सदाचार व भक्ति मार्ग पर चलकर ही मनुष्य तनाव से बाहर निकल सकता है - कृष्ण दास जी

कथावाचक आचार्य नितीन कृष्ण दास जी ने बताया कि धर्म के मार्ग का अनुसरण करते हुए सद् कर्म करने की शिक्षा दी गई है। जीवन की सभी दुविधाओं और समस्याओं का हल भगवान की भक्ति व नारी शक्ति की पूजा में मिलता है।

सदाचार व भक्ति मार्ग पर चलकर ही मनुष्य तनाव से बाहर निकल सकता है - कृष्ण दास जी

यमुनानगर -भाजपा जिलाध्यक्ष व श्रीमद् देवी भागवत कथा के मुख्य यजमान राजेश सपरा ने जानकारी देते हुए बताया कि सुंदर नगर यमुनानगर में आयोजित श्रीमद् देवी भागवत कथा में आज उनकी बिटिया याशिका सपरा का जन्मदिन बड़े ही श्रद्धा भाव से मनाया गया। बेटी याशिका सहित पूरे परिवार ने आरती की व शाम के समय कन्याओ का पूजन कर उन्हें भोजन कराया। श्रीमद देवी भागवत कथा सुनने से ही जीव का कल्याण हो जाता है।

कथावाचक आचार्य नितीन कृष्ण दास जी ने बताया कि धर्म के मार्ग का अनुसरण करते हुए सद् कर्म करने की शिक्षा दी गई है। जीवन की सभी दुविधाओं और समस्याओं का हल भगवान की भक्ति व नारी शक्ति की पूजा  में मिलता है।  अध्यात्मिक ज्ञान के अनुसरण करने से मनुष्य का जीवन बदल जाता है और व्यक्ति को उसके जीवन में आने वाली हर समस्याओं के समाधान के साथ-साथ हर काम में सफलता मिलती है।  व्यक्ति को अपने क्रोध पर काबू करना सीखना चाहिए। क्रोध आने पर व्यक्ति खुद पर नियंत्रण खो बैठता है और आवेश में आकर गलत काम कर बैठता है और क्रोध में लिए गए फैसले अक्सर गलत होतें है जिससे व्यक्ति आगे चलकर पछताता है इसलिए क्रोध आने पर खुद को शांत करने का प्रयास करें।

हर मनुष्य को आत्ममंथन जरूर करना चाहिए। आत्मज्ञान के जरिए ही व्यक्ति को अपने गुण और अवगुण के बारे में पता चलता है। आत्म मंथन व्यक्ति को सही गलत का निर्णय करने में मदद करता है, इसलिए कुछ समय अकेले रह कर आत्ममंथन जरूर करें,कथावाचक नितिन ने कहा कि  दुष्टों का संहार करने के लिए समय-समय पर मां देवी भगवती भिन्न-भिन्न रूपों में इस धरती पर अवतरित होती है और इस पृथ्वी को दुष्टों के अत्याचारों से मुक्त कराती है, मां भगवती देवी मां की परम कृपा अनुकंपा से पूरा विश्व से भय का अंत होता है,आज के समय की सबसे बडी जरूरत है कि समस्त संसार नारी शक्ति की महत्तवता को समझें

इस दौरान  नगर निगम मेयर मदन चौहान, प्रभजीत सिंह, इंदू सपरा,चिराग सपरा,याशिका सपरा,कपिल मनीष गर्ग,अमित अग्रवाल, सुशील कुमार, पंकज गर्ग,कमल मैहता,विनय अरोड़ा, नीरज पपनेजा, शालिनी नागपाल,ममता गुप्ता, कुसुम शर्मा, स्नेह, उर्मिला, शाशि, मीनू आदि सैंकडो श्रधालु मौजूद रहे।