हरियाणा प्रदेश के चंहुमुखी विकास कार्यों में सहयोग देने के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए : राज्यपाल

करनाल में रह रहें 54 बंगाली शरणार्थी परिवारों में से एक प्रतिनिधि मंडल ने हिस्सा लिया

हरियाणा प्रदेश के चंहुमुखी विकास कार्यों में सहयोग देने के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए : राज्यपाल

चंडीगढ़ : देश की एकता एंव अखण्डता, आपसी सद््भाव और भाईचारे की भावना को बरकरार रखते हुए आप सबकों हरियाणा प्रदेश के चंहुमुखी विकास कार्यों में सहयोग देने के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए। हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने यह उद्गार आज हरियाणा राजभवन में केन्द्र सरकार के दिशा-निर्देश पर पहली बार आयोजित पश्चिम बंगाल राज्य स्थापना दिवस कार्यक्रम में सम्बोधित करते हुुए प्रकट किए। आपसी सद्भाव  एंवम सौहार्दपूर्ण माहौल में मनाये गए इस कार्यक्रम में करनाल में रह रहें 54 बंगाली शरणार्थी परिवारों में से एक प्रतिनिधि मंडल ने हिस्सा लिया।

इस अवसर पर श्री बंडारू दत्तात्रेय ने पश्चिम बंगाल राज्य तथा हरियाणा प्रदेश में रह रहे पश्चिम बंगाल के सभी भाई-बहनों को हार्दिक मुबारकबाद एवं शुभकामनाएं प्रदान की। इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव श्री अतुल द्विवेदी भी उपस्थित थे। राज्यपाल हरियाणा ने सभी से व्यक्तिगत तौर पर संवाद/वार्तालाप करते हुए उनके पारिवारिक जीवन, जीवन शैली एवं रोजगार के बारे में जानकारी हासिल की। प्रतिनिधि मंडल ने हरियाणा सरकार का आभार व्यक्त करते हुए राज्यपाल हरियाणा को अवगत कराया कि वे सन 1999 से हरियाणा प्रदेश के करनाल जिलें में रह रहें है और हरियाणा सरकार ने उन्हें सेक्टर-14 पार्ट-2 में स्थापित किया था तब से वे अच्छे ढंग से अपना जीवन व्यापन कर रहें है। राज्यपाल ने कहा कि पश्चिम बंगाल राज्य भारतवर्ष का एक महत्वपूर्ण प्रदेश है। यह अपनी महान सभ्यता, सामाजिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत के लिए विख्यात है।

श्री बंडारू दत्तात्रेय ने 20 जून 1947 को स्थापित हुए इस प्रदेश की महत्वता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल की पावन धरा पर जन्मे महान देश भक्त, क्रांतिकारी एवं स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, जगदीश चन्द्र वसु, सत्यजित राय, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर, सत्येन्द्र नाथ बोस, राजा राममोहन राय, विपिन चंद्रपाल जैसी महान विभूतियां, जोकि हमारे राष्ट्र का गौरव है और उनका जंग-ए-आजादी और राष्ट्र के नव-निर्माण में अभूतपूर्व योगदान रहा है। प्रतिनिधिमंडल ने करनाल में धर्मशाला के निर्माण के लिए हरियाणा सरकार से भूमि आवंटित करवाने के लिए एक प्रार्थना पत्र भी दिया।