मतदाताओं ने लोकतंत्र को एकतंत्र बनने से रोक दिया: अखिलेश यादव

श्री यादव ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हो रही चर्चा में भाग लेते हुये कहा कि पिछले चुनावों में अवाम ने हुकूमत का गुरूर तोड़ दिया

मतदाताओं ने लोकतंत्र को एकतंत्र बनने से रोक दिया: अखिलेश यादव

नयी दिल्ली : समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को लोकसभा में मतदाताओं को धन्यवाद देते हुये कहा कि उन्होंने ऐसा जनादेश दिया जिसने लोकतंत्र को ‘एकतंत्र’ बनने से रोक दिया। श्री यादव ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हो रही चर्चा में भाग लेते हुये कहा कि पिछले चुनावों में अवाम ने हुकूमत का गुरूर तोड़ दिया। आज केन्द्र में हारी हुई सरकार विराजमान है। उन्होंने कहा कि जनता कह रही है कि यह गिरने वाली सरकार है। इंडिया गठबंधन की नैतिक जीत हुई है। सकारात्मक राजनीति की जीत हुई है।

उन्होंने कहा कि 15 अगस्त 1947 को देश को औपनिवेशिक शासन से मुक्ति मिली थी और चार जून 2024 को साम्प्रदायिक राजनीति से मुक्ति मिली है। सामुदायिक राजनीति की शुरुआत हुई है। साम्प्रदायिक राजनीति की हमेशा के लिये हार हुई है। धन, बल, छल की हार हुई है। उन्होंने कहा कि पिछले लोकसभा चुनावों में संविधान समर्थकों की जीत हुई है। श्री यादव ने कहा कि अब मनमर्जी नहीं, जनमर्जी चलेगी। उन्होंने परीक्षाओं में प्रश्नपत्र लीक होने का मुद्दा उठाते हुये कहा कि उत्तर प्रदेश में प्रत्येक परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक हो रहे हैं, वहां शिक्षा-परीक्षा माफिया का जन्म हुआ है। सरकार ने युवाओं के उम्मीदों को मार दिया है।उन्होंने कहा कि हजार साल के सपने दिखाने वाले अगले महीने पेपर लीक नहीं होंगे, इसकी गारंटी कब देंगे।

उन्होंने कहा कि एक और जीत हुई है, वह है, अयोध्या की जीत। उन्होंने अयोध्या के परिपक्व मतदाताओं को धन्यवाद देते हुये रामचरित मानस की एक चौपाई कही... होई वही जो राम रचि राखा।... उन्होंने कहा, “ जो कहते थे कि हम राम को लाये हैं, वही आज किसी के सहारे के लिये लाचार हैं। ” श्री यादव ने कहा कि वह चुनावों में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के इस्तेमाल के पहले भी विरोध में थे और जब तक इन्हें हटा नहीं दिया जाता, वह इनका विरोध करते रहेंगे। समाजवादियों को ईवीएम पर भरोसा नहीं है। उन्होंने पिछले लोकसभा चुनावों के दौरान चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाये। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी के प्रधानमंत्री आदर्श गांव का जिक्र करते हुये कहा कि आज उसका कोई नाम भी नहीं जानता। उस गांव की हालत खराब है। उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र के आदर्श गांव का बुरा हाल है तो अन्य आदर्श गांवों की क्या हालत होगी।

श्री यादव ने जाति जनगणना कराने की मांग करते हुये कहा कि बगैर इसके सभी को उनका हक दिला पाना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि उपयुक्त अभ्यर्थी न पाये जाने का बहाना लेकिन आरक्षण के हकदारों का हक छीना जा रहा है। सरकारी नौकरियों के रिक्त पद इसलिये नहीं भरे जा रहे हैं क्योंकि आरक्षण देना पड़ेगा। उन्होंने अग्निवीर व्यवस्था को अनुचित बताया और कहा कि इंडिया गठबंधन के सत्ता में आने पर इसे खत्म किया जायेगा। सपा अध्यक्ष ने कहा कि किसानों की हालत खराब है, किसानों की आय दुगुनी करने की बात कही गयी थी, लेकिन पिछले 10 वर्षों के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार के कार्यकाल में एक भी मंडी का निर्माण नहीं किया गया। न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी नहीं है। भारतीय जनता पार्टी के संतोष पांडे ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के सदन में हिन्दुओं के बारे में दिये गये बयान पर सवाल किया कि क्या हिन्दू हिंसक हो रहे हैं ? उन्होंने कहा कि इसी सदन में फिलिस्तीन जिंदाबाद कहा गया, क्या वह उचित था?

उन्होंने कहा कि इस तरह की बातें हिन्दू समाज को बदनाम करने का प्रयास हैं। श्री पांडे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में देश ने रक्षा से लेकर शिक्षा, हर क्षेत्र में उन्नति की है। तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी ने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि आयोग ने चुनावों के दौरान पश्चिम बंगाल में ‘मनमर्जी’ से बड़ी संख्या में अधिकारियों के तबादले किये थे और आयोग की ओर से वहां हर स्तर पर हस्तक्षेप किया गया। आयोग ने तृणमूल कांग्रेस की शिकायतों को नजरअंदाज किया। भाजपा के महताब भर्तहरि ने श्री बनर्जी के भाषण के दौरान अध्यक्ष की सहमति से हस्तक्षेप करते हुये कहा कि आयोग संवैधानिक संस्था है और सदन में उनकी ओर से जवाब देने के लिये कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि नियम के अनुसार जिन्हें सदन में आरोप का जवाब देने का मौका न मिले, उनके नाम का उल्लेख नहीं किया जाना चाहिये। श्री बनर्जी ने भाषण जारी रखते हुये कहा कि मोदी सरकार ने संघीय व्यवस्था के साथ छेड़छाड़ की है और राज्यपालों के जरिये राज्य सरकार के कामों में दखल देती है।

कांग्रेस के के सी वेणुगोपाल ने चर्चा में हिस्सा लेते हुये कहा कि उनके अभिभाषण में कहा कि गया कि देश के लोगों ने एक स्थिर सरकार को चुना है। इससे सरकार की असुरक्षा की भावना की झलक मिलती है। चुनाव में पहले भाजपा चार सौ से अधिक सीटें जीतने की बात करती थी लेकिन वह 240 पर सिमट गयी। उन्होंने कहा कि सभी जांच एजेंसियों की मदद, सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग और नफरत फैलाने वाली मीडिया की वजह से 240 सीटें मिली हैं। नैतिक रूप से भाजपा को चुनाव में हार मिली है। श्री वेणुगोपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान जिस प्रकार की भाषा का प्रयोग किया है, वह संवैधानिक आदर्श का उल्लंघन है। प्रधानमंत्री ने जाति, धर्म और नफरत फैलाकर चुनाव जीतने की कोशिश की, लेकिन चुनाव आयोग मूक दर्शक बनकर रह गया। उन्होंने कहा कि भाजपा हिन्दुत्व की बात करती है, लेकिन उस पर वह विश्वास नहीं करती है। हिन्दुत्व का इस्तेमाल सिर्फ चुनाव जीतने के लिये करती है। उन्होंने कहा कि वास्तविक हिन्दुत्व का मतलब मानव मूल्यों को समझना और धैर्यशील रहना है। भाजपा ने श्री मोदी को ईश्वर से उपर बना दिया, इसलिये ईश्वर ने इस चुनाव में उनको सजा दी है।

श्री वेणुगोपाल ने नेता विपक्ष के भाषण से कुछ टिप्पणियों को हटाने का विरोध करते हुये कहा कि भाजपा की तरफ से जब असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया जाता है, तब उसे नहीं हटाया जाता है। उन्होंने कहा कि सरकार बुलेट ट्रेन की बात करती है, लेकिन रेलवे की सुरक्षा पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। पिछले 10 साल में रेल दुर्घटनाओं में बड़ी संख्या में लोगों की जान गयी है, लेकिन उससे बचाव के उपाय के लिये सरकार ने कुछ नहीं किया है। सरकार को पहले रेल गाड़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिये, उसके बाद बुलेट ट्रेन की बात करनी चाहिये। उन्होंने कहा कि हर साल दो करोड़ लोगों को नौकरी देने की बात करने वाली सरकार को बताना चाहिये कि उन्होंने पिछले 10 साल में कितने युवाओं को नौकरियां दी हैं। भाजपा के सौमित्र खान ने चर्चा में हिस्सा लेते हुये कहा कि तृणमूल कांग्रेस यहां विपक्ष के अधिकारों की बात करती है लेकिन पश्चिम बंगाल में वह विपक्ष को बोलने नहीं देती है। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस पर भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसा करने का आरोप लगाया।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजीत) सुनील तटकरे ने कहा कि विपक्ष ने चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भ्रामक छवि बनाने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि संविधान को लेकर भी दुष्प्रचार किया गया, जो सही नहीं था। प्रधानमंत्री ने 10 साल में दुनिया भर में देश का नाम रोशन किया है। सरकार की जो भी योजनायें लेकर आयी, उसमें सभी धर्मों और जातियों का कल्याण हुये। सरकार की योजनाओं में किसी प्रकार को भेदवाव नहीं किया गया। भाजपा के दिलीप सैकिया ने कहा कि कांग्रेस हमेशा से हिन्दू और हिन्दुस्तान विरोधी रही है। वह नहीं चाहती है कि हिन्दुस्तान विकसित राष्ट्र बने। उन्होंने कहा कि मणिपुर की स्थिति के लिए कांग्रेस बड़ी चिंता जता रही है लेकिन 1979 से 1985 तक विदेशियों के बहिष्कार के आंदोलन पर कांग्रेस की भूमिका को याद किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों में बुनियादी ढांचे, हवाई, रेल, सड़क, इंटरनेट कनेक्टिविटी को मोदी सरकार ने मजबूत किया है। शिरोमणि अकाली दल की श्रीमती हरसिमरत कौर बादल ने पंजाब में किसानों के मुद्दे उठाये और सरकार से किसानों पर चलाये जा रहे मुकदमें वापस लिये जाने और उनकी मांगों पर ध्यान दिये जाने की मांग की।

भाजपा के अजय भट्ट ने कहा कि कांग्रेस की आदत है कि हिट एंड रन। वह आरोप लगा कर भाग जाती है और जब प्रधानमंत्री या गृह मंत्री जवाब देते हैं तो उसे सुनने के लिए नहीं आते हैं। उन्होंने कहा कि बीते 10 साल में देश का कायाकल्प हो गया है और भारत की अर्थव्यवस्था सबसे तेज गति से बढ़ रही है लेकिन कांग्रेस को यह कहीं नहीं दिख रहा है। सपा के लालजी वर्मा ने कहा कि राष्ट्रपति अभिभाषण में चुनाव आयोग को धन्यवाद दिया गया है लेकिन आयोग ने भेदभाव पूर्ण ढंग से काम किया। यदि आयोग निष्पक्षता से काम करता तो उत्तर प्रदेश में इंडी गठबंधन को 20 सीटें और मिलतीं। चुनाव में बड़े पैमाने पर मशीनरी, धन एवं शराब का दुरुपयोग किया गया है। उन्होंने कहा कि दस साल में भाजपा की सरकार हर वादे पर विफल रही है। भाजपा के पीपी चौधुरी ने कहा कि मोदी सरकार ने देश को न्यायिक गुलामी की मानसिकता से बाहर निकाल कर तीन औपनिवेशिक कानूनों को हटा कर न्याय आधारित नये कानून दिये हैं। उन्होंने श्री राहुल गांधी द्वारा हिन्दू समाज को हिंसक और नफरत फैलाने वाला कहने पर नाराजगी प्रकट की और कहा कि वह तथ्यों के विपरीत बात करते हैं और असत्य का जेनेरेटर बन गये हैं। उन्होंने कहा कि जिन्होंने आपातकाल में संविधान पर हमला किया, वे संविधान को बचाने की बात कर रहे हैं।