सरसों में किसान का घाटा पूरा करे सरकार : कुमारी सैलजा
एमएसपी से कम बिकने की भावांतर योजना से हो भरपाई
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चंडीगढ़ - अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी की महासचिव एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार की बेरूखी के कारण किसान की सरसों मंडियों में बुरी तरह पिट रही है। सरकारी खरीद न होने के कारण किसानों को औने-पौने दाम में सरसों बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है। एमएससी से कम दाम पर सरसों की बिक्री होने से किसानों को घाटा हो रहा है। इस घाटे की भरपाई के लिए गठबंधन सरकार को आगे आना चाहिए और भावांतर योजना के तहत किसान को आर्थिक तौर पर मदद पहुंचानी चाहिए।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि हिसार, फतेहाबाद, सिरसा, कुरुक्षेत्र, करनाल, नूंह समेत कई जिलों की मंडियों में सरसों की आवक शुरू हो चुकी है। हर रोज किसान अपनी फसल लेकर मंडियों में पहुंच रहे हैं, लेकिन सरकारी खरीद न होने से उन्हें मायूसी हाथ लग रही है। सरसों का सरकारी समर्थन मूल्य 5450 रुपये प्रति क्विंटल तय होने के बावजूद व्यापारियों द्वारा इससे कम दाम में खरीदा जा रहा है।
कुमारी सैलजा ने कहा कि फसल का एक-एक दाना खरीदने की गारंटी प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को दी जानी चाहिए और मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर किसी भी कारण से रजिस्ट्रेशन कराने से वंचित रहे किसानों का भी एक-एक दाना खरीदा जाना चाहिए। सरसों में नमी का बनाना बनाते हुए खरीद से इंकार करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
कुमारी सैलजा ने कहा कि हैफेड की ओर से सरसों की जिस कॉमर्शियल खरीद का दावा किया जा रहा है, उसमें 38 प्रतिशत तेल और नमी की शर्त बिल्कुल भी व्यवहारिक नहीं है। इन शर्तों को तुरंत हटाया जाना चाहिए।