महाराष्ट्र में दो उपमुख्यमंत्री आमने-सामने

फडणवीस के पत्र पर अजित पवार का आया बयान

महाराष्ट्र में दो उपमुख्यमंत्री आमने-सामने

महाराष्ट्र :  राजनीति में तब नया भूचाल देखने को मिला जब राज्य के दो उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार आमने सामने दिखाई देने लगे। हम आपको बता दें कि देवेंद्र फडणवीस ने राकांपा विधायक और पूर्व मंत्री नवाब मलिक का सत्तारुढ़ खेमे के साथ जुड़ने का सार्वजनिक रूप से विरोध किया तो गठबंधन सरकार में दरार सामने आ गयी। फडणवीस ने अजित पवार को खुला पत्र लिख कर कहा कि नवाब मलिक जिन आरोपों का सामना कर रहे हैं उन्हें देखते हुए हमारी राय है कि उन्हें महायुति में शामिल करना उचित नहीं होगा।

फडणवीस के पत्र के मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए अजित पवार ने कहा है कि नवाब मलिक को इस बात की कोई जानकारी नहीं थी कि एनसीपी में हमारे गुट ने महायुति के साथ जाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि विधानसभा के शीतकालीन सत्र के मौके पर पहली बार हॉल में आये थे। अजित पवार ने कहा कि वह किस गुट के साथ हैं, इसे लेकर उन्होंने अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है। उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा है कि मैं इस सब पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने के बाद प्रतिक्रिया दूंगा। देखा जाये तो अजित पवार की प्रतिक्रिया सांकेतिक और बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। माना जा रहा है कि संभावना है कि भविष्य में नवाब मलिक को अजित पवार गुट से दूरी दे दी जाएगी।

इस बीच, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने भाजपा को “भ्रष्ट जुमला पार्टी” बताया है और उस पर महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक का “अपमान” करने व अजित पवार समूह को "फंसाने" का आरोप लगाया है। सुप्रिया सुले ने कहा, 'मैंने फडणवीस का वह पत्र पढ़ा है और जिस तरह से नवाब मलिक का अपमान किया गया है वह गलत है।' 

वहीं शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के सांसद संजय राउत ने कहा, "... जब प्रफुल्ल पटेल UPA की सरकार में मंत्री थे तब इसी मुद्दे पर भाजपा ने सोनिया गांधी पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा कि फडणवीस जी की प्रफुल्ल पटेल के बारे में क्या राय है? उन्होंने कहा कि हसन मुश्रीफ, अजित पवार, भावना गवली... ऐसे कितने ही नाम हम ले सकते हैं। आपने जिसके साथ सरकार बनाई है वह तो पूरी करप्ट पार्टी आपके साथ बैठी है तो सिर्फ नवाब मलिक के ऊपर हमला क्यों?"

जहां तक फडणवीस की ओर से लिखे गये पत्र की बात है तो आपको बता दें कि उन्होंने अपने पत्र में कहा कि नवाब मलिक को एक विधायक के रूप में विधानसभा की कार्रवाई में भाग लेने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि भाजपा की उनके खिलाफ कोई व्यक्तिगत दुश्मनी या द्वेष नहीं है। लेकिन जिस प्रकार के आरोपों का वह सामना कर रहे हैं, उसे देखते हुए हमारा मानना है कि उन्हें महायुती में शामिल करना उचित नहीं होगा।

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार को लिखे पत्र में यह भी कहा कि नवाब मलिक स्वास्थ्य संबंधी कारणों से जमानत मिलने की वजह से जेल से बाहर आए हैं। उन्होंने पत्र में लिखा ‘‘हम मानते हैं कि आपकी पार्टी में किसे शामिल करना चाहिए, यह तय करने का अधिकार आपको है। लेकिन (महायुति के) हर घटक को सोचना होगा कि क्या इससे गठबंधन को नुकसान होगा। इसलिए हम इसका विरोध करते हैं।’’

हम आपको याद दिला दें कि भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों से जुड़े धनशोधन के मामले में ईडी ने फरवरी 2022 में नवाब मलिक को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के समय नवाब मलिक उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। नवाब मलिक ने बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में भाग लिया। वह सदन में सबसे अंतिम पंक्ति में, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट के एक विधायक के पास में बैठे थे।

जेल से रिहाई के बाद नवाब मलिक ने पहली बार विधानमंडल के सत्र में हिस्सा लिया था। इस मुद्दे पर सत्ता पक्ष को घेरते हुए कांग्रेस नेता एवं विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने एक बयान में दावा किया था कि दिन में प्रस्तुत की गईं पूरक मांगों में धन आवंटन से ‘‘वस्तुत: नवाब मलिक को फायदा होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘नवाब मलिक ने अजित पवार को समर्थन देने वाला एक हलफनामा दाखिल किया है। वडेट्टीवार ने साथ ही कहा कि सरकार उन्हें अपने पक्ष में चाहती है ‘‘लेकिन आधिकारिक तौर पर नहीं।'' 

इससे पहले दिन में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता अंबादास दानवे और सुषमा अंधारे ने नवाब मलिक के सत्ता पक्ष में शामिल होने को लेकर सरकार पर निशाना साधा था। इसके बाद फडणवीस का यह पत्र सामने आया था। हम आपको एक बार फिर बता दें कि महाराष्ट्र में सत्तारुढ़ गठबंधन में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना शामिल हैं।