सेंथिलबालाजी के 1.34 करोड़, पत्नी के खाते में 29.55 लाख नकद जमा किए : ईडी

ईडी ने कहा कि आय की तुलना में यह नकद जमा राशि बहुत बड़ी हैं

सेंथिलबालाजी के 1.34 करोड़, पत्नी के खाते में 29.55 लाख नकद जमा किए : ईडी

चेन्नई : मनी लॉन्ड्रिंग (धनशोधन) मामले में गिरफ्तार तमिलनाडु के ऊर्जा मंत्री वी. सेंथिलबालाजी की जमानत याचिका का जोरदार विरोध करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कहा कि मंत्री के बैंक स्टेटमेंट से पता चला है उनके बैंक खातों में 1.34 करोड़ रुपए तथा पत्नी एस मेघला के खाते में 29.55 लाख रुपये नकद जमा किया गया है। ईडी ने कहा कि आयकर रिटर्न (आईटीआर) में घोषित आय की तुलना में यह नकद जमा राशि बहुत बड़ी हैं। ईडी ने यह भी कहा कि प्रमुख संदिग्ध श्री बालाजी, उनके भाई आरवी अशोक कुमार और एक अन्य व्यक्ति बी षणमुगम को 2022 में कई बार समन भेजा गया था, लेकिन इनमें से कोई एक बार भी पेश नहीं हुआ और बिना किसी वैध कारण के स्थगन के लिए बार-बार अनुरोध करते रहे।

ईडी ने विस्तृत पूछताछ के लिए मंत्री सेंथिलबालाजी की 15 दिन की हिरासत की मांग की। उन्होंने कहा कि जॉब रैकेट घोटाले में शामिल कुछ संदिग्धों एमटीसी अधिकारियों के बयान पीएमएलए की धारा 50 (2) और (3) के तहत दर्ज किए गए हैं। उन्होंने कहा कि कई नियम / विनियम जैसे पेंसिल से साक्षात्कार के अंक दर्ज करना, योग्यता और आरक्षण के सिद्धांत का पालन नहीं करना, अनाधिकृत अधिकारियों द्वारा नियुक्ति पत्र जारी करना, अनुमोदन के बिना रिक्ति की स्थिति में वृद्धि करना, भर्ती में मंत्री के निजी सहायक (पीए) को शामिल करना और मंत्री के पीए के सहयोगियों के माध्यम से नौकरी के लिए पैसा लेना। उच्चाधिकारियों/मंत्री के कार्यालय के निर्देशों के कारण भर्ती प्रक्रिया के दौरान इसका उल्लंघन किया गया है।

उन्होंने कहा कि इन प्रावधानों के तहत दर्ज किए जाने वाले बयान पीएमएलए की धारा 50(4) के तहत न्यायिक कार्यवाही हैं, जो सीओआई के अनुच्छेद 20(3) पर लागू नहीं होंगे।

उल्लेखनीय है कि कुछ उम्मीदवारों के (जिन्होंने पैसा दिया लेकिन उन्हें नौकरी नहीं मिली) के बयान पीएमएलए की धारा 50 (2) और (3) के तहत दर्ज किए गए हैं। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि धनराशि सीधे या कुछ मध्यस्थों के मार्फत श्री सेंथिलबालाजी के पीए षणमुगम को दिया गया है। इसके साथ ही कुछ अभियुक्तों में उम्मीदवारों और सेंथिल बालाजी के बीच मध्यस्थों के बयान पीएमएलए की धारा 50 के तहत दर्ज किए गए हैं। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि नौकरी पाने के अवैध लाभ के लिए कई नौकरी चाहने वालों से पैसा एकत्र किया और परिवहन विभाग में षणमुगम के पास जमा किया गया है। उच्चतम न्यायालय द्वारा 16 मई के आदेश पर रोक हटाने के बाद, एलईए ट्रायल कोर्ट की हिरासत में बिना चिह्नित किए गए दस्तावेज और फोरेंसिक रिपोर्ट को प्राप्त किया गया और उनका विश्लेषण किया गया है।

प्रस्तुत दस्तावेज के आधार पर यह माना गया है कि श्री सेंथिलबालाजी ने मनी लॉन्ड्रिंग का अपराध किया था और यह कि मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल अपराध की आय और उससे संबंधित रिकॉर्ड उनके कब्जे में हैं। ईडी ने कहा कि पीएमएलए की धारा 50 के तहत श्री सेंथिलबालाजी को समन जारी किया गया था और आज इसे मंत्री को दिखाया गया था, लेकिन उन्होंने इस पर हस्ताक्षर करने और इसे लेने से इनकार कर दिया। ईडी ने कहा कि लेन-देन और जांच के दौरान एकत्र किए गए दस्तावेज, जिसमें कुछ अभियुक्तों/पीडि़तों/गवाहों द्वारा दिए गए बयान शामिल हैं। इससे स्पष्ट रूप से मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध का संकेत दिखाई देते हैं। उन्होंने कहा कि यह दिखाने के लिए न तो मंत्री का कोई औचित्य था और न ही सबूत कि इतनी ज्यादा मात्रा में नकद जमा का स्रोत उसकी वास्तविक आय से है। प्रवर्तन निदेशालय ने इसके अलावा कहा कि अभियुक्त अभी भी साक्ष्य, दस्तावेज को नष्ट कर सकता है और गवाहों को प्रभावित कर सकता है जो पीएमएलए के तहत की गयी कार्यवाही को विफल कर देगा। ईडी ने कहा, इसलिए, सबसे विनम्रतापूर्वक प्रार्थना की जाती है कि यह अदालत 15 दिनों के लिए श्री सेंथिलबालाजी की हिरासत प्रदान करने की कृपा करे और इस प्रकार न्याय प्रदान करे।