सचिन पायलट ने पुरानी बातें भुलाकर कांग्रेस के उम्मीदवारों को जिताने की अपील की अशोक गेहलोत ने वीडियो
राज्य में 200 विधानसभा सीटों में से 199 सीटों पर शनिवार को मतदान होना है
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राजस्थान : जयपुर। लग रहा है कांग्रेस ने अपनी पार्टी के सभी मतभेद खत्म कर लिए है। लंबे समय से चली आ रही राजस्थान कांग्रेस के अंदर की लड़ाई अब चुनाव से पहले ठीक हो गयी है। सचिन पायलट ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया है जिसको देखने के बाद लोग यह अनुमान लगाने लगे हैं। राजस्थान में मतदान से एक दिन पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट का एक वीडियो सोशल मीडिया मंच पर पोस्ट किया। इस वीडियो में पायलट लोगों से पुरानी बातें भुलाकर कांग्रेस के सभी उम्मीदवारों को जिताने की अपील कर रहे हैं। यह घटनाक्रम ऐसे समय हुआ है जब एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस पर गुर्जरों का अपमान करने का आरोप लगाते हुए सीधा हमला बोला था।
राज्य में 200 विधानसभा सीटों में से 199 सीटों पर शनिवार को मतदान होना है जहां सत्तारूढ़ कांग्रेस व मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में सीधा मुकाबला माना जा रहा है। गहलोत ने पायलट का 1.51 मिनट का वीडियो अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर साझा करते हुए लिखा है, ‘‘कांग्रेस के युवा नेता सचिन पायलट जी की राजस्थान के लोगों से कांग्रेस को वोट देने की अपील।’’ वीडियो में पायलट लोगों से कांग्रेस को वोट देने की अपील करते हुए कह रहे हैं कि मतदाताओं के फीडबैक, जनता की प्रतिक्रिया और रुझान से साफ है कि आने वाले समय में कांग्रेस सरकार बनाने जा रही है। उन्होंने लोगों से कांग्रेस के सभी उम्मीदवारों को भारी बहुमत से जिताने की अपील की है।
वीडियो में उन्हें कहते हुए सुना जा सकता है, ‘‘पिछले कुछ हफ्तों में हम सब लोग पार्टी के लिए प्रचार करने अलग अलग जगह गए। जो प्रतिक्रिया, फीडबैक मिला है और मतदाताओं का जो रूझान है उसे देखकर स्पष्ट है कि आने वाले समय में सरकार कांग्रेस पार्टी की बनने जा रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘तीस साल की जो परंपरा है कि पांच साल भाजपा, पांच साल कांग्रेस; उस रिवाज में परिवर्तन आएगा और एक बार पुन: सभी लोग कांग्रेस पार्टी को अपना आशीर्वाद देंगे।’’
पायलट के अनुसार, ‘‘चुनाव प्रचार के लिए सैकड़ों सभाएं कीं लेकिन कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जहां हम चाहकर भी नहीं पहुंच सके। इसलिए मेरी आपसे विनम्र अपील है कि प्रदेश की विकास की गति को बनाए रखने के लिए, सबको साथ लेकर चलने की जो रीति नीति कांग्रेस की है उसको बनाए रखने के लिए ये जरूरी है कि हम सारी बातें भुलाकर ‘हाथ’ के निशान पर बटन दबाकर कांग्रेस के सभी उम्मीदवारों को भारी बहुमत से विजश्री दिलाएं।’’ पायलट ने कहा, ‘‘मैं आपसे अपील करना चाहता हूं कि सभी विधानसभा क्षेत्रों में आप सब लोग अपने अपने कांग्रेस उम्मीदवारों को आशीर्वाद प्रदान करें।’’ उन्होंने लोगों से 25 नवंबर को भारी मात्रा में मतदान कर कांग्रेस उम्मीदवारों को जिताने की अपील की।
उन्होंने कहा, ‘‘यह जीत कांग्रेस की जीत होगी, जनता की जीत होगी और आने वाले समय में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद हमने जो योजनाएं चालू की हैं उनको रोकने की भाजपा की सोच को हम कामयाब नहीं होने देंगे।’’ राजस्थान की 200 में से 199 विधानसभा सीटों पर 25 नवंबर को मतदान होगा और तीन दिसंबर को मतगणना होगी। कांग्रेस उम्मीदवार गुरमीत सिंह कुन्नर के निधन के कारण करणपुर सीट पर चुनाव स्थगित कर दिया गया है। बीते पांच साल में संभवत: यह पहली बार है जब गहलोत ने सोशल मीडिया पर पायलट का कोई वीडियो इस तरह से साझा किया है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी ने बृहस्पतिवार को चुनाव प्रचार के आखिरी दिन कांग्रेस पर गुर्जरों का अपमान करने का आरोप लगाया।
मोदी ने राजसमंद के देवगढ़ में एक रैली में सचिन पायलट के संदर्भ में कहा,‘‘...गुर्जर समाज का एक बेटा राजनीति में जगह बनाने के लिए संघर्ष करता है। पार्टी के लिए जान लगाता है और सत्ता मिलने के बाद ‘शाही परिवार’ की शह पर उसे दूध में से मक्खी की तरह निकाल करके फेंक दिया जाता है।’’ गुर्जर समुदाय से आने वाले पायलट 2018 में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष थे। विधानसभा चुनाव में पार्टी को बहुमत मिलने के बाद से ही पायलट और गहलोत में मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान शुरू हो गई। पार्टी आलाकमान ने गहलोत को मुख्यमंत्री बनाया जबकि पायलट को उपमुख्यमंत्री पद दिया गया।
जुलाई 2020 में गहलोत के नेतृत्व के खिलाफ बगावत करने के बाद पायलट को उपमुख्यमंत्री व प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया। यह अलग बात है कि इस विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी ने कहा कि ‘सबकुछ ठीक’ हो गया है और दोनों नेताओं ने यह भी कहा कि अतीत की बातों को भूल जाना चाहिए। गुर्जर समाज का पूर्वी राजस्थान के जिलों में प्रभाव है जहां पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अधिकांश सीटें जीती थीं।