लाइड एंड साउंड शो से आगरा किले में आईं दरारें

-जी-20 मेहमानों के लिए हुआ था शो -दीवान-ए-आम की दीवारें फटीं

लाइड एंड साउंड शो से आगरा किले में आईं दरारें

आगरा- जी-20 के मेहमानों के स्वागत के लिए आगरा किले के दीवान-ए-आम में लाइट एंड साउंड शो हुआ था। साउंड की धमक से दीवान-ए-आम की दीवार और छत में कई जगह दरारें आ गईं। दरारों का आकलन करने के लिए एसएसआई अधिकारियों ने भी किले का निरीक्षण किया है। दरार कितनी बड़ी हैं, इसके लिए टेल टेल ग्लास लगाया गया है।

मेहमानों के लिए हुआ था शो

आगरा में 11 और 12 फरवरी को टी-20 देशों के डेलिगेशन की बैठक थी। इनके लिए 11 फरवरी की शाम आगरा किला में महिला, बाल विकास और संस्कृति मंत्रालय ने प्रोजेक्शन मैपिंग और सांस्कृतिक प्रस्तुति का आयोजन किया था। इसके लिए दीवान-ए-आम में करीब 50 मीटर लंबा पर्दा लगाया गया था। इस पर्दे पर लेजर लाइट डाली गई थीं। साउंड एंड लाइट शो की तरह हुई प्रस्तुति में लाइट और साउंड का इस्तेमाल हुआ था। इसके लिए किले में जगह-जगह स्पीकर लगाए गए थे।

12 फरवरी को एएसआई के अधिकारी त्र-20 प्रतिनिधियों की ताजमहल की विजिट में व्यस्त रहे। बताया गया है कि अधिकारियों को सोमवार को पता चला कि किले के दीवान-ए-आम में कुछ जगह पर दरारें आई हैं। चूने का प्लास्टर भी झड़ गया है। इसके बाद अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ. राजकुमार पटेल, उप-अधीक्षण पुरातत्वविद सुनीता तेवतिया, सहायक अधीक्षण पुरातत्वविद नीरज वर्मा समेत अन्य अधिकारी आगरा किला पहुंचे।

उन्होंने स्मारक को पहुंची क्षति का आकलन किया। दीवान-ए-आम की दक्षिण दिशा में सीढिय़ों के नजदीक स्थित खंबे के ऊपर दीवार और छत में दरारें साफ नजर आ रही थीं। यहां कुछ जगहों से झड़ा चूने का प्लास्टर भी नजर आ रहा था। स्मारक की छत के ऊपर जाकर भी अधिकारियों ने स्मारक को पहुंची क्षति को देखा। स्मारक के इस हिस्से में पर्यटकों को रोकने के लिए बैरिकेडिंग की जा रही है। अधीक्षण पुरातत्वविद राजकुमार पटेल ने बताया कि विभागीय टीम ने दीवान-ए-आम का निरीक्षण किया है। विभाग द्वारा यह परीक्षण किया जा रहा है कि यह दरारें पहले से थीं या फिर कार्यक्रम के बाद आई हैं। जब भी कोई कार्यक्रम होता है तो उसके बाद निरीक्षण किया जाता है, जिससे पता लगाया जा सके कि कोई नुकसान तो नहीं हुआ है। कुछ दरारें पहले भी थीं।

दो से छह मिमी. तक की दरारें

दीवान-ए-आम की दीवार और छत में दो से लेकर छह मिलीमीटर की दरारें आई हैं। स्मारक की छत पर ऊपर की तरफ से दरारें अधिक गहरी हैं। दीवान-ए-आम की छत के निर्माण में मुगल काल में लगभग एक फीट मोटे पत्थरों के स्लैब डाले गए थे। वही आज तक यहां लगे हुए हैं।

रिहर्सल में बजा था तेज म्यूजिक

सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए 10 फरवरी को आगरा किला में रिहर्सल की गई थी। तेज आवाज में म्यूजिक सिस्टम बजाए जाने पर एएसआई के अधिकारियों ने आपत्ति जताई थी। अधिकारियों के आगरा किला से लौटने के बाद रात 12 से सुबह चार बजे तक तेज आवाज में रिहर्सल की गई। कर्मचारियों ने इसकी सूचना दी तो सांस्कृतिक प्रस्तुति के दिन तेज आवाज में म्यूजिक सिस्टम नहीं बजाने की ताकीद की गई थी। एएसआई द्वारा शो के लिए दी गई अनुमति में साउंड लेवल यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहरों के लिए निर्धारित मानक के अनुसार रखने को कहा गया था। 40 डेसीबल से अधिक की ध्वनि यहां नहीं की जा सकती थी।