राजस्थान को लेकर कांग्रेस की हुई बड़ी बैठक

गहलोत-पायलट विवाद सुलझाने की हुई कोशिश, खडग़े बोले- इस बार इतिहास बदलेगा

राजस्थान को लेकर कांग्रेस की हुई बड़ी बैठक

जयपुर : विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पार्टी नेता सचिन पायलट के बीच चल रही खींचतान को सुलझाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में पार्टी मुख्यालय में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े और पूर्व प्रमुख राहुल गांधी सहित शीर्ष कांग्रेस नेताओं की राजस्थान के नेताओं के साथ बैठक की। इस वर्ष के अंत में राज्य में चुनाव होने वाले हैं। बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े, पूर्व पार्टी प्रमुख राहुल गांधी, राज्य के एआईसीसी प्रभारी सुखजिंदर रंधावा और राजस्थान के कई कैबिनेट मंत्री मौजूद हैं। बैठक में सचिन पायलट भी मौजूद हैं, हालांकि सीएम अशोक गहलोत ने वर्चुअली अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है। 

खडग़े का ट्वीट

बैठक को लेकर पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने ट्वीट कर कहा कि जन-सेवा, राहत और सबका उत्थान, प्रगति के पथ पर बढ़ता राजस्थान। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने राजस्थान में समावेशी विकास एवं जन-कल्याण की योजनाओं को घर घर पहुँचाया है। पार्टी एकजुट होकर आगामी चुनाव में जनता के बीच जाएगी। राजस्थान का हर वर्ग - किसान, खेत-मज़दूर, युवा, महिलाएं व समाज का हर एक वर्ग कांग्रेस पार्टी में अपनी आस्था व्यक्त कर रहा है। हम सब की आकांक्षाओं का ख़्याल रखेंगे। राजस्थान का वर्तमान और भविष्य दोनों कांग्रेस के हाथों में सुरक्षित है। इस बार इतिहास बदलेगा।

पायलट की मांग

यह बैठक राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव का जायजा लेने के लिए बुलाई गई है। सूत्रों के मुताबिक, सचिन पायलट एआईसीसी में कोई भूमिका पाने के इच्छुक नहीं हैं क्योंकि वह केवल राजस्थान की राजनीति में भूमिका चाहते हैं। वह एक ऐसी भूमिका चाहते हैं जिसमें आगामी विधानसभा चुनावों के लिए टिकट वितरण में उनकी हिस्सेदारी हो सके। हालांकि, उनके समर्थकों का मानना है कि उन्हें दोबारा राज्य का पार्टी अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए। सचिन पायलट भी अपनी तीनों मांगों पर कार्रवाई चाहते हैं, हालांकि सीएम अब तक उन मांगों पर ज्यादा स्पष्ट नहीं हैं। केंद्रीय नेतृत्व इसे जल्द से जल्द सुलझाना चाहता है ताकि पार्टी अगले विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दे और अगला चुनाव एकजुट होकर लड़े। 

गहलोत और पायलट में मतभेद

दिसंबर 2018 में राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही गहलोत और पायलट के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान चल रही है। सत्ता के लिए उनकी खींचतान जुलाई 2020 में सार्वजनिक हो गई, जब पायलट ने बदलाव के लिए पार्टी में एक असफल विद्रोह का नेतृत्व किया। इससे पहले भी कांग्रेस की एक बड़ी बैठक हो चुकी है। उस बैठक में गहलोत और पायलट सामिल हुए थे। इसके बाद दावा किया गया था कि दोनों मिलकर चुनाव लड़ेंगे। हालांकि, उसके बाद भी दोनों नेताओं के बीच की कड़वाहट दूर नहीं हो सकी था।