पुरानी पेंशन स्कीम लागू करवाने की मांग को लेकर रेलवे कर्मचारियों ने उपायुक्त कार्यालय पर किया जोरदार प्रदर्शन

मांगों का ज्ञापन प्रधानमंत्री के नाम डीडीपीओ को सौंपा

पुरानी पेंशन स्कीम लागू करवाने की मांग को लेकर रेलवे कर्मचारियों ने उपायुक्त कार्यालय पर किया जोरदार प्रदर्शन

सोनीपत। नॉर्दन रेलवे मेंस यूनियन की तरफ से पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करने के लिए जिला प्रशासनिक अधिकारी को ज्ञापन दिया। ज्ञापन के दौरान सैकड़ों की संख्या में रेलवे कर्मचारी व अन्य संगठनों के पदाधिकारी शामिल हुए। सभा को संबोधित को नॉर्दन रेलवे मेंस यूनियन के सहायक शाखा सोनीपत के सचिव अनिल, ब्रांच यूथ कंवीनर नीरज, संदीप, दीपक, मनोज कुमार, सीटू के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने संबोधित किया।

उपरोक्त नेताओं ने केंद्र की भाजपा नेतृत्व वाली सरकार द्वारा रेलवे विभाग के निजीकरण के खिलाफ संघर्ष का ऐलान करते हुए कहा कि केंद्र सरकार लगातार देश के सबसे बड़े रोजगार के केंद्र रेलवे विभाग को निजीकरण करके बर्बाद कर रही है। रेलवे की संपत्ति को पूंजीपतियों के हाथों नीलाम किया जा रहा है। रेलवे में पक्की भर्ती करने की बजाय ठेकेदारी प्रथा के तहत काम करवाया जाता है। बढ़ती महंगाई के चलते सरकार कर्मचारियों के वेतन भत्तों में लगातार कटौती कर रही है, जिसके खिलाफ यूनियन लगातार संघर्ष कर रही है। वर्तमान समय में यूनियन का यह निर्णय है कि सन 2004 के अंदर भाजपा नेतृत्व वाली अटल बिहारी वाजपेई की सरकार के समय पुरानी पेंशन स्कीम खत्म कर नई पेंशन स्कीम लागू की गई थी, जिसके खिलाफ पूरे देश के केंद्र व राज्य के कर्मचारियों में भारी गुस्सा है।

देश के रेलवे कर्मचारियों ने निर्णय लिया है कि पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने के लिए पूरे देश के अंदर संघर्ष तेज किया जाएगा। आज मंगलवार को जिला लेवल पर प्रदर्शन करके पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने के लिए लिखित ज्ञापन प्रधानमंत्री के नाम यूनियन की तरफ से दिया गया। उन्होंने कहा कि अगर सरकार पुरानी पेंशन स्कीम लागू नहीं करती है और रेलवे कर्मचारियों की मांगों का समाधान नहीं सकती है तो आगामी लोकसभा चुनाव में सरकार को देश के करोड़ों कर्मचारियों के गुस्से का शिकार होना पड़ेगा। सरकार लगातार मजदूरों और कर्मचारियों के अधिकारों को खत्म कर रही है। चार लेबर कोड लागू करके मजदूर कर्मचारियों के कानूनों को और यूनियन बनाने के अधिकार को छीना जा रहा है। इसलिए मजदूर कर्मचारी विरोधी संसद में किए गए संशोधन तुरंत रद्द किए जाएं।

ठेकेदारी प्रथा खत्म की जाए, बेरोजगारों को रेलवे में पक्की नौकरी दी जाए, पुरानी पेंशन स्कीम लागू की जाए आदि मुद्दे संघर्ष का हिस्सा रहेंगे। सभा के समय जोरदार नारे लगाते हुए कर्मचारी एकता जिंदाबाद, रेलवे का निजीकरण बंद करो, इंकलाब जिंदाबाद, लड़ेंगे लड़ेंगे जीतेंगे जीतेंगे, हर जोर जुल्म की टक्कर में संघर्ष हमारा नारा है। प्रदर्शनकारियों को एडवोकेट श्रद्धानंद सोलंकी, एडवोकेट ब्रहम सिंह दहिया, कर्मचारी नेता सिलक राम मलिक, सीटू जिला प्रधान अनीता, आनन्द शर्मा, कर्मचारी नेता आनंद हुड्डा, नगर पालिका कर्मचारी यूनियन इकाई प्रधान भारत कंडेरा, ठेका सफाई कर्मचारियों के नेता अजय टॉक, मुकेश, बलजीत आदि ने संबोधित किया और रेलवे कर्मचारियों के आंदोलन का समर्थन किया । उन्होंने 5 अप्रैल को दिल्ली में किसान मजदूर संघर्ष दिल्ली में बढ़-चढ़कर भाग लेने का आह्वान किया।