रंगों के साथ परमात्मा के संग का रंग लगाना चाहिए - गीता

सभी बीती बातों को होली सो होली अर्थात उन्हें भूल कर स्नेह मिलन करना है, मुख से सदैव मीठा बोलने की मिठाई खानी व खिलानी है।

रंगों के साथ परमात्मा के संग का रंग लगाना चाहिए - गीता

रादौर- ब्रह्माकुमारी संस्था सुख शांति भवन शास्त्री कॉलोनी रादौर में होली का उत्सव बड़े ही उमंग उल्लास के साथ मनाया गया। काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने परमपिता परमात्मा के साथ होली का उत्सव मना कर परमात्म प्यार का अनुभव किया। इस अवसर पर रादौर सेंटर की मुख्य संचालिका ब्रह्माकुमारी गीता ने सभी को होली की हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि आज का त्यौहार रंग लगाने का स्नेह मिलन का व मुख मीठा करने का यादगार है। हमें उन रंगों के साथ परमात्मा के संग का रंग लगाना है।

सभी बीती बातों को होली सो होली अर्थात उन्हें भूल कर स्नेह मिलन करना है, मुख से सदैव मीठा बोलने की मिठाई खानी व खिलानी है। तभी सही अर्थों में हमारा जीवन सुख शांति प्यार आनंद खुशी आदि रंगों से सदा ही सजा सजाया रहेगा। मौके पर रजनी, आंचल ने भी मेडिटेशन के द्वारा कैसे परमात्मा से शक्ति लेकर अपनी बुराइयों को जलाना है, होलिका दहन करना है, उसका अनुभव कराया। सभी ने अद्भुत आनंद व शांति की अनुभूति की और परमात्मा के साथ सच्ची होली मनाई। इस अवसर पर मदन चोपड़ा, डॉ. शुभम सलूजा, धर्मवीर, बलवीर, दीपक अग्रवाल, देवराज, हुकुम चंद, दर्पण बेदी, विमला राणा, नेहा, ललतेश, संतोष आदि मौजूद रही।