पूर्व कांग्रेसी मंत्री धर्मसोत तीन दिन की पुलिस रिमांड पर

रात भर विजिलेंस ऑफिस में पूछताछ हुई, आमदनी से 6 करोड़ ज्यादा खर्चे

पूर्व कांग्रेसी मंत्री धर्मसोत तीन दिन की पुलिस रिमांड पर

अमृतसर- आम आदमी पार्टी की सरकार में पूर्व कांग्रेसी मंत्री साधु सिंह धर्मसोत की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। विजिलेंस ने सोमवार धर्मसोत को गिरफ्तार कर लिया है। साधू सिंह धर्मसोत की गिरफ्तारी का यह पहला मामला नहीं है। आप की सरकार बनने के बाद वह दूसरी बार गिरफ्तार किए गए हैं। इससे पहले जंगलात मामले में उनकी गिरफ्तारी हुई थी। साधू सिंह धर्मसोत को बाद दोपहर विजिलेंस ब्यूरो मोहाली कोर्ट में पेश किया गया। विजिलेंस ने 7 दिन की रिमांड हासिल की थी। लेकिन कोर्ट ने दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद धर्मसोत को तीन दिन के लिए पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। धर्मसोत ने इस दौरान कहा कि उन्होंने कोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रख दिया है, जो भी फैंसला लिया जाएगा, मंजूर होगा। विजिलेंस अधिकारी और अधिक संपत्ति का ब्योरा हासिल करना चाहती है। अभी तक की जांच में सामने आया है कि 1 मार्च 2016 से 31 मार्च 2022 तक की अवधि के दौरान धर्मसोत और उनके परिवार की आय 2 करो? 37 लाख 12 हजार 596 रुपए थी, जबकि खर्च 8 करो? 76 लाख 30 हजार 888 रुपए था। इसमें 6 करो? 39 लाख रुपए उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से 269 प्रतिशत अधिक है।

जंगलात घोटाले में 500 रुपए प्रति पेड़ वसूले

धर्मसोत का दूसरा घोटाला जंगलात विभाग घोटाला था, जिसमें उनकी गिरफ्तारी हो चुकी है और वह जमानत पर बाहर हैं। इस घोटाले में उनके साथ संगत सिंह गिलजियां का नाम भी सामने आया था। धर्मसोत पर आरोप है कि उन्होंने एक पेड़ कटाई के बदले 500 रुपए रिश्वत ली। इससे उनके करीब सवा करोड़ रिश्वत लेने का पता चला। जिसके बाद विजिलेंस ने उन्हें अमलोह स्थित घर से अरेस्ट कर लिया था। जिसके बाद से वह जेल में बंद रहे। इसी केस में संगत सिंह गिलजियां भी आरोपी हैं।

स्कॉलरशिप घोटाला, जिसमें कांग्रेस ने दी थी क्लीन चिट

आय से अधिक संपत्ति व जंगलात विभाग घोटाले के बाद अब स्कॉलरशिप घोटाले में आम आदमी पार्टी की सरकार कार्रवाई कर सकती है। जंगलात घोटाला सामने आने के बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान स्कॉलरशिप घोटाले को लेकर भी सीरियस हो गए थे।

2020 में सामने आया घोटाला

पंजाब में केंद्र की मदद से स्ष्ट स्टूडेंट्स को पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप दी जाती है। साधु सिंह धर्मसोत कैप्टन अमरिंदर सिंह के ष्टरू रहते पंजाब सरकार में सामाजिक सुरक्षा मंत्री थे। उन पर आरोप लगे कि स्कॉलरशिप बांटने में धांधली हुई। 39 करोड़ रुपए बांटने का कोई रिकॉर्ड ही नहीं मिला। इसमें शक जताया गया कि जो कॉलेज हैं ही नहीं, उन्हें नाम पर यह रकम ह?पी गई। यही नहीं, जिन कॉलेज-यूनिवर्सिटी से 8 करोड़ वसूलने थे, उन्हें 16.91 करो? और जारी कर दिए गए।

कैप्टन सरकार में मिली थी क्लीन चिट

कैप्टन सरकार के वक्त भी स्कॉलरशिप घोटाले की जांच हुई। तब दावा किया गया कि धर्मसोत को घोटाले से क्लीन चिट मिल चुकी है। हालांकि बाद में अफसरों ने कहा कि किसी को क्लीन चिट नहीं दी गई है। सरकार और अफसर पूरे मामले को गोलमोल करते रहे। वहीं आम आदमी पार्टी लगातार धर्मसोत की कैबिनेट से बर्खास्तगी की मांग करती रही। कैप्टन को सीएम कुर्सी से हटाया तो कांग्रेस ने धर्मसोत को फिर मंत्री नहीं बनाया।