पीएम मोदी ने इसरो चीफ को किया फोन

कहा- आपका तो नाम सोमनाथ और यह चंद्र से जुड़ा है

पीएम मोदी ने इसरो चीफ को किया फोन

नई दिल्ली : चंद्रयान-3 के चंद्रमा पर सफलतापूर्वक उतरने के तुरंत बाद, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, जो ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए दक्षिण अफ्रीका में हैं, ने अंतरिक्ष एजेंसी के प्रमुख एस सोमनाथ को फोन किया और उन्हें और उनकी टीम को बधाई दी। प्रधानमंत्री को इसरो प्रमुख से ये कहते हुए सुना जा सकता है, ‘आपका नाम सोमनाथ है और सोमनाथ का मतलब चंद्र (चंद्रमा) है। आपको और आपकी पूरी टीम को मेरी तरफ से बहुत-बहुत बधाई। बहुत जल्द, मैं आपको व्यक्तिगत रूप से बधाई देने के लिए आपके साथ रहूंगा।’ इस उल्लेखनीय उपलब्धि के साथ, भारत रूस, अमेरिका और चीन के बाद चंद्रमा पर उतरने वाला चौथा देश बन गया है और चंद्रमा के दक्षिणी ध्रूव पर उतरने वाला पहला देश भी बन गया है। 

नई ऐतिहासिक उपलब्धि ने अंतरिक्ष में वैश्विक महाशक्ति के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत कर दिया है। 2019 में, भारत ने चंद्रमा के दक्षिणी धू्रव पर उतरने का प्रयास किया, हालांकि, एक सॉफ्टवेयर विफलता के कारण चंद्रयान -2 मिशन सतह पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इसरो प्रमुख ने प्रधानमंत्री से मिले कॉल के बारे में कहा कि पीएम मोदी इतने दयालु थे कि उन्होंने मुझे फोन किया। उन्होंने सभी वैज्ञानिकों और मिशन का हिस्सा रहे सभी लोगों को अपना संदेश दिया। वह अमृत काल के बारे में बहुत स्पष्ट हैं। मुझे यकीन है कि वह इन खोजपूर्ण मिशनों में हमारा समर्थन करेंगे। एस सोमनाथ ने कहा कि चंद्रयान-3 की सफलता ने हमें भविष्य के और अधिक चुनौतीपूर्ण अभियानों को पूरा करने का आत्मविश्वास प्रदान किया है। 

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बुधवार को अंतरिक्ष क्षेत्र में एक नया इतिहास रचते हुए चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर ‘विक्रम’ और रोवर ‘प्रज्ञान’ से लैस एलएम की साफ्ट लैंडिग कराने में सफलता हासिल की। भारतीय समयानुसार शाम करीब छह बजकर चार मिनट पर इसने चांद की सतह को छुआ। इसके साथ ही भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर साफ्ट लैंडिंग कराने वाला दुनिया का पहला देश तथा चांद की सतह पर साफ्ट लैंडिंग करने वाले चार देशों में शामिल हो गया है। इसरो के महत्वाकांक्षी तीसरे चंद्रमा मिशन ‘‘चंद्रयान-3’’ के लैंडर मॉड्यूल (एलएम) ने बुधवार शाम चंद्रमा की सतह को चूम कर अंतरिक्ष विज्ञान में सफलता की एक नयी इबारत रची।