चंद्रमा, सूरज और समुद्र पर भारत की विजय गाथा

चंद्रयान, आदित्य एल1 और समुद्रयान के बारे में जानें

चंद्रमा, सूरज और समुद्र पर भारत की विजय गाथा

नई दिल्ली : चंद्रयान 3 मिशन पर प्रधानमंत्री के विशेष सलाहकार दीपक वोहरा ने कहा कि पिछली बार आखिरी पांच या दस मीटर में कुछ दिक्कत हुई थी चंद्रयान 2 के दौरान। लेकिन इस बार कामयाबी 100 प्रतिशत नहीं बल्कि 500 प्रतिशत हमें मिलेगी। ये भारत के वैज्ञानिकों की जीत है। कुछ ही दिन के बाद आदित्य लॉन्च करेंगे जो सूरज की तरफ जाएगा। कुछ ही दिन के बाद हम समुंद्रयान की शुरुआत करेंगे। पहली बार मानव इतिहास में एक महीने के अंदर एक ही देश ने चंद्रमा पर, सूरज पर और समुंद्र पर विजय हासिल की है। 

क्या है आदित्य एल 1

जुलाई में चंद्रयान 3 सहित दो सफल मिशन लॉन्च के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) सूर्य के लिए अपने अगले बड़े मिशन के लिए तैयारी कर रहा है। सूत्रों ने पुष्टि की है कि आदित्य एल1 सूर्य के लिए भारत का पहला मिशन होगा और इस साल सितंबर की शुरुआत में लॉन्च होने की उम्मीद है। आदित्य एल1 का लक्ष्य चौबीसों घंटे सूर्य की इमेजिंग करने के अलावा सौर कोरोना, सौर उत्सर्जन, सौर हवाओं और ज्वालाओं, कोरोनल मास इजेक्शन (सीएमई) का अध्ययन करना है। एस्ट्रोसैट के बाद, यह वैज्ञानिक और अनुसंधान संस्थानों के सहयोग से किया गया इसरो का दूसरा खगोल विज्ञान मिशन/वेधशाला है। 

समुद्रयान मिशन क्या है

समुद्रयान प्रोजेक्ट भारत का पहला मानवयुक्त समुद्री मिशन है। इस मिशन का मकसद गहरे समुद्र में संसाधानों और जैव विविधिता पर रिसर्च करना है। इसके साथ ही इस मिशन में सबमर्सिल का उपयोग केवल एक्सप्लोरेशन के लिए किया जाएगा। इससे परिस्थितिकी तंत्र को न्यूनतम या शून्य क्षति पहुंचेगी।