हिमाचल में 30 पोस्ट कोड का पेपर हुआ लीक, 15 लोग गिरफ्तार

यह जानकारी पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) जी शिवा कुमार ने रविवार को यहां दी है। उन्होंने बताया कि 22 पोस्ट कोड की जांच चल रही है जिनमें तीन में एफआईआर दर्ज हो चुकी है। कुल 15 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

हिमाचल में 30 पोस्ट कोड का पेपर हुआ लीक, 15 लोग गिरफ्तार

शिमला- हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग से 30 पोस्ट कोड का पेपर लीक हुआ है। परीक्षा पेपरों का लीक होना कोई नई बात नहीं है बल्कि चिंता की बात यह है कि इसका सिलसिला नहीं थम रहा है।

यह जानकारी पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) जी शिवा कुमार ने रविवार को यहां दी है। उन्होंने बताया कि 22 पोस्ट कोड की जांच चल रही है जिनमें तीन में एफआईआर दर्ज हो चुकी है। कुल 15 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

उन्होंने कहा कि 19 पोस्ट कोड में जारी जांच में भी विजिलेंस हेडक्वार्टर में एफआईआर दर्ज करने की संस्तुति आ गई है। सरकार से भ्रष्टाचार निवारक अधिनियम, 1988 की धारा 17ए में परमिशन ली जाएगी उसके बाद एफआईआर दर्ज होगी। इसके बाद और आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा। आयोग के पूर्व सचिव को कई बार पूछताछ के लिए बुलाया जा चुका है। आगे भी पूछताछ जारी है।

वैसे हिमाचल में यह कोई पहला पेपर लीक का मामला नहीं है। इससे पहले हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग की 25 दिसंबर को होने वाली पोस्ट कोड 965 जेओए आईटी भर्ती की लिखित परीक्षा से दो दिन पहले पेपर लीक हो गया। जिस महिला पर पेपर लीक करने का आरोप है, वह चयन आयोग की गोपनीय शाखा में वरिष्ठ सहायक के पद पर लंबे समय से कार्यरत है। एक अभ्यर्थी की शिकायत पर विजिलेंस ने महिला और उसके बेटे समेत छह लोगों को गिरफ्तार कर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है। आयोग ने परीक्षा भी रद्द कर दी है। आयोग ने मई 2022 में 198 पदों के लिए आवेदन मांगे थे। अक्तूबर में 121 पद और जोड़े गए। 319 पदों के लिए 476 परीक्षा केंद्रों में 1,03,344 अभ्यर्थियों ने परीक्षा देनी थी। लेकिन यह पहली बार नहीं जब हिमाचल में किसी भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हुआ हो।

पूर्व जयराम सरकार के कार्यकाल में अगस्त 2019 को आयोजित हुई पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा के दौरान परौर सत्संग भवन में बने परीक्षा केंद्र में चार युवक दूसरे का पेपर देते रंगे हाथ पकड़े गए थे, जबकि दो इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की मदद से परीक्षा देते धरे गए। बाद में परीक्षा को रद्द करना पड़ा था। 11 अगस्त को पुरुष व महिला पुलिस कांस्टेबलों के 1063 पदों के लिए प्रदेश भर में लिखित परीक्षा ली गई थी। पुलिस भर्ती फर्जीवाड़े में नकल करने, नकल करवाने और मुख्य आरोपी को भगाने में मदद करने वालों सहित 34 लोगों को गिरफ्तार किया था। बाद में कोर्ट में चालान पेश कर उन पर मुकदमा चलाया गया, जिनमें से अब लगभग सभी आरोपियों को जमानत पर रिहा कर दिया गया है।

इसके बाद हिमाचल पुलिस कांस्टेबल के पदों 1334 पदों के लिए 27 मार्च 2022 को परीक्षा हुई थी। 6 मई को यह परीक्षा विवादों के बाद रद्द हो गई। पुलिस और सीआईडी ने मामले दर्ज किए तो 31 मई को पांच आरोपियों की पहली बार गिरफ्तारियां हुईं। अब तक 181 लोगों के खिलाफ कांगड़ा, शिमला और मंडी में तीन चार्जशीट दायर की जा चुकी हैं। पुलिस भर्ती के तार राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश आदि तक जुडे़। नेपाल सीमा से भी एक आरोपी को पकड़कर लाया गया। हिमाचल में तो सभी जिलों में इसके तार जुडे़ रहे। इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने छह माह बाद दो एफआईआर दर्ज कीं। केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद ये दोनों एफआईआर चंडीगढ़ ब्रांच में पंजीकृत की थीं। अब सीबीआई मामले की जांच कर रही है।

एचपीयू की सात अप्रैल 2022 को होने वाली यूजी की परीक्षाओं के प्रश्नपत्र चार अप्रैल को ही खोल दिए गए थे। जांच में खुलासा हुआ कि प्रदेश विश्वविद्यालय के यूजी प्रथम और द्वितीय वर्ष के प्रश्नपत्र प्रदेश के 22 कॉलेजों में लीक हुए थे। इनमें कुछ कॉलेजों में प्रश्नपत्र गायब पाए गए, जबकि कुछ में इन्हें खोल दिया गया या फिर नष्ट कर दिया गया था। इसका खुलासा कुलपति प्रो. एसपी बंसल की ओर से मामले की जांच के लिए गठित कमेटी की रिपोर्ट में हुआ है। बाद में परीक्षा रद्द कर दोबारा करवाई गई।

इतना ही नहीं राज्य शिक्षा बोर्ड की पांचवीं कक्षा की हिंदी विषय की परीक्षा का प्रश्न पत्र 2020 में एक दिन पहले ही लीक हो गया था। हिंदी का पेपर 18 मार्च को होना था, लेकिन निजी स्कूल ने 17 मार्च को छ्ट्टी के ही दिन पेपर करवा दिया। जब इसकी जानकारी प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय को लगी तो निदेशालय ने हिंदी का पेपर पूरे प्रदेश में रद्द कर दिया।

सितंबर 2021 में भी जूनियर ऑफिस असिस्टेंट (जेओए) आईटी की परीक्षा विवादों में रही है। सुंदरनगर के निजी एमएलएसएम कॉलेज में उस दौरान मोबाइल से फोटो खींचकर बाहर भेजे गए थे। इस मामले में नेरचौक के एक निजी विश्वविद्यालय का नाम भी सामने आया था। आरोपी उसी विवि का ही कर्मचारी था, जिसकी मदद करने के मकसद से पेपर लीक हुआ। मामले में करीब एक दर्जन लोग नामजद हुए, लेकिन परीक्षा रद्द नहीं हुई। तर्क था कि संबंधित सीरीज का पेपर सिर्फ एक ग्रुप में ही गया है। इसका रिजल्ट भी निकल चुका है। प्रदेश में एचआरटीसी की कंडक्टर भर्ती के तहत कुछ उम्मीदवारों से डिजिटल उपकरण भी पकड़े गए थे। प्रदेश में पटवारी की भर्ती भी सुर्खियों में रही। बाद में सीबीआई ने इस भर्ती को क्लीन चिट दे दी थी।