डॉ रविंद्र सिंह गांधी आईडीए द्वारा सम्मानित

गांधीनगर में केंद्रीय मत्स्य विभाग एवं पशुपालन मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला द्वारा एक वरिष्ठ वैज्ञानिक और शोध शास्त्री तथा देसी गाय साहिवाल के नस्ल सुधार के जनक तौर पर आईडीए के द्वारा सम्मानित किया गया

डॉ रविंद्र सिंह गांधी आईडीए द्वारा सम्मानित

करनाल- डॉ रविंद्र सिंह गांधी को कल गुजरात के गांधीनगर में केंद्रीय मत्स्य विभाग एवं पशुपालन मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला द्वारा एक वरिष्ठ वैज्ञानिक और शोध शास्त्री तथा देसी गाय साहिवाल के नस्ल सुधार के जनक तौर पर आईडीए के द्वारा सम्मानित किया गया। केंद्रीय मंत्री पुरषोत्तम रुपाला द्वारा डॉ सिंह को यह पुरस्कार दुग्ध उद्योग को बढ़ावा देने तथा देश को बहुत सी उत्कृष्ट सेवाओं के योगदान के लिए दिया गया।

सम्मान के रूप में डॉक्टर सिंह को स्मृति चिन्ह, साल और सेवा प्रशंसा अभिलेख प्रदान किया गया। एनडीआरआई करनाल मैं बतौर पशु अनुवांशिकी विभाग के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत डॉक्टर सिंह श्वेत क्रांति यानी दुग्ध उद्योग को बढ़ावा देने के लिए एक वैज्ञानिक के रूप में अपनी बहुत ही महत्वपूर्ण सेवाएं दी है, जिसमें खासतौर से साहिवाल नस्ल की गाय की नस्ल सुधार तथा सिक्किम के के मुख्य पालतू पशु याक के नस्ल सुधार में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है ।

कृषि संसाधन के पशु विज्ञान मे गाय, भैंस भेड़, बकरी सूअर मुर्गी की नस्ल सुधार तथा इन की उन्नत किस्मों के प्रसार करके किसानों को लाभान्वित करने के साथ उद्यमी महिलाओं को भी उनको रोजगार देने में अपनी भूमिका निभाई है। करनाल के एनडीआरआई में 27 तथा लगभग 6 साल सहायक महानिदेशक पशु विज्ञान आईसीआर में कार्यरत रहे । बतौर पशु वैज्ञानिक देसी गायों में खासतौर से साहिवाल नस्ल की गायों के सुधार और संवर्धन में काम करते हुए साहिवाल सालों के द्वारा प्रजनन कराने की उत्कृष्ट विधि को निजी और सरकारी फॉर्म में पहुंचाया और इसके अतिरिक्त मुर्रा भैंस और शंकर गायों की नस्ल सुधार में काम किया ।

डॉ सिंह के द्वारा बहुत से विद्यार्थियों को पीएचडी एवं मास्टर में शिक्षा देने के साथ-साथ शोध कार्यों में एक गुरु की बेहतर भूमिका निभाई हैतथा पीएचडी और एमबीएससी छात्रों के गाइड रहे। और सैकड़ों विद्यार्थियों को शिक्षा दी जो आज देश को अपनी सेवा दे रहे हैं

इनके प्रमुख शिष्यों में हिसार के घोड़े और गधे विज्ञान विभाग के निदेशक टी के भट्टाचार्य और अंडमान निकोबार के चीफ कंजरवेटर श्री मनोज कुमार कार्यरत है। डॉक्टर सिंह को इसके अलावा पशु विज्ञान अपनी महत्वपूर्ण सेवा के लिए बहुत से संस्थानों से सम्मानित किया गया जिसमें डॉ राजेंद्र प्रसाद सम्मान जो तत्कालीन कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह द्वारा तथा श्री हरकिशन शास्त्री मेमोरियल सम्मान आईएआरआई द्वारा तथा डॉक्टर डी सुदेर्शन सम्मान एनडीआरआई द्वारा तथा कई फेलो सम्मान जैसे आईडीए, आईएसएजीबी, और एसओसी डीएवी सम्मान मिले हैं। डॉ कलाम द्वारा भी डॉक्टर सिंह के कार्य दल को सम्मानित किया गया था डॉक्टर डी सुदेर्शन आपके रोल मॉडल भी रहे हैं

डॉ रविंद्र सिंह द्वारा 13 किताबें 12 रिव्यू आर्टिकल 177 शोध पत्र तथा 54 टेक्निकल आर्टिकल और 37 लीडर पेपर प्रकाशित हुए हैं। डॉ सिंह ने अमेरिका नीदरलैंड ,जर्मनी बेल्जियम, स्वीटजरलैंड लक्जमबर्ग में जाकर कृषि और पशुधन विज्ञान के कार्यक्रमों में शिरकत करके देश का नाम ऊंचा किया है विट्रो निषेचन विधिमे भी के कार्य क्षेत्र में अपनी अहम भूमिका निभाते हुए बहुत से लाभकारी पशुओं की नस्लों में में सुधार कर एक कीर्तिमान बनाया जो श्वेत क्रांति के लिए मील का पत्थर साबित हुआ है

पशु विज्ञान तथा कृषि के क्षेत्र में बहुत सारे शोध पत्र, समीक्षा अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए है। आप द्वारा 54 तकनीकी लेख 13 पुस्तकें तथा अन्य विषयों पर बहुत रिसर्च पेपर भी लिखे गए हैं। आईडीए के सक्रिय सदस्य रहते हुए डेयरी उद्योग में भी अपना बहुत महत्वपूर्ण योगदान दिया है ।