असम कि पुलिस ने उल्फा (आई) पर जासूसी के आरोप का खंडन किया
पुलिस सीपीआरओ ने विशेष शाखा के अधिकारी होने के युवक के दावे को ‘‘पूरी तरह से झूठा’’ करार दिया।
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असम : पुलिस ने रविवार को उल्फा (आई) के उस आरोप को खारिज कर दिया कि पुलिस ने प्रतिबंधित संगठन में एक जासूस को भेजा था। कुछ घंटे पहले ही उल्फा (आई) ने अपने दावे के समर्थन में एक वीडियो जारी किया था।
असम पुलिस के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) ने वीडियो को पूरी तरह से झूठा बताते हुए खारिज कर दिया और संगठन के किसी भी सदस्य के रूप में अपने कर्मियों की संलिप्तता से इनकार किया।
इससे पहले, प्रतिबंधित संगठन ने 16 मिनट का एक यूट्यूब वीडियो प्रसारित किया था, जिसमें उनके शिविर के भीतर हिरासत में लिए गए एक युवक ने कथित तौर पर असम पुलिस की विशेष शाखा में उप-निरीक्षक होने की बात कबूल की थी।
वीडियो में, युवक ने कथित तौर पर स्वीकार किया कि उसे 2021 में पुलिस द्वारा भर्ती किया गया था और उसने उल्फा (आई) में घुसपैठ करने और इसकी गतिविधियों को बाधित करने के लिए महत्वपूर्ण जानकारी इकट्ठा करने के वास्ते अन्य लोगों के साथ प्रशिक्षण लिया था।
वीडियो के आधार पर सामने आईं मीडिया रिपोर्ट के जवाब में, पुलिस सीपीआरओ ने विशेष शाखा के अधिकारी होने के युवक के दावे को ‘‘पूरी तरह से झूठा’’ करार दिया।