केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय में स्टाफ का टोटा

प्रतिनियुक्ति मांगने वालों पर क्यों लटकी तलवार?

केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय में स्टाफ का टोटा

नई दिल्ली : केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय में स्टाफ की भारी कमी है। मंत्रालय की विभिन्न डिवीजन और यूनिटों में पर्याप्त स्टाफ न होने की वजह से कर्मियों और अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति पर भेजने के नियमों में बदलाव किया गया है। अब संबंधित कर्मचारी को प्रतिनियुक्ति का आवेदन देना, महंगा पड़ सकता है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के १७ अप्रैल को जारी सर्कुलर में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि अगर किसी भी डिवीजन से प्रतिनियुक्ति का कोई आवेदन प्राप्त होता है, तो यह मान लिया जाएगा कि उस कार्मिक/अधिकारी की वहां पर जरूरत नहीं है। इसके बाद कार्मिक या अफसर को उस डिवीजन से बाहर कर दिया जाएगा।

केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में स्टाफ की कमी चल रही है। हालांकि इसके साथ ही मिशन मोड में नियुक्तियां देने की प्रक्रिया भी जारी है। अधिकांश मंत्रालय, अपने यहां पर स्टाफ की कमी को पूरा करने के लिए रिटायर्ड कार्मिकों को अवसर दे रहे हैं। उन्हें बतौर सलाहकार, नियुक्त किया जाता है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने सर्कुलर में कहा है कि विभिन्न यूनिटों में स्टाफ की भारी कमी हो गई है। मंत्रालय ऐसी स्थिति में नहीं है कि वह अपने स्टाफ को प्रतिनियुक्ति पर भेजने की इजाजत दे। अगर इसके बावजूद किसी डिवीजन में ज्वाइंट सेक्रेटरी के माध्यम से प्रतिनियुक्ति पर जाने का आवेदन आता है, तो सक्षम प्राधिकारी यह मान लेगा कि उस डिवीजन में संबंधित कार्मिक की सेवाओं की जरूरत नहीं है। इसके बाद उस कार्मिक को मंत्रालय की अन्य किसी डिवीजन में नियुक्त कर दिया जाएगा। मतलब ऐसे कर्मचारी को वहां लगाया जाएगा, जहां पर स्टाफ की कमी है। इससे पहले कार्मिकों की ओर से प्रतिनियुक्ति के लिए जितने भी आवेदन मिलते थे, उनमें से अधिकांश आवेदनों को मंजूरी मिल जाती थी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने इस निर्देश से सभी कार्मिकों को अवगत कराने के लिए कहा है। अभी तक जो भी कार्मिक जिस किसी डिवीजन से प्रतिनियुक्ति पर जाता था, तो वह उसी डिवीजन की स्ट्रेंथ में गिना जाता था। वापस लौटने पर वह उसी डिवीजन में ज्वाइन कर लेता था। अब ऐसा नहीं होगा। प्रतिनियुक्ति के लिए जो भी कार्मिक आवेदन देगा, उसे दोबारा से वही डिवीजन नहीं मिलेगी, क्योंकि वहां पर उसका पद खाली मान लिया जाएगा।