दिल्ली उच्च न्यायालय ने वेतन और पेंशन का भुगतान न करने पर एमसीडी को बंद करने की चेतावनी दी

सेवानिवृत्त कर्मियों को जनवरी तक का वेतन और पेंशन का भुगतान कर दिया है

दिल्ली उच्च न्यायालय ने वेतन और पेंशन का भुगतान न करने पर एमसीडी को बंद करने की चेतावनी दी

दिल्ली : उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) को संसाधन बढ़ाकर और सेवारत व सेवानिवृत्त कर्मचारियों का बकाया वेतन व पेंशन भुगतान करके सबकुछ ठीकठाक करने का आखिरी मौका दिया, और ऐसा न होने पर एमसीडी को बंद करने की चेतावनी दी।

उच्च न्यायालय ने कहा कि कर्मचारियों और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को वेतन का भुगतान न करने से संबंधित मामला लंबे समय तक खिंच रहा है। अदालत ने कहा कि सातवें वेतन आयोग के अनुसार कर्मचारियों का भुगतान करना एमसीडी का वैधानिक दायित्व है।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत पीएस अरोड़ा की पीठ ने कहा, अदालत ने एमसीडी के वकील को स्पष्ट कर दिया है कि वह वह एमसीडी द्वारा अपने संसाधनों को बढ़ाने के तरीके और साधन खोजने का इंतजार नहीं करेगी।

7वें वेतन आयोग के वेतन का भुगतान करना एक वैधानिक दायित्व है। यदि एमसीडी मूल वेतन देने की स्थिति में नहीं है तो परिणाम भुगतने होंगे।” अदालत एमसीडी कर्मचारियों और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को क्रमशः वेतन और पेंशन का भुगतान न करने से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।

सुनवाई के दौरान, एमसीडी के वकील ने अदालत को सूचित किया कि नगर निकाय ने कुछ कर्मचारियों और सेवानिवृत्त कर्मियों को जनवरी तक का वेतन और पेंशन का भुगतान कर दिया है और अन्य का बकाया 10 दिनों में चुका दिया जाएगा।

एमसीडी की आलोचना करते हुए पीठ ने कहा, यह मामला चार साल से खिंच रहा है और हम उस दिन का इंतजार कर रहे हैं जब आप अपने संसाधनों को बढ़ाएंगे।

हम नहीं जानते कि यह दिन कब आएगा। हम आपको एक सप्ताह या 10 दिनों मेंसबकुछ ठीक करने का आखिरी मौका दे रहे हैं अन्यथा हमें यह कहना होगा कि इस मामले को देखते हुए नगर निगम को बंद करने की जरूरत है।