भाजपा किसानों और कृषि की सहायता करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है - कटारिया

संयुक्त राष्ट्र ने 2023 वर्ष को अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष घोषित करने का प्रस्ताव पारित किया है, इसकी पेशकश भारत द्वारा खाद्य और कृषि संगठन को की गई थी। उन्होंने कहा कि कोवीड-19 की लड़ाई में देश की उपलब्धि सराहनीय थी और उससे उबकर देश का आर्थिक विकास पटरी पर आ रहा है

भाजपा किसानों और कृषि की सहायता करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है - कटारिया
यमुनानगर -पूर्व केंद्रीय मंत्री वर्तमान भाजपा सांसद रतनलाल कटारिया ने नववर्ष 2023 की बधाई देते हुए कहा कि भारत अभी भी एक कृषि प्रधान देश है और गांव की परिस्थितियां देश के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार भारतीय किसानों और कृषि की सहायता करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। गुणवत्तापूर्ण बीजों की आपूर्ति, उपलब्धता, फसल बीमा सुनिश्चित करना आदि इस वर्ष रबी फसलों के बड़े पैमाने में वृद्धि हुई है। मोटे सह-पोषक अनाजों की खेती के रकबे में 4.34 हेक्टेयर की वृद्धि देखी गई है।
सांसद रतनलाल कटारिया ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र ने 2023 वर्ष को अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष घोषित करने का प्रस्ताव पारित किया है, इसकी पेशकश भारत द्वारा खाद्य और कृषि संगठन को की गई थी। उन्होंने कहा कि कोवीड-19 की लड़ाई में देश की उपलब्धि सराहनीय थी और उससे उबकर देश का आर्थिक विकास पटरी पर आ रहा है। कोविड-19 की नई दस्तक पर सजगता जरूरी होगी जिसको लेकर आज केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडवीया, व  प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में कॉविड-19 महामारी को लेकर दिन रात बैठकें शुरू कर दी गई हैं, और एयरपोर्ट पर निरीक्षण, सावधानी बरतने की हिदायतें यात्रियों को दी जा रही है। आज हमारा देश कोविड-19 महामारी से लडऩे के लिए पूरी तरह से तैयार है।
रतनलाल कटारिया ने कहा कि मोदी जी हमें कर्म पथ पर चलने के लिए प्रेरित कर रहे हैं ।  कल उनकी माता जी के संस्कार के बाद उन्होंने दो कार्य किए जो आम आदमी के जीवन के लिए प्रेरणादाई हैं। पश्चिम बंगाल में हावड़ा न्यू जलपाईगुड़ी वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई साथ ही स्वच्छ गंगा मिशन के तहत 990 करोड रुपए से ज्यादा की लागत का सीवरेज प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि आज देश सेवा के मूल्य को पुन: प्रतिष्ठित करना अत्यंत आवश्यक हो गया है  निजी लाभ और समाज कल्याण के बीच दृढ़ की जगह उनकी परस्पर पूरकता को पहचानने की जरूरत है।