कॉलेजियम ने उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश के रूप में 13 न्यायिक अधिकारियों के नाम सुझाए

दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति के लिए न्यायिक अधिकारियों-शालिंदर कौर और रविंदर डुडेजा के नाम की सिफारिश की

कॉलेजियम ने उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश के रूप में 13 न्यायिक अधिकारियों के नाम सुझाए

केरल : प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम ने विभिन्न उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति के लिए 13 न्यायिक अधिकारियों के नामों की सिफारिश की है। कॉलेजियम में न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना भी शामिल हैं। इसने दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति के लिए न्यायिक अधिकारियों-शालिंदर कौर और रविंदर डुडेजा के नाम की सिफारिश की। कॉलेजियम ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने अपने दो वरिष्ठतम सहयोगियों के परामर्श से 30 मई को न्यायिक अधिकारियों को उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत करने की सिफारिश की थी।

कॉलेजियम ने कहा कि विविधता और समावेशन को बढ़ावा देने के लिए पीठ में महिलाओं के लिए अधिक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने की जरूरत है। इसने कहा कि वह इस तथ्य से अवगत है कि कौर 30 सितंबर, 2023 को दिल्ली उच्च न्यायिक सेवा से सेवानिवृत्त हुई हैं। इसने कहा, ‘‘इसके बावजूद, इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि अधिकारी का एक अच्छा ट्रैक रिकॉर्ड है और उनके पास योग्यता एवं सत्यनिष्ठा दोनों हैं, कॉलेजियम का विचार है कि वह दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के लिए उपयुक्त हैं।’’ दिल्ली उच्च न्यायिक सेवा अधिकारी के लिए सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष है जबकि उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के लिए यह 62 वर्ष है।

कॉलेजियम ने डुडेजा के संबंध में कहा कि निर्णय मूल्यांकन समिति ने अधिकारी द्वारा लिखे गए निर्णयों को ‘ए’ रेटिंग दी है। इसने कहा, ‘‘फाइल में सरकार द्वारा किए गए मूल्यांकन में अधिकारी की सत्यनिष्ठा या प्रतिष्ठा के प्रतिकूल कोई टिप्पणी नहीं है। न्यायिक सेवा में अधिकारी के लंबे अनुभव, योग्यता और निष्ठा को ध्यान में रखते हुए, कॉलेजियम का मानना है कि अधिकारी दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के लिए उपयुक्त हैं।’’ कॉलेजियम ने कहा, ‘‘उपरोक्त प्रस्तावों पर विचार करते समय, हमने इस तथ्य पर भी ध्यान दिया है कि उपरोक्त प्रस्ताव में एक वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी की सिफारिश शामिल नहीं है। उनके नाम की अनुशंसा न करने के लिए उच्च न्यायालय के कॉलेजियम द्वारा ठोस कारण दिए गए हैं।

इसलिए, हम उनके नाम की सिफारिश नहीं करने के लिए उच्च न्यायालय के कॉलेजियम से सहमत हैं।’’ वहीं, एक अन्य फैसले में, कॉलेजियम ने केरल उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति के लिए पांच न्यायिक अधिकारियों के नामों की सिफारिश की। इनमें एम. बी. स्नेहलता, जॉनसन जॉन, जी. गिरीश, सी. प्रतीपकुमार और पी. कृष्णा कुमार शामिल हैं। इसने बंबई उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के रूप में पदोन्नति के लिए तीन न्यायिक अधिकारियों - अभय जयनारायणजी मंत्री, श्याम छगनलाल चांडक और नीरज प्रदीप धोटे के नाम की भी सिफारिश की।

इनके अलावा, उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम ने न्यायिक अधिकारी विमल कन्हैयालाल व्यास को गुजरात उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश की और न्यायिक अधिकारियों-बिस्वजीत पालित तथा सब्यसाची दत्ता पुरकायस्थ को त्रिपुरा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत करने की सिफारिश की। इसने अधिवक्ता रवींद्र कुमार अग्रवाल की नियुक्ति पर केंद्र द्वारा उठाई गई आपत्तियों को खारिज करते हुए उन्हें छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश की। कॉलेजियम ने एक अन्य निर्णय में आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के रूप में चार अधिवक्ताओं- हरिनाथ नुनेपल्ली, किरणमयी मंडावा, सुमति जगदम और एन. विजय के नामों की सिफारिश की।