जहां प्रभु श्रीराम जी की कथा वह स्थान तीर्थ समान

कुंजपुरा गांव के रामलीला मैदान में श्रीराम कथा श्रवण को उमड़ी श्रद्धा

जहां प्रभु श्रीराम जी की कथा वह स्थान तीर्थ समान

करनाल -  दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से कुंजपुरा गांव स्थित रामलीला मैदान में बुधवार शाम पांच दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा के शुभारंभ पर श्रद्धा उमड़ी। श्रीगुरु आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी प्रवीणा भारती जी ने सर्वप्रथम गुरु का स्मरण करते हुए कहा कि मानव को उसके जीवन में गुरु ही दिशा देते हैं और उसका पार उतारा करते हैं। इसलिए गुरु के प्रति समर्पित होना आवश्यक है। जहां प्रभु श्रीराम जी की कथा का आयोजन होता है वह स्थान तीर्थ के समान हो जाता है।

उन्होंने प्रथम दिन प्रभु श्रीराम जन्म प्रसंग को बड़े ही रोचक ढंग से प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि महाराज दशरथ जो पुत्र की इच्छा लेकर जब अपने गुरुदेव वशिष्ठ के पास जाते हैं तो गुरुदेव वशिष्ठ उन्हें चार पुत्र रत्न की प्राप्ति का वरदान देते हैं। यज्ञ नारायण भगवान की कृपा से उनके घर में श्री हरि नारायण मां कौशल्या की गोद से जन्म ले करके आते हैं। यह बाहरी अयोध्या नगरी में प्रभु श्रीराम जी का प्राकट्य हमें संकेत करता है कि हम अपने अंतर्गत में प्रभु श्रीराम को प्रकट करें। वास्तव में यह हमारा जो शरीर है इसे ग्रंथों के अंदर अयोध्या कह कर के संबोधित किया। आठ चक्रों नवद्वारों से सुसज्जित यह मानव की देही जिसमे परमात्मा श्रीराम ज्योति रूप में विद्यमान हैं। आवश्यकता है एक ऐसे सतगुरु की जिसके माध्यम से हम अपने अंतर्गत में उस प्रभु श्रीराम के ज्योति स्वरूप का साक्षात्कार कर पाएं। प्रभु श्रीराम ने जन्म लेकर न केवल महाराज दशरथ व महारानी कौशल्या को धन्य किया, इस धरा पर उनके आने का उद्देश्य प्रत्येक जीवात्मा के अंतर्गत में बैठे निराकार परमात्मा से मानव को अवगत करवाना है। प्रभु श्रीराम जी का जन्म ही नहीं, उनका पूरा जीवन चरित्र मानव के उत्थान के लिए है।

उन्होंने कहा कि आज युवाओं के मन में उठने वाली कामनाओं, वासनाओं के कारण हमारे समाज में नारी शोषण के जैसी घटनाओं का स्तर बढ़ रहा है। श्रीगुरु आशुतोष महाराज जी ब्रह्म ज्ञान को प्रदान कर भगवान शिव के समान दोनों आंखों के मध्य भृकुटी में स्थित अग्नि नेत्र को उजागर कर युवाओं के भीतर उठने वाली इन वासनाओं पर अंकुश लगाने का कार्य कर रहे हैं। दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के साथ युवा परिवार सेवा समिति के नाम से परिवर्तित हो चुके युवाओं के माध्यम से आज नुक्कड़ नाटक व रैली के माध्यम से पंजाब क्षेत्र में इन अश्लील अभद्र गानों को बंद करवाने के लिए मुहिम चलाई गई है। नशा मुक्त करने के लिए बोध नामक प्रकल्प चलाया जा रहा है। जिसका उद्देश्य है नशा उन्मूलन। युवा परिवार सेवा समिति के सदस्य आज समाज में कोने-कोने में फैले नशे रूपी बुराई को मिटाने के लिए प्रयासरत हैं। प्रभु की पावन आरती के साथ कथा को विराम दिया गया।