थकों के बीच छिटपुट झड़पों की कुछ घटनाओं को छोड़कर मतदान आमतौर पर शांतिपूर्ण रहा।

तेलंगाना विधानसभा के लिए गुरुवार को हुए चुनाव में 63.94 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। 2018 के चुनावों में हुए 73.7 प्रतिशत मतदान से यह काफी कम है। मतगणना तीन दिसंबर को होगी। गुरुवार को 3.26 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने 2290 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला किया इनमें 221 महिलाएं और एक ट्रांसजेंडर शामिल है। उम्मीदवारों में सात सांसद भी शामिल हैं। आईएएनएस, हैदराबाद। तेलंगाना विधानसभा के लिए गुरुवार को हुए चुनाव में 63.94 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। 2018 के चुनावों में हुए 73.7 प्रतिशत मतदान से यह काफी कम है। मतगणना तीन दिसंबर को होगी।

राज्य की नक्सल प्रभावित 13 सीटों पर मतदान चार बजे समाप्त हुआ, जबकि बाकी की 106 सीटों पर यह पांच बजे खत्म हुआ। हालांकि, पांच बजे मतदान केंद्रों पर पंक्तियों में खड़े लोगों को मतदान करने की अनुमति प्रदान की जा रही थी। प्रतिद्वंद्वी दलों के समर्थकों के बीच छिटपुट झड़पों की कुछ घटनाओं को छोड़कर मतदान आमतौर पर शांतिपूर्ण रहा।

मतदान के दौरान आदिलाबाद में दो बुजुर्ग मतदाताओं की बीमार पड़ने से मृत्यु हो गई। चुनाव आयोग एवं कई गैरसरकारी संगठनों के विशेष अभियानों के बावजूद राज्य की राजधानी हैदराबाद और अन्य शहरी इलाकों में मतदान काफी कम हुआ।

हैदराबाद में सिर्फ 39.97 प्रतिशत और उससे लगे मेडचल मल्काजगिरी व रंगारेड्डी जिलों में मतदान क्रमश: 49.25 और 53.03 प्रतिशत रहा।

मेडक में सबसे अधिक 80.28 प्रतिशत मतदान हुआ, 80.23 प्रतिशत मतदान के साथ जनगांव दूसरे स्थान पर रहा।

गुरुवार को 3.26 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने 2,290 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला किया, इनमें 221 महिलाएं और एक ट्रांसजेंडर शामिल है। उम्मीदवारों में सात सांसद, 104 वर्तमान विधायक और पांच विधान परिषद सदस्य शामिल हैं।

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BRS और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला

राज्य में सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (BRS) और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला है। जहां बीआरएस लगातार तीसरी बार सत्ता हासिल करने के लिए प्रयासरत है। वहीं, कांग्रेस राज्य में पहली बार सरकार बनाने के प्रति आश्वस्त है। बीआरएस राज्य की सभी 119 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। कांग्रेस ने एक सीट अपनी सहयोगी पार्टी भाकपा के लिए छोड़ी है।

भाजपा चुनाव मैदान में तीसरी प्रमुख प्रतिद्वंद्वी है और वह सत्ता विरोधी मतों को काटकर चुनाव नतीजों को प्रभावित कर सकती है। भाजपा ने 111 सीटों पर अपने उम्मीदवाद उतारे हैं और आठ सीटें अभिनेता से राजनेता बने पवन कल्याण के नेतृत्व वाले अपने सहयोगी दल जन सेना पार्टी (JSP) के लिए छोड़ी हैं।

बसपा 107 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। बीआरएस का मित्र दल एआईएमआईएम नौ सीटों पर चुनाव लड़ रहा है और ये सभी सीटें हैदराबाद में हैं। राज्य की बाकी सीटों पर एआईएमआईएम ने बीआरएस का समर्थन करने का एलान किया है। माकपा ने 19 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं।

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चुनाव परिणाम- 2018

बता दें कि 2018 के चुनाव में बीआरएस को 119 में से 88 सीटों पर जीत हासिल हुई थी और उसे 47.4 प्रतिशत वोट मिले थे। कांग्रेस दूसरे स्थान पर रही थी और उसे सिर्फ 19 सीटें मिली थीं।