महिला आरक्षण लागू करने और जनगणना के बीच कोई संबंध नहीं : राहुल

महिलाओं को लोकसभा और विधानसभा की 33 प्रतिशत सीटें आवंटित करके महिला आरक्षण विधेयक आज लागू किया जा सकता है

महिला आरक्षण लागू करने और जनगणना के बीच कोई संबंध नहीं : राहुल

नई दिल्ली : कांग्रेस नेता एवं सांसद राहुल गांधी ने लोकसभा और विधानसभाओं में महिला आरक्षण लागू करने के समय को लेकर रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्हें महिला आरक्षण और दशकीय जनगणना या परिसीमन अभ्यास के बीच कोई संबंध नजर नहीं आता। गांधी ने यहां असम के एक मीडिया नेटवर्क के कार्यक्रम में कहा कि महिलाओं को लोकसभा और विधानसभा की 33 प्रतिशत सीटें आवंटित करके महिला आरक्षण विधेयक आज लागू किया जा सकता है। राजनीतिक व्यवस्था में महिलाओं की भागीदारी के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि भारतीय महिलाएं राजनीतिक व्यवस्था में उस तरह से हिस्सा नहीं ले रही हैं, जिस तरह उन्हें लेना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘उन्हें (महिलाओं को) राजनीति में भाग लेने में मदद करने का सबसे बड़ा कार्य कांग्रेस पार्टी द्वारा पंचायती राज में 33 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करके किया गया था।’ भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘जब हम पंचायती राज में महिला आरक्षण को पारित कराने की कोशिश कर रहे थे तो भाजपा ने इस मुद्दे पर हमारा विरोध किया। ऐसे में महिला सशक्तिकरण में किसकी रुचि है, यह बहुत स्पष्ट है।’ भाजपा पर ध्यान भटकाने वाली रणनीति अपनाने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि उनकी पार्टी ने अब पिछले अनुभवों से सीख लिया है कि इससे कैसे निपटना है। उन्होंने कहा, ‘हमने सीख लिया है कि भाजपा की ध्यान भटकाने वाली रणनीति से कैसे निपटना है। कर्नाटक चुनाव में, हमने एक स्पष्ट दृष्टिकोण दिया और अब हम बयान पर नियंत्रण रखते हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे क्या करने की कोशिश करते हैं, अब बयान पर हमारा नियंत्रण है।’

मणिपुर संघर्ष के मुद्दे पर चर्चा करते हुए कांग्रेस सांसद ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार का पूर्वोत्तर राज्य की स्थिति पर कोई नियंत्रण नहीं है। उन्होंने कहा, ‘भाजपा वहां नफरत की राजनीति कर रही है। इसने मणिपुर राज्य को नष्ट कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘मैंने अपने पूरे जीवन में मणिपुर में जो देखा वह कभी नहीं देखा।’ ‘इंडिया गठबंधन’ और एकजुट विपक्षी दलों के लचीलेपन के साथ काम करने के बारे में बात करते हुए श्री गांधी ने कहा, ‘सभी चुनौतियों के बीच, हम (इंडिया गठबंधन) एकजुट हुए हैं और मैंने विपक्ष को पहले कभी इस तरह काम करते नहीं देखा - इतने लचीलेपन के साथ क्योंकि हम एक राजनीतिक दल से लड़ रहे हैं लेकिन भारत के विचार का बचाव कर रहे हैं, इसीलिए हमने अपने गठबंधन का नाम आई.एन.डी.आई.ए. रखा है।’