सरकारी कर्मियों का विश्वास खो चुकी हैं गठबंधन सरकार: कुमारी सैलजा

लिपिक, सुपवा स्टाफ समेत कई कर्मचारी संगठन पहले से ही हड़ताल और धरने पर, आशा वर्कर, रोडवेज कर्मी, पटवारियों ने भी किया हड़ताल का ऐलान

सरकारी कर्मियों का विश्वास खो चुकी हैं गठबंधन सरकार: कुमारी सैलजा
चंडीगढ : अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव,हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष, पूर्व केंद्रीय मंत्री और छत्तीसगढ़ की प्रभारी कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार पूरी तरह से कर्मचारी वर्ग का विश्वास खो चुकी है। कर्मचारियों से जो भी वादे किए गए थे, वे पूरे नहीं किए गए। लिहाजा लिपिक, सुपवा स्टाफ समेत कई कर्मचारी संगठन पहले ही हड़ताल और धरने पर चल रहे हैं, जबकि आशा वर्कर, रोडवेज कर्मी, पटवारियों ने भी हड़ताल का ऐलान कर दिया है। अब कर्मचारी सिर्फ चुनाव के इंतजार में हैं, ताकि इस सरकार को चलता किया जा सके।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि लिपिक वर्ग 05 जुलाई से हड़ताल पर है। इसकी वजह से तहसील व वाहन रजिस्ट्रेशन कार्यालय समेत अन्य सरकारी महकमों में पब्लिक डीलिंग के काम बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। लोग स्टाफ न होने की वजह से दफ्तरों के चक्कर काट कर वापस लौटने को मजबूर हैं। इतना ही नहीं कार्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों को वेतन तक नहीं बन पा रहा है ऐसे में उनका वेतन अटक सकता है। इन सबके बावजूद गठबंधन सरकार इनकी मांगों पर विचार नहीं कर रही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सुपवा रोहतक का स्टाफ अपनी डय़ूटी के समय कक्षाओं में जाकर छात्रों को पढ़ा भी रहा है और बाद में धरना भी दे रहा है, ताकि उनकी सुनवाई हो सके। लेकिन अभी तक सरकार ने उनकी कोई सुनवाई नहीं की। पटवारी दूसरे सर्कल का अतिरिक्त चार्ज छोड़ चुके हैं, लेकिन मांगे न माने जाने पर 10 अगस्त से हड़ताल पर जाने की चेतावनी भी सरकार को दे चुके हैं।
  उन्होंने कहा कि आशा वर्कर अपनी मांगों को लेकर 08 अगस्त से 03 दिन की हड़ताल पर जाने का ऐलान कर चुकी हैं। जबकि, रोडवेज में नए परमिट देने के विरोध में कर्मचारी यूनियन 17 अगस्त से सभी डिपो पर प्रदर्शन का ऐलान कर चुकी हैं। वहीं, बिजली कर्मचारी भी अपने धरने-प्रदर्शन की रूपरेखा जारी कर चुके है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इससे साफ होता है कि कोई भी कर्मचारी वर्ग मौजूदा प्रदेश सरकार से खुश नहीं है। किसी वर्ग के साथ सरकार ने वादाखिलाफी की है तो किसी की मांगों पर समय रहते विचार नहीं किया। किसी महकमे में निजीकरण के खिलाफ आवाज बुलंद हो रही है, तो कहीं पर कौशल रोजगार निगम के जरिए ठेके पर स्टाफ रखने पर नाराजगी है। अनुबंधित बिजली कर्मचारी धरना प्रदर्शन कर चुके हैं।
कुमारी सैलजा ने कहा कि पेंशन बहाली से लेकर वेतन आयोग की विसंगतियों के मुद्दे आज भी पेंडिंग हैं। सफाई कर्मियों, अध्यापक, लेक्चरर, कॉलेज प्राध्यापक, एनएचएम, स्वास्थ्य कर्मी, शहरी निकायों में सेवाएं देने वाले कर्मी, जनस्वास्थ्य कर्मी समेत प्रदेश के हजारों कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर लगातार आवाज बुलंद कर रहे हैं। कर्मचारियों की मांग है कि कौशल विकास निगम को भंग करते हुए कर्मचारियों की नियमित भर्ती की जाएं। उन्होंने सरकार की नीतियों और उसकी वायदा खिलाफ से नाराज कर्मचारियों को अब केवल चुनाव का ही इंतजार है वह वोट की चोट पर इस बार सरकार को सबक सिखाकर ही रहेगा।