विधानसभा चुनाव : त्रिपुरा में वोटिंग हुई खत्म

विधानसभा चुनाव : त्रिपुरा में वोटिंग हुई खत्म

अगरतला- त्रिपुरा की 60 विधानसभा सीटों पर सुबह 7 बजे से जारी वोटिंग खत्म हो गई। चुनाव के नतीजे 2 मार्च को घोषित होंगे। दोपहर 3 बजे तक 69.96 प्रतिशत मतदान हो चुका है। गौरतलब है कि 2018 में त्रिपुरा में 90त्न मतदान हुआ था और भाजपा ने सरकार बनाई थी। इस बार राज्य में कुल 3,337 पोलिंग बूथ बनाए गए थे। सिंगल फेज में हुए चुनाव में राज्य की 28.13 लाख जनता 259 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला किया। यह चुनाव 2023 का पहला चुनाव है। उधर,भाजपा-कांग्रेस को ट्विटर पर वोटिंग अपील करना भारी पड़ गया। चुनाव आयोग ने दोनों दलों को आचार संहिता उल्लंघन के मामले में नोटिस भेजा है। भाजपा महासचिव दिलीप सैकिया को भी इसी मामले में नोटिस भेजा गया है।

पूर्व सीएम मनिक सरकार ने आरोप लगाया कि जिन लोगों को वोट नहीं डालने दिया गया उन्होंने दूसरों को भी वोटिंग से रोका। साउथ त्रिपुरा के 36- शांतिर बाजार में कलाचेरा बूथ के बाहर एक सीपीएल समर्थक की पिटाई कर दी। पुलिस ने घायल को अस्पताल पहुंचाया। हरिपुर गांव के (दासपारा) ऋषिमुख में हमला कर मतदाताओं को वोट डालने से रोका गया। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। वोटिंग शुरू होने से पहले पीएम मोदी ने युवाओं से रिकॉर्ड मतदान करने की अपील की।

बीजीपी विधायकों खरीदने का सोचा है : प्रद्योत 

उधर मतदान के बीच टिपरा मोथा प्रमुख प्रद्योत माणिक्य देबबर्मा का बयान सुर्खियों में आ गया है। प्रद्योत ने कहा है कि अगर उनकी पार्टी बहुमत हासिल नहीं कर पाती तो वे बीजेपी विधायकों को खरीदने के बारे में सोच रहे हैं। चुनाव के बाद गठबंधन और खरीद-फरोख्त के सवाल पर देबबर्मा बोले- ‘मैं अपने महल के कुछ हिस्से को बेचकर भाजपा के 25-30 विधायकों को खरीदने के बारे में सोच रहा था। मेरे पास पैसा ही पैसा है।’ प्रद्योत ने कहा, ‘ऐसा क्यों माना जाता है कि केवल हम बिकाऊ हैं? सिर्फ हम पर ही सवाल क्यों उठाए जाते हैं? बीजेपी वालों को भी खरीदा जा सकता है।’

संन्यास की खबरों को भी नकारा

प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा के बारे में यह कहा जा रहा था कि वे त्रिपुरा चुनाव का रिजल्ट आने के बाद राजनीति छोड़ देंगे। वे कभी भी बुबागर (राजा) के रूप में वोट नहीं मांगेंगे। अब खुद प्रद्योत ने इसे अफवाह बताया है। बुधवार को एक इंटरव्यू में प्रद्योत ने कहा कि, ‘मैं कहीं नहीं जा रहा हूं। मेरी बात का गलत मतलब निकाला गया। मैंने कहा था कि मैं मंगलवार को आखिरी बार वोट मांगने आया हूं, क्योंकि वह प्रचार का आखिरी दिन था।’

1100 बूथ संवेदनशील, 28 पर की सुरक्षा 

मुख्य निर्वाचन अधिकारी गित्ते किरणकुमार दिनकरराव ने कहा कि 3,337 में से 1,100 बूथ संवेदनशील हैं, जबकि 28 बूथ अति-संवेदनशील हैं। राज्य में धारा 144 लागू है। साथ ही 25 हजार सुरक्षा बल भी तैनात किए गए। राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा और बीजेपी-कांग्रेस गठबंधन के अलावा इस बार एक नई पार्टी भी चुनावी मैदान में उतरी। इस नई पार्टी का नाम टिपरा मोथा है, जिसका नेतृत्व पूर्व शाही वंशज प्रद्योत माणिक्य देबबर्मा ने किया। टिपरा मोथा को नेशनल पार्टीज से उलट लोकल होने का फायदा मिल सकता है। टिपरा मोथा ने ग्रेटर टिपरालैंड को अपना चुनावी एजेंडा बनाया। पार्टी ने 42 सीटों पर चुनाव लड़ा। जिनमें 20 आदिवासी बहुल इलाके थे। गौरतलब है कि ग्रेटर टिपरालैंड के जरिए त्रिपुरा की स्थानीय जनजातियों के लिए अलग राज्य बनाने की मांग की जा रही है।