जैविक विविधता (संशोधन) विधेयक लोकसभा से पारित

जैव विविधता अधिनियम 1992 में लाया गया था और पिछले लगभग 30 वर्ष में इससे जुड़ी विभिन्न समस्याएं सामने आई

जैविक विविधता (संशोधन) विधेयक लोकसभा से पारित

नई दिल्ली: लोकसभा में मणिपुर के मुद्दे पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच मंगलवार को जैविक विविधता (संशोधन) विधेयक, 2022 को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव ने संक्षिप्त चर्चा के जवाब में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार ने पिछले नौ वर्ष में विभिन्न क्षेत्रों में खासकर पर्यावरण के क्षेत्र में बहुत योगदान दिया है। जैव विविधता अधिनियम 1992 में लाया गया था और पिछले लगभग 30 वर्ष में इससे जुड़ी विभिन्न समस्याएं सामने आई इसलिए जैव विविधता संरक्षण के लिए तथा समान बंटवारे के लिए यह संशोधन किये जाने जरूरी हो गये थे।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने आयुष मंत्रालय बनाया जिसने जैव विविधता से जुड़े उत्पादों के उपयोग पर काम किया और इस क्षेत्र में अनुसंधान तथा आकदमिक सहयोग बढ़ाने के लिए संशोधन आवश्यक लगे और इस लिहाज से यह संशोधन विधेयक लाया गया।

श्री यादव ने कहा कि इस विधेयक को संसद की संयुक्त समिति को भेजा गया था जिसकी रिपोर्ट के आधार पर मौजूदा संशोधन विधेयक लाया गया है। केंद्रीय मंत्री के जवाब के बाद सदन ने ध्वनिमत से विधेयक को मंजूरी दे दी। इससे पहले भाजपा के संजय जायसवाल, अपराजिता सारंगी और बसपा के मलूक नागर ने संक्षिप्त चर्चा में हिस्सा लिया।