विद्रोही ने रेणू भाटिया के बयान की कड़ी निंदा की

श्री विद्रोही ने गुरुवार को यहां जारी बयान में कहा कि भाजपा-संघी नेताओं एवं महिला नेत्रियों से पूछा कि यदि युवा लड़कियां होटलों में आरती करने की बजाय मौज-मस्ती करने के लिए जाती हैं तो क्या युवा लड़के होटलों में आरती, भक्ति करने एवं प्रभु का ध्यान लगाने के लिए जाते है?

विद्रोही ने रेणू भाटिया के बयान की कड़ी निंदा की

चंडीगढ़ - स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने हरियाणा महिला अयोग की अध्यक्ष एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेत्री रेणू भाटिया के महिलाओं, लडकियों के होटलों में जाने के संदर्भ में दिए बयान की कडी निंदा की है।

श्री विद्रोही ने गुरुवार को यहां जारी बयान में कहा कि भाजपा-संघी नेताओं एवं महिला नेत्रियों से पूछा कि यदि युवा लड़कियां होटलों में आरती करने की बजाय मौज-मस्ती करने के लिए जाती हैं तो क्या युवा लड़के होटलों में आरती, भक्ति करने एवं प्रभु का ध्यान लगाने के लिए जाते है?

रेणू भाटिया ने मंगलवार कैथल में एक काॅलेज में दावा किया कि होटलों में जाने वाली युवा लड़कियां जानती है कि वे वहां आरती करने नहीं जा रही, फिर कहती है कि हमारे साथ दुष्कर्म हो गया।

श्री विद्रोही ने कहा कि सुश्री भाटिया का आपत्तिजनक कथन बताता है कि ऐसी सोच की महिला किसी भी तरह महिला आयोग की अध्यक्ष-सदस्य बने रहने योग्य नहीं है। जिस महिला की ऐसी कुल्सित, छोटी सोच हो और होटल में जाने वाली युवा लड़कियों को चरित्रहीन समझती हो, ऐसी महिला क्या अन्य महिलाओं के अधिकारों की रक्षा कर पायेगी, यह आशा करना ही बेमानी है।

उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मांग की कि सुश्री भाटिया को राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष पद से तत्काल बर्खास्त किया जाये। वहीं भाजपा-संघी बताये कि क्या संघी पाठशाला में महिलाओं के प्रति ऐसी ही शिक्षा दी जाती है? महिला या लड़कियां यदि होटलों में केवल मौज-मस्ती के लिए जाती है तो संघी बहन-भाई यह भी बताये कि क्या पुरूष एवं युवा लड़के होटलों में आरती करने एवं प्रभु का ध्यान करने जाते है? पुरूषों-लड़कों का होटलों में जाना, वहां पार्टी करना, होटलों में रूकना कैसे उचित और महिलाओं, लडकियों का होटलों में जाना, वहां पार्टी करना कैसे अनुचित?

श्री विद्रोही ने पूछा कि क्या भाजपा-संघ लिंग भेद में विश्वास करता है? जब संवैधानिक पदों पर बैठी महिलाएं लिंग भेद की ऐसी सोच रखती है तो वे कानून, संविधान के अनुसार महिला-पुरूष को समान समझकर न्याय कैसे दिलवाऐगी?

उन्होंने कहा कि सुश्री भाटिया को राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष पद से बर्खास्त करके कड़ा संदेश दिया जाये कि हरियाणा में किसी भी हाल में किसी क्षेत्र में लिंग-भेद की सोच को स्वीकार नहीं किया जायेगा।