महिला खिलाड़ियों द्वारा दर्ज करवाये गए मामले में भी गिरफ्तारी होनी चाहिए - राकेश टिकैत

उन्होंने कहा कि देश में एमएसपी गारंटी कानून समय की मांग है। इसके बिना किसानों का भला नहीं हो सकता।

महिला खिलाड़ियों द्वारा दर्ज करवाये गए मामले में भी गिरफ्तारी होनी चाहिए - राकेश टिकैत

रादौर - दिल्ली में जंतर मंतर पर आंदोलन कर रही महिला खिलाड़ियों की आवाज को सरकार दबाने का काम कर रही है। उन्हें डराने व धमकाने का काम किया जा रहा है। रात के 12 बजे पुलिस फोर्स महिला खिलाड़ियों को तंग कर रही है। यह निंदनीय है। सरकार उन्हें न्याय दे। महिला खिलाडिय़ों की शिकायत पर जिसके विरूद्ध मामला दर्ज हुआ है, उसकी तुरंत गिरफ्तारी होनी चाहिए। जब आम आदमी की मामला दर्ज होने पर गिरफ्तारी होती है तो महिला खिलाड़ियों द्वारा दर्ज करवाये गए मामले में भी गिरफ्तारी होनी चाहिए। यह शब्द भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने शुक्रवार को रादौर में अनाजमंडी रोड पर स्थित किसान नेता साहिल सेतिया के कार्यालय पर आयोजित एक पत्रकार वार्ता के दौरान कहे।

उन्होंने कहा कि देश में एमएसपी गारंटी कानून समय की मांग है। इसके बिना किसानों का भला नहीं हो सकता। बिना कानून के किसानों की फसल मंडियों में औने पौने दाम पर बिकती है। भाजपा सरकार पूंजीपतियों की सरकार है। जो पूंजीपतियों के हितों के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि बेमौसम बारिश से किसानों की फसल प्रभावित हुई है। सरकार ने मुआवजा देने की घोषणा जो की। लेकिन आज तक मुआवजा नहीं मिल पाया। उन्होंने कहा कि पहले किसानों को 16 से 17 घंटे बिजली मिलती थी। अब केवल 6 से 7 घंटे ही बिजली मिल पा रही है। यह किसानों के साथ अन्याय है।

उन्होंने कहा कि पहले देश में सबसे अधिक गन्ने का दाम हरियाणा में मिलता था। लेकिन आज पंजाब में सबसे अधिक गन्ने के दाम मिल रहे है। उन्होंने कहा कि किसानों को आंदोलन के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्हें राजनीति से बचकर अपने हितों के लिए संघर्ष करना चाहिए। तभी किसान कामयाब हो सकते है। उन्होंने कहा कि आंदोलन व राजनीति एक साथ नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि प्रदेश में किसानों से 20 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक गन्ने का भाड़ा वसूला जा रहा है। यह सरासर गलत है। इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष रतन मान, जिला प्रधान सुभाष गुर्जर, साहिल सेतिया, अशोक ढांगी, सरदार रविंद्रपाल सिंह, कुलविंदर सिद्धू, सुभाष हरतौल, महेंद्र कांबोज चमरोडी, धर्मबीर अमलौहा, संदीप संखेडा, मदनलाल कांजनू, पवन गोयल दामला, रमेश ढिल्लो धौलरा आदि मौजूद रहे।