पंजाब विधानसभा स्पीकर द्वारा मातृभाषा दिवस सम्बन्धी विधायकों और चिंतकों के साथ विचार-चर्चा

राज्य में लाइब्रेरी एक्ट लाने जैसे अहम विचार आए सामने

पंजाब विधानसभा स्पीकर द्वारा मातृभाषा दिवस सम्बन्धी विधायकों और चिंतकों के साथ विचार-चर्चा

जालंधर-स्थापित कानूनों के तहत हाई कोर्ट और निचली अदालतों में पंजाबी भाषा लागू करने और राज्य में लाइब्रेरी एक्ट लाने जैसे अहम विचार आए सामने पंजाब के ज्वलंत और अहम मुद्दों के बारे विचार-विमर्ष करने की कड़ी के अंतर्गत विधान सभा स्पीकर स. कुलतार सिंह संधवां द्वारा बुलाई गई मीटिंग के दौरान स्थापित कानूनों की रौशनी में हाई कोर्ट और निचली अदालतों में पंजाबी भाषा लागू करने सम्बन्धी सार्थक विचार उभर कर सामने आऐ।

अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के मद्देनजर पंजाबी भाषा को और प्रफुल्लित करने, विधायकों को मुद्दों के बारे विस्तृत और उचित जानकारी मुहैया कराने और अदालतों में मातृ-भाषा पंजाबी लागू कराने सम्बन्धी मामलों पर विचार-विमर्ष करने के लिए बुलायी मीटिंग की अध्यक्षता करते हुये स्पीकर स. कुलतार सिंह संधवां ने कहा कि मातृ-भाषा पंजाब को बनता मान-सम्मान दिलाने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार निरंतर कोशिशें कर रही है और 21 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय मातृ-भाषा दिवस तक सभी सरकारी और निजी संस्थानों के बोर्डों में पंजाबी को पहला स्थान देने की अपील की गई है।

स. संधवां ने बताया कि विचार-चर्चा के दौरान स्थापित कानून के अंतर्गत हाई कोर्ट और निचली अदालतों में पंजाबी भाषा लागू कराने, राज्य में लाइब्रेरी एक्ट लाने, पंजाबी को रोजगार के साथ जोडऩे, अध्यापकों की पंजाबी भाषा में महारत, पंजाबी भाषा के शुद्ध अनुवाद, प्राईवेट स्कूलों में नर्सरी स्तर से पंजाबी भाषा लागू करने, अफसरशाही को पंजाबी भाषा में लिखने/पडऩे, भाषाई संस्थानों को मजबूत करने जैसे अहम विचार सामने आए। मीटिंग के दौरान शिक्षा मंत्री स. हरजोत सिंह बैंस, विधान सभा के डिप्टी स्पीकर जय कृष्ण सिंह रोड़ी, मनजीत सिंह बिलासपुर, कुलवंत सिंह पंडोरी, मुहम्मद जमील उर रहमान, करमबीर सिंह घूमन्न (सभी विधायक) और कई अन्य प्रतिनिधि उपस्थित रहे।