स्थायी पदों को खत्म कर ठेकेदारी प्रथा को दे रहे बढ़ावा - कुमारी सैलजा

वोकेशनल टीचर्स को कौशल रोजगार निगम का हिस्सा बनाना गलत, स्कूलों में टीचर्स भी गलत तरीके से रखे गए, सिर्फ स्थायी नियुक्ति हों

स्थायी पदों को खत्म कर ठेकेदारी प्रथा को दे रहे बढ़ावा - कुमारी सैलजा
चंडीगढ़। अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी की महासचिव एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकारी नौकरियों में स्थायी पदों को धीरे-धीरे खत्म करके भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार ठेकेदारी प्रथा को बढ़ावा दे रही है। वोकेशनल टीचर्स को हरियाणा कौशल रोजगार निगम लिमिटेड (एचकेआरएनएल) का हिस्सा बनने का अल्टीमेटम जारी करना सरासर गलत है। इससे पहले स्कूलों में टीचर्स भी इसी एचकेआरएनएल के माध्यम से गलत तरीके से ठेके पर रख लिए गए, जबकि सरकारी महकमों में सिर्फ स्थायी नियुक्तियां होनी चाहिएं।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि एचकेआरएनएल का गठन सिर्फ और सिर्फ ठेकेदारी प्रथा को बढ़ावा देने के लिए किया गया है। एचकेआरएनएल का न कोई नियम है और न ही नीति है। यह सिर्फ स्थायी भर्ती को हमेशा के लिए खत्म करने के षड्यंत्र का चेहरा है। क्योंकि, गठबंधन सरकार विधानसभा में खुद स्वीकार कर चुकी है कि उसने एचकेआरएनएल के माध्यम से एक लाख 64 हजार कर्मियों की तैनाती है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इससे साफ जाहिर होता है कि बिना किसी जांच, नियम, वेरिफिकेशन के भर्ती की गई है। क्योंकि, हरियाणा लोक सेवा आयोग व हरियाणा कर्मचारी आयोग, दोनों मिलकर भी साढ़े 8 साल के अंदर इतनी भर्ती नहीं कर पाए हैं। जबकि, एचकेआरएनएल के जरिए करीब डेढ़ साल में ही इतना सब कर लिया गया।
कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकारी स्कूलों में इस समय 2200 वोकेशनल टीचर कार्यरत हैं। इनमें से ज्यादातर 7 साल से कार्यरत हैं और इन्हें प्रतिमाह 32500 रुपये वेतन मिल रहा है। लेकिन, अब एचकेआरएनएल में शिफ्ट होने के लिए मैसेज व लिंक भेजे जा रहे हैं। ऐसा होने के बाद इनका वेतन 15 से 17 हजार रुपये महीना रह जाएगा। गठबंधन सरकार इन्हें सीधे तौर पर ठेके पर लगाने को तुली हुई है, जबकि इनकी सेवाओं को देखते हुए इन्हें पक्का किया जाना चाहिए था। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एचकेआरएनएल की भर्तियां सही मायनों में गुजरात पैटर्न है। इससे पहले गुजरात में भी इसी तरह से तमाम विभागों में फिक्स तनख्वाह पर कर्मी रखे गए हैं, ताकि उन्हें पक्के कर्मचारियों की तरह ग्रेड न देना पड़े। उसी गुजरात पैटर्न को हरियाणा में लागू किया जा रहा है, जिसके आने वाले समय में भयावह परिणाम यहां के युवाओं के सामने होंगे। इसलिए अपने मुंह मियां मिट्ठू बनने की बजाए गठबंधन सरकार को तुरंत प्रभाव से एचकेआरएनएल भंग करते हुए तमाम भर्तियां नियमित व स्थायी करानी चाहिए।