सिसोदिया ने जेल से पत्र लिखकर शिक्षा की क्रांतिकारी शक्ति पर जोर दिया

दिल्ली के पूर्व शिक्षा मंत्री ने समाज के वंचित वर्ग के बच्चों की शिक्षा को नजरअंदाज करने के परिणामों पर गौर करने का आग्रह किया

सिसोदिया ने जेल से पत्र लिखकर शिक्षा की क्रांतिकारी शक्ति पर जोर दिया

नई दिल्ली: दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने तिहाड़ जेल से एक पत्र लिखकर शिक्षा की क्रांतिकारी शक्ति तथा समाज के वंचित वर्गों के उत्थान की आवश्यकता पर जोर दिया। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्विटर पर यह पत्र साझा किया है। सिसोदिया ने अपने पत्र में प्रत्येक बच्चे को उनकी सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि पर ध्यान दिए बगैर समान अवसर उपलब्ध कराने तथा शिक्षा तक पहुंच की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया। दिल्ली के पूर्व शिक्षा मंत्री ने समाज के वंचित वर्ग के बच्चों की शिक्षा को नजरअंदाज करने के परिणामों पर गौर करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि गरीब वर्ग को शिक्षा से वंचित करना न केवल असमानता कायम रखता है बल्कि यह नफरत और घृणा भी फैलाता है।

उन्होंने पत्र में कहा, ‘‘अगर हर गरीब को मिली किताब, तो नफरत की आंधी कौन फैलाएगा? सबके हाथों को मिल गया काम तो सडक़ों पर तलवार कौन लहराएगा?’’ उन्होंने पूछा, ‘‘अगर हर किसी को मिल गयी अच्छी शिक्षा तो इनका ‘व्हाट्सऐप विश्वविद्यालय’ बंद हो जाएगा। पढ़े-लिखे और समझदारी की बुनियाद पर खड़े समाज को, कोई कैसे नफरत के मायाजाल में फंसाएगा।’’ आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता ने शिक्षा से आने वाले सशक्तीकरण पर भी जोर दिया। विचारों और आकांक्षाओं को अभिव्यक्त करने के लिए कलम जैसे हथियारों की महत्ता बताते हुए सिसोदिया ने कहा, ‘‘अगर पढ़ गया समाज का हर बच्चा, तो तुम्हारी चालाकियों और कुनीतियों पर सवाल उठाएगा। अगर गरीब को मिली कलम की ताकत तो वह अपने ‘मन की बात’ सुनाएगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली और पंजाब के स्कूलों में हो रहा शंखनाद, पूरे भारत में अच्छी शिक्षा का अलख जगाएगा। जेल भेजो या फांसी दे दो, यह कारवां रुक नहीं पाएगा। अगर पढ़ गया गरीब का हर बच्चा, राजमहल तुम्हारा छिन जाएगा।’’ गौरतलब है कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने कथित आबकारी नीति घोटाला मामले में सिसोदिया को गिरफ्तार किया है। वह अभी न्यायिक हिरासत में हैं।