अनुबंधित सफाई श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन सुनिश्चित करने की मांग

कहा, इन श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा का कोई भी लाभ नहीं मिलता है

अनुबंधित सफाई श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन सुनिश्चित करने की मांग

नई दिल्ली : नेशनल कैंपेन फॉर डिग्निटी एंड राइट्स ऑफ सीवरेज एंड एलाइड वर्कर्स?,और दलित आदिवासी शक्ति अधिकार मंच ने दिल्ली में अनुबंधित सफाई श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है। नेशनल कैंपेन फॉर डिग्निटी एंड राइट्स ऑफ सीवरेज एंड एलाइड वर्कर्स की राष्ट्रीय संयोजक हेमलता कंसोटिया ने रविवार को यहां बताया कि दिल्ली में भारी संख्या में सफाई कर्मचारी अनुबंध के काम करते हैं। इन कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन नहीं मिल रहा है और उनके पास कोई सामाजिक सुरक्षा जैसे जीवन बीमा, स्वास्थ्य बीमा या चिकित्सा सुविधा भी नहीं है। उन्होंने कहा कि इन श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा का कोई भी लाभ नहीं मिलता है।

सुश्री कंसोटिया ने दावा किया कि जब नौकरी के अनुबंध में स्वास्थ्य बीमा और मुआवजे का उल्लेख होता है तब भी सीवर श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा नहीं मिलती है। उन्होंने सीवर ‘शिल्ट’ उठाने वाली महिला सीवर कर्मचारियों (अनुकंपा के आधार पर नियुक्त) की दुर्दशा का जिक्र किया और कहा कि इन्हें सीवर कर्मचारी भी नहीं माना जाता है। उन्होंने कहा कि सीवर श्रमिकों को ईएसआई कार्ड नहीं दिए जाते हैं जोकि स्वास्थ्य लाभ सुनिश्चित करने और विशेष रूप से स्वच्छता श्रमिकों के लिए महत्वपूर्ण है। लंबे समय तक काम करने वाले कर्मियों को कुशल नहीं माना जाता और उन्हें दिल्ली जल बोर्ड का स्थायी कर्मचारी नहीं बनाया जाता। दिल्ली में सीवर श्रमिकों की आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने का एकमात्र तरीका ठेकेदारी प्रथा को हटाना और सरकारी विभागों के माध्यम से श्रमिकों की भर्ती करना है।

म्युनिसिपल वर्कर्स लाल झंडा यूनियन के अध्यक्ष वीरेंद्र गौड़ ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड में काम करने वाले सीवर श्रमिकों को भी न्यूनतम वेतन नहीं दिया जाता है। आंकड़ों के अनुसार इस साल दिल्ली में 19 सीवर कर्मचारियों की मौत हुई है। सभी 30 साल से कम उम्र के थे, जिनके परिवारों को उचित मुआवजा नहीं दिया गया है।