घुसपैठियों के समर्थन पर खड़ा है तृणमूल का वोट बैंक: शाह

उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस, तृणमूल और वामपंथी दल सीएए का विरोध कर रहे हैं और उन्होंने उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम लला मंदिर की स्थापना का भी विरोध किया था

घुसपैठियों के समर्थन पर खड़ा है तृणमूल का वोट बैंक: शाह

राणाघाट, 10 मई (वार्ता) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल सरकार पर देश की पहले नंबर की भ्रष्ट सरकार होने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि उनका वोट बैंक पूरी तरह से घुसपैठियों के समर्थन पर खड़ा है। श्री शाह ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मौजूदा सांसद जगन्नाथ सरकार के पक्ष में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा, “देश में कोई भी नागरिकता संशाेधन अधिनियम (सीएए) को लागू करने और मतुआ समुदाय के शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने से नहीं रोक सकता।” उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस, तृणमूल और वामपंथी दल सीएए का विरोध कर रहे हैं और उन्होंने उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम लला मंदिर की स्थापना का भी विरोध किया था।

भाजपा नेता ने कहा, “क्या वे राम लला मंदिर का निर्माण रोकने में सफल हुए हैं? नहीं, वे ऐसा नहीं कर सके क्योंकि यहां के मतदाताओं ने 2019 में नरेंद्र मोदी को दूसरी बार प्रधान मंत्री बनाया, और राम लला को आखिरकार 22 जनवरी 2024 को प्रतिष्ठित किया गया।” उन्होंने मतदाताओं को करीब 14 मिनट तक बिना रुके संबोधित किया तथा राशन घोटाले से लेकर कोयला घुसपैठ, पशु तस्करी, शिक्षकों की नियुक्ति और मंत्री के आवास से गलत तरीके से कमाये गये पैसों की जब्ती समेत ममता बनर्जी सरकार के भ्रष्टाचार के कई मामले गिनाये।

श्री शाह ने कहा कि ममता बनर्जी सरकार मुफ्त राशन के बारे में भी झूठ बोल रही है, जो वास्तव में मोदी सरकार का योगदान है और अगले पांच वर्षों में भी जारी रहेगा। उन्होंने यह भी दावा किया कि संदेशखाली की महिलाओं को उनकी आस्था के आधार पर प्रताड़ित किया गया और कहा कि भाजपा किसी भी अपराधी को छूटने नहीं देगी। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि कांग्रेस, तृणमूल और वाम दल ने गठबंधन करके अनुच्छेद 370 को हटाने का विरोध करने की कोशिश की, लेकिन मोदी सरकार इसे निरस्त करने तथा जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को खत्म करने में सफल रही। श्री शाह ने लोगों से अपील की कि वे 400 का आंकड़ा पार करने के लिए ‘कमल’ के निशान को वोट देकर बंगाल में कम से कम 30 लोकसभा सीटों पर जीत सुनिश्चित करें।