विनोद ने खरीफ फसलों की एमएसपी बढऩे का किया स्वागत

प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पीएसीएस) को साथ लेने की जोरदार वकालत की

विनोद ने खरीफ फसलों की एमएसपी बढऩे का किया स्वागत

नई दिल्ली : ‘ग्रामीण स्वयंसेवी संस्था परिसंघ’ (सीएनआरआई) के महासचिव और एमएसपी एवं कृषि सुधार समिति के सदस्य विनोद आनंद ने गुरुवार को खरीफ फसल के लिए घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का समर्थन करते हुए उसकी प्रशंसा की। सहकारी क्षेत्र से संबंध रखने वाले श्री आनंद ने किसानों से सीधे खरीदी में संरचनात्मक सुधार और मूल्य श्रृंखला के लोकतंत्रीकरण के लिए प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पीएसीएस) को साथ लेने की जोरदार वकालत की। उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने ज्वार, बाजरा, रागी और तिल जैसी फसलों की एमएसपी 2014-15 की तुलना में दो गुनी कर दी है, जबकि अन्य फसलों की दरों में 70 से 90 प्रतिशत बढ़ोतरी हो चुकी है। वैश्विक परिदृश्य को देखते हुए यह काफी उल्लेखनीय है।’

आनंद ने कृषि निर्यात में हुई प्रगति को रेखांकित करते हुए कहा कि वर्ष 2019-20 के 2.6 लाख करोड़ रुपये की तुलना में निर्यात 22.7 प्रतिशत बढक़र 3.2 लाख करोड़ रुपये रहा, जोकि 2021-22 में 21.6 प्रतिशत बढक़र 3.9 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। उन्होंने कहा कि कृषि निर्यात को और भी बढ़ावा देने के लिए भारत को एक क्रियाशील व्यापार नीति की आवश्यकता है। कृषि-निर्यात ढांचा, कृषि-मूल्य श्रृंखला, सैनिटरी और फाइटोसैनिटरी उपाय, व्यापार पर तकनीकी अवरोध (टीबीटी) और ट्रैक करने की क्षमता, निर्यात तौर-तरीके और प्रलेखन (डॉक्यूमेंटेशन) जैसे मुद्दों के समाधान के साथ-साथ वैल्यू-एडेड प्रसंस्करित और आर्गेनिक उत्पादों के निर्यात पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।

कृषि क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार पर उन्होंने कहा कि भारत में कृषि अनुसंधान में कृषि जीडीपी का कम से कम एक प्रतिशत सार्वजनिक निवेश करने की आवश्यकता है, जिससे निजी निवेश आकर्षित करने और सार्वजनिक-निजी क्षेत्र की भागीदारी के लिए सक्षम नीति का वातावरण बनेगा।