गुरु पूर्णिमा पर योगी ने की नाथपंथ के गुरुजन की विशिष्ट पूजा’

गोरखपुर में स्थित गोरखनाथ मंदिर में गुरु पूर्णिमा पूजन का अनुष्ठान सुबह 05 बजे से 07 बजे तक चला।

गुरु पूर्णिमा पर योगी ने की नाथपंथ के गुरुजन की विशिष्ट पूजा’

गोरखपुर  - गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व पर सोमवार को गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिवावतार गुरु गोरक्षनाथ एवं नाथपंथ के गुरुजन की विशिष्ट पूजा की और साथ ही मंदिर की गौशाला में गौवंश की सेवा कर उन्हें गुड़ खिलाया।

गोरखपुर में स्थित गोरखनाथ मंदिर में गुरु पूर्णिमा पूजन का अनुष्ठान सुबह 05 बजे से 07 बजे तक चला। सामूहिक आरती के साथ अनुष्ठान की पूर्णता हुई। गोरक्षपीठाधीश्वर एवं सीएम योगी ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच सभी गुरुओं और मंदिर परिसर में मौजूद सभी देव विग्रहों के समक्ष विधि विधान के साथ पूजन किया। साथ ही देशवासियों को गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं दीं।

सोमवार सुबह मुख्यमंत्री ने सबसे पहले नाथपंथ के आदिगुरु भगवान गोरखनाथ के दरबार में हाजिरी लगाई। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच उनकी पूजा की। वह परिसर में मौजूद सभी देव.विग्रहों के पास पहुंचे और उनका पूजन किया। उसके बाद वह बारी.बारी से बाबा गंभीरनाथ, अपने दादागुरु ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ और गुरुदेव ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ समेत ब्रह्मलीन गुरुओं की समाधि पर गए। सभी का वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूजन कर आशीर्वाद लिया।

गोरखनाथ मंदिर में नाथपंथ की विशिष्ट परंपरा के अनुसार मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ ने गुरु गोरखनाथ को रोट का महाप्रसाद अर्पित किया। पूजा.अर्चना की आनुष्ठानिक प्रक्रिया सम्पन्न होने के बाद गुरु पूर्णिमा पर होने वाली परंपरागत सामूहिक महाआरती हुई तथा सभी गुरुओं के प्रति आस्था निवेदित की गई।

इस अवसर पर सभी नाथ योगियों ने भी गोरक्षपीठाधीश्वर का नाथ परम्परानुसार आशीर्वाद लिया।

गोरखनाथ मंदिर प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हमेशा की तरह मंदिर की गौशाला भी गए। यहां उन्होंने गौवंश को उनके नाम से पुकारा और उनके पास आने पर खूब दुलारा। अपने हाथों से उन्हें गुड़ खिलाया। योगी का दुलार पाकर गौवंश भाव विह्वल नजर आए। एक गौवंश योगी से इस कदर खेलने लगा कि मानो वह किसी बात पर रूठ गया हो। उन्होंने क्यों नाराज है यह कहकर उसके माथे व गर्दन को सहलाया तो वह स्नेहाभिभूत होकर उनसे लिपटने लगा।मुख्यमंत्री योगी की गौ सेवा का दृश्य नयनाभिराम था।