कुमारस्वामी ने कांग्रेस सरकार पर लगाया आरोप

आईएएस अधिकारी राज्य की क्षमता और दक्षता के प्रतीक हैं

कुमारस्वामी ने कांग्रेस सरकार पर लगाया आरोप

बेंगलुरु : कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने मंगलवार को राज्य की कांग्रेस सरकार पर नए आरोप लगाए और दावा किया कि भारतीय सिविल सेवा (आईएएस) के अधिकारियों का इस्तेमाल राजनेताओं की सेवा के लिए द्वारपाल के रूप में किया जाता है। कुमारस्वामी ने ट्वीट किया, वे सिर्फ अधिकारी नहीं हैं, आईएएस अधिकारी राज्य की क्षमता और दक्षता के प्रतीक हैं। वे राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन अधिकारियों को राजनेताओं की सेवा के लिए द्वारपाल के रूप में तैनात करना सत्तारूढ़ दल के अहंकार की ऊंचाई को दर्शाता है।

कुमारस्वामी ने कहा, यह अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है। उन्होंने कहा, मैं आश्चर्यचकित और स्तब्ध था कि अधिकारी यह जानते हुए भी इस काम को करने के लिए सहमत हुए कि इससे उनके आत्मसम्मान और मान-सम्मान को ठेस पहुंचेगी। ऐसा विवादास्पद आदेश जारी करने वाले मुख्य सचिव लोगों के प्रति जवाबदेह हैं। श्री कुमारस्वामी ने कहा कि पूंजीवादी कांग्रेस पार्टी ने राज्य में आईएएस बंधुआ मजदूरी नीति पेश की है और इस प्रकार देश में एक नई औपनिवेशिक प्रशासनिक प्रणाली की शुरुआत हुई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 135 सीटें देने की अपनी गलती के लिए कन्नडिगाओं के प्रति अत्यधिक अहंकार दिखाया है।

उन्होंने ट्वीट किया, सतयुग में, हिरण्यकश्यप अष्टदिक्पालकों (आठों दिशाओं के संरक्षक) को अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए उपयोग किया था जिसकी वजह से उसका नाश हुआ। कांग्रेस ने भी अपने गठबंधन सहयोगियों के द्वारपाल के रूप में 30 आईएएस अधिकारियों को तैनात करके अपने पतन की शुरुआत की है। कुमारस्वामी ने कहा, गठबंधन बनाकर सत्ता हासिल करने के लालच में कांग्रेस ने कर्नाटक के गौरव, विरासत और स्वाभिमान का अंतिम संस्कार कर दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस द्वारा अपने गठबंधन नेताओं की सेवा के लिए आईएएस अधिकारियों को तैनात करना गलत है।

कुमारस्वामी ने कहा कि यह न तो राज्य सरकार का कार्यक्रम है, न ही नई सरकार का शपथ ग्रहण, बल्कि यह सिर्फ एक राजनीतिक बैठक है और अपने गठबंधन के राजनीतिक नेताओं की मेजबानी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को तैनात करना 6.5 करोड़ कन्नड़वासियों के साथ घोर अन्याय और बड़ा अपमान है।