गिरफ्तार सिखों की रिहाई को लेकर एसजीपीसी ने किया रोष मार्च

पंजाब में ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन पर पुलिस कार्रवाई के दौरान गिरफ्तार किए गए युवक

गिरफ्तार सिखों की रिहाई को लेकर एसजीपीसी ने किया रोष मार्च

अमृतसर : पंजाब में ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन पर पुलिस कार्रवाई के दौरान गिरफ्तार किए गए युवकों की रिहाई की मांग को लेकर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने शुक्रवार को श्री दरबार साहिब से जिला उपायुक्त कार्यालय तक रोष मार्च किया, जहां उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के नाम एक मांग पत्र जिला उपायुक्त हरप्रीत सिंह सूदन को सौंपा। एसजीपीसी अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी के नेतृत्व में इस रोष मार्च में एसजीपीसी के पदाधिकारियों के अतिरिक्त अन्य संगठनों के नेता भी शामिल थे। जिला उपायुक्त को दिए मांग पत्र में उन्होंने कहा कि वह उस राज्य के मुख्यमंत्री का दायित्व निभा रहे हैं, जिसने हमेशा भारत की संस्कृति और सीमाओं की रक्षा करने में अग्रणी भूमिका निभाई है। पंजाब की सरकारें गुरु नानक देव के सत्य और मानवता के कल्याण की शिक्षाओं पर आधारित हैं। गुरुओं के दिखाए रास्ते पर चलते हुए सिखों ने हमेशा देश के कल्याण के लिए कुर्बानी दी है। उन्होंने कहा कि देश के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान सिखों का बलिदान 50 प्रतिशत से अधिक है, लेकिन सिखों को हमेशा इस बात का दुख रहा है कि देश की आजादी के बाद उनके ही देश भारत में उनके अधिकारों और हितों की उपेक्षा की गई है और वर्तमान समय में सिखों के मुद्दों के सरलीकरण के प्रति उदासीनता की नीति अपनाई जा रही है। सिखों की चिंताओं को जाने बिना मुख्यमंत्री के रूप में पंजाब राज्य का नेतृत्व करना संभव नहीं है। मांग पत्र में कहा गया है कि फिलहाल पंजाब के हालात को गंभीरता से समझने की बेहद जरूरत है। अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार करने की आड़ में बड़ी संख्या में निर्दोष सिख युवकों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इससे देश में सिखों के खिलाफ सोची-समझी साजिश के तहत रचा जा रहा नैरेटिव सिखों के साथ-साथ पंजाब के लिए भी अच्छा नहीं है। पंजाब सरकार ने जानबूझकर इस मामले को उलझाया है। गिरफ्तार सिख युवकों के परिजन काफी चिंतित हैं, जो इंसाफ के लिए लगातार शिरोमणि कमेटी के पास गुहार लगा रहे हैं।

इस स्थिति को लेकर सिख समुदाय के सर्वोच्च तीर्थ श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार साहिब ने 27 मार्च को सिख प्रतिनिधियों के साथ एकत्रित होकर विचार-विमर्श के बाद पंजाब की भलाई और काम करने के आदेश जारी किए, लेकिन दुख इस बात का है कि आपने जमीनी हकीकत को समझने के बजाय श्री अकाल तख्त साहिब की मर्यादा और आभा को ही चुनौती दे डाली। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार देश का प्रतिनिधित्व करते हैं और अपना कर्तव्य निभाते हैं। श्री अकाल तख्त साहिब की नैतिकता सैद्धांतिक है और किसी सांसारिक सिंहासन की तरह नहीं है। उन्होंने कहा, हम सलाह देते हैं कि पंजाब की मौजूदा स्थिति का गंभीरता से अध्ययन करें और पंजाब सरकार पर कोई आरोप लगाने से बचें। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी श्री अमृतसर सिख समाज का प्रतिनिधि होने के नाते देश और राज्य के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझते हुए मांग करती है कि स्थिति की गंभीरता को देखते हुए लचर न्याय करने के आरोप में गिरफ्तार युवकों को तुरंत रिहा किया जाए। गिरफ्तार युवाओं पर लगाया एन.एस.ए हटाया जाए तथा युवकों को तत्काल उनके परिजनों से मिलवाया जाए।