केरल में कोरोना के 1801 मामले आए सामने

सरकार ने गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों के लिए मास्क किया अनिवार्य

केरल में कोरोना के 1801 मामले आए सामने

नई दिल्ली : देश में एक बार फिर कोरोना के मामले बढऩे लगे हैं। इसको लेकर सरकारें भी कोई ढिलाई नहीं बरतना चाहती हैं। वहीं केरल में शनिवार को कोरोना के 1,801 मामले सामने आए। स्वास्थ्य मंत्री के कार्यालय ने एक बयान में कहा, यह कहते हुए कि एर्नाकुलम, तिरुवनंतपुरम और कोट्टायम जिलों से सबसे अधिक मामले सामने आए। केरल में कोविड-19 के मामले बढऩे के बीच स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने शनिवार को कहा कि गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए मास्क अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि  बुजुर्गों और बिस्तर पर पड़े मरीजों को संक्रमण से बचाना जरूरी है। स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने राज्य में कोविड-19 की स्थिति जानने के लिए एक उच्च-स्तरीय बैठक आयोजित करने के बाद कहा कि कोविड-19 से संबंधित मौतें ज्यादातर 60 साल से ऊपर के लोगों और जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों जैसे मधुमेह से पीड़ित लोगों में होती हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि हमने जांच बढ़ा दी है। अस्पताल में दाखिले के मामले थोड़े बढ़ रहे हैं। हालांकि, कुल मामलों में केवल 0.8 फीसदी मरीजों को ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत है, जबकि 1.2 फीसदी आईसीयू में भर्ती हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि कोविड-19 से संबंधित 85 प्रतिशत मौतें 60 साल से ऊपर के लोगों में हुई हैं। घर में बिस्तर पर पड़े रोगियों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे कोरोना से प्रभावित न हों। जिनके घर में बुजुर्ग और बिस्तर पर हैं या जो जीवन शैली की बीमारियों से प्रभावित हैं, उन्हें सख्ती से अतिरिक्त देखभाल करनी चाहिए और मास्क का उपयोग करें और अपने हाथों को साबुन से धोएं। स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों से ग्रसित लोगों, वरिष्ठ नागरिकों, गर्भवती महिलाओं और बच्चों से सार्वजनिक रूप से बाहर निकलते समय मास्क पहनने को कहा। स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिला अस्पतालों को कोविड-19 का समुचित मूल्यांकन करने के निर्देश दिए और कोरोना के बढ़ते मरीजों को ध्यान में रखते हुए प्लान के अनुसार सुविधाएं बढ़ाने के निर्देश दिए।