नागरिकों को तेजगति से सेवाओं की डिलीवरी पर फोकस करें : मोदी

कहा, ‘सरकार और शासन में बदलाव लाने के मिशन में आप सभी युवा मेरी सबसे बड़ी ताकत हैं

नागरिकों को तेजगति से सेवाओं की डिलीवरी पर फोकस करें : मोदी

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सरकारी सेवा में आने वाले युवा प्रशासकों का आज आह्वान किया कि वे नागरिक सेवाओं की तेज डिलीवरी तथा टुकड़ों की जगह एक स्थायी एवं दीर्घकालिक समाधान मुहैया कराने के लिए खुद को तैयार करें और इसके लिए तकनीक की भी मदद लें। मोदी ने यहां सरकारी सेवाओं में नियुक्ति किये गये 51 हजार से अधिक लोगों को नियुक्ति पत्र वितरण के अवसर पर वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए कहा, ‘सरकार और शासन में बदलाव लाने के मिशन में आप सभी युवा मेरी सबसे बड़ी ताकत हैं। आप सभी उस पीढ़ी से आते हैं जहां सब कुछ बस एक क्लिक पर मिल जाता है। लोग हर सर्विस की तेज डिलीवरी चाहते हैं। आप अच्छी तरह जानते हैं कि आज की पीढ़ी समस्याओं का टुकड़ों में समाधान नहीं चाहती है, उन्हें स्थायी समाधान चाहिए। इसलिए, जनसेवक होने के नाते आपको ऐसे फैसले लेने होंगे, ऐसी जिम्मेदारियां निभानी होंगी, हर पल ऐसे तैयार रहना होगा, जो लंबे समय तक लोगों के लिए फायदेमंद हो।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आप जिस पीढ़ी से संबंध रखते हैं, वो कुछ हासिल करने का इरादा रखती है। ये पीढ़ी किसी का फेवर नहीं चाहती, वो बस ये चाहती है कि कोई उनके रास्ते का रोड़ा ना बने। इसलिए, जनसेवक के तौर पर आपके लिए ये समझना बहुत आवश्यक है कि सरकार जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए, हमेशा जनता की सेवा के लिए है। आप ये समझते हुए काम करेंगे तो कानून व्यवस्था को बनाए रखने में भी आपको बहुत मदद मिलेगी।’ उन्होंने कहा कि इस बार रोजगार मेले का ये आयोजन एक ऐसे माहौल में हो रहा है, जब देश गर्व और आत्मविश्वास से भरा हुआ है। हमारा चंद्रयान और उसका रोवर प्रज्ञान, लगातार चंद्रमा से ऐतिहासिक तस्वीरें भेज रहा है। गर्व से भरे इस क्षण और ऐसे समय में आप अपने जीवन की सबसे महत्वपूर्ण यात्रा शुरू करने जा रहे हैं। वह सभी सफल अभ्यर्थियों और उनके परिवारजनों को अनेक-अनेक शुभकामनाएं देते हैं। उन्होंने कहा कि सेना में आकर, सुरक्षाबलों के साथ जुडक़र, पुलिस सेवा में आकर, हर युवा का सपना होता है कि वो देश की रक्षा का प्रहरी बने। इसलिए आप पर बहुत बड़ा दायित्व होता है। इसीलिए आपकी जरूरतों के प्रति भी हमारी सरकार बहुत गंभीर रही है। बीते कुछ वर्षों में अर्धसैनिक बलों की भर्ती प्रक्रिया में कई बड़े बदलाव किए गए हैं। आवेदन से लेकर चयन तक की प्रक्रिया में तेजी लाई गई है। अर्धसैनिक बलों में भर्ती के लिए होने वाली परीक्षा अब 13 स्थानीय भाषाओं में भी कराई जा रही है। पहले ऐसी परीक्षा में सिर्फ हिंदी या अंग्रेजी चुनने का ही विकल्प होता था, अब मातृभाषा का मान बढ़ा है। इस बदलाव से लाखों युवाओं के लिए रोजगार पाने के रास्ते खुल गए हैं।

उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष भी छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिलों में सैकड़ों आदिवासी युवकों की नियुक्ति की गई थी। इन्हें नियमों में छूट देकर सुरक्षाबल में भर्ती पाने का अवसर दिया गया, ताकि विकास की मुख्यधारा से जुड़े रहें। इसी तरह सीमावर्ती जिलों और उग्रवाद प्रभावित जिलों के युवाओं के लिए कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा में कोटा बढ़ाया गया है। सरकार के प्रयासों से अर्धसैनिक बलों को लगातार मजबूती मिल रही है। उन्होंने कहा कि देश का विकास सुनिश्चित करने में आपके दायित्व की महत्वपूर्ण भूमिका है। सुरक्षा का वातावरण, कानून का राज, विकास की रफ्तार को तेज कर देता है। मोदी ने उत्तर प्रदेश का उदाहरण देते हुए कहा कि कभी उत्तर प्रदेश विकास के मामले में बहुत पीछे था और अपराध के मामले में बहुत आगे। लेकिन अब कानून का राज स्थापित होने से उत्तर प्रदेश, विकास की नई ऊंचाई छू रहा है। कभी गुंडों-माफिया की दहशत में रहने वाले इस राज्य में आज भय मुक्त समाज की स्थापना हो रही है। कानून-व्यवस्था का ऐसा शासन लोगों में विश्वास पैदा करता है। और जब अपराध कम हुआ है, तो राज्य में निवेश भी बढ़ रहा है, निवेश आ रहा है। इसके उलट हम ये भी देखते हैं कि जिन राज्यों में अपराध चरम पर है, वहां निवेश भी उतना ही कम हो रहा है, रोजी-रोटी के सारे काम ठप पड़ जाते हैं।

उन्होंने कहा, ‘आजकल आप लगातार पढ़ते भी हैं और देखते भी हैं हैं कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है। भारत इस दशक में टॉप-3 अर्थव्यवस्था में शामिल हो जाएगा। और ये गारंटी जब मैं आपको देता हूं ना, बड़ी जिम्मेदारी के साथ मैं समस्त देशवासियों को गारंटी देता हूं। लेकिन जब आप ये पढ़ते हैं तो एक सवाल आपके मन में जरूर आता होगा कि इसका देश के सामान्य नागरिक पर क्या असर होगा? और ये सवाल बहुत स्वभाविक भी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी भी अर्थव्यवस्था को आगे बढऩे के लिए ये जरूरी है कि देश के हर क्षेत्र का विकास हो। खाद्य क्षेत्र से ले करके फार्मा तक, अंतरिक्ष से ले करके स्टार्टअप तक, जब हर क्षेत्र आगे बढ़ेगा तो अर्थव्यवस्था भी आगे बढ़ेगी। फार्मा उद्योग का उदाहरण सामने है। महामारी के समय भारत के फार्मा उद्योग की बहुत सराहना की गई। आज ये उद्योग चार लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की है और कहा ये जा रहा है कि 2030 तक भारत की फार्मा उद्योग करीब 10 लाख करोड़ रुपए की हो जाएगी। इसका मतलब ये हुआ कि इस दशक में फार्मा उद्योग को आज की तुलना में कई गुना ज्यादा युवाओं की जरूरत पड़ेगी। रोजगार के अनेक नए अवसर आएंगे। उन्होंने कहा कि आज देश में ऑटोमोबाइल और ऑटो उपकरण उद्योग में भी बहुत तेजी से बढ़त देखने को मिल रही है। फिलहाल ये दोनों उद्योग 12 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की है। आने वाले वर्षों में इसके औऱ बढऩे की उम्मीद है। इस प्रगति को संभालने के लिए ऑटोमोबाइल उद्योग को भी बहुत सारी संख्या में नए लोगों की जरूरत पड़ेगी, रोजगार के अनगिनत अवसर बनेंगे। इन दिनों खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के महत्व की भी काफी चर्चा होती है। भारत का खाद्य प्रसंस्करण बाजार पिछले साल करीब-करीब 26 लाख करोड़ रुपए का था। अगले तीन साढ़े-तीन साल में, ये क्षेत्र करीब 35 लाख करोड़ रुपए का हो जाएगा। यानी जितना विस्तार होगा उतने अधिक युवकों की जरूरत पड़ेगी, उतने नए रोजगार के मौके खुल जाएंगे।

मोदी ने कहा कि भारत में आज अधोसंरचना का तेजी से विकास हो रहा है। पिछले 9 साल में केंद्र सरकार ने 30 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा अधोसंरचना पर खर्च किए हैं। इससे देश भर में कनेक्टिविटी का विस्तार तो हो रहा है, इसने पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र में नई संभावनाओं को जन्म दिया है। और नई संभावनाओं का सीधा मतलब है कि ज्यादा से ज्यादा रोजगार के मौके बनते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2030 तक हमारी अर्थव्यवस्था में पर्यटन क्षेत्र का योगदान 20 लाख करोड़ रुपए से भी ज्यादा होने का अनुमान है। माना जा रहा है कि अकेले इस उद्योग से 13 से 14 करोड़ लोगों को नए रोजगार की संभावना बनने वाली है। इन सारे उदाहरणों से समझा जा सकता है कि भारत का विकास सिर्फ नंबर की रेस नहीं है। इस विकास का भारत के हर नागरिक के जीवन पर प्रभाव पड़ेगा। इसका मतलब है कि बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर तैयार हो रहे हैं। और इससे आय में बढ़ोतरी और जीवन की गुणवत्ता सुनिश्चित हो रही है। उन्होंने कहा, हम परिवार में भी देखते हैं ना अगर हम किसान हैं, अच्छी फसल हुई-ज्यादा फसल हुई, अच्छे दाम मिले तो घर के अंदर कैसे रौनक आ जाती है। कपड़े नए आते हैं, बाहर जाने का मन करता है, नई चीजें खरीदने का मन करता है। घर की अगर आय बढ़ी तो घर के लोगों के जीवन में भी बदलाव आता है। जैसे परिवार में है ना, देश में भी वैसा ही है। जैसे देश की आय बढ़ती है, देश की ताकत बढ़ती है, देश में संपत्ति बढ़ती है तो देश के नागरिकों का जीवन संपन्न बनना शुरू हो जाता है। उन्होंने कहा कि पिछले 9 वर्षों के हमारे प्रयासों से परिवर्तन का एक औऱ नया दौर दिखने लगा है। पिछले साल भारत ने रिकॉर्ड निर्यात किया। ये संकेत है कि दुनियाभर के बाजारों में भारतीय सामानों की मांग लगातार बढ़ रही है। इसका मतलब है कि हमारा उत्पादन भी बढ़ा है और उत्पादन के लिए जो नए नौजवान लगे उसके कारण रोजगार भी बढ़ा है और स्वाभाविक है इसके कारण परिवार की आय भी बढ़ रही है। आज भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन निर्माता देश है। देश में मोबाइल फोन की मांग भी लगातार बढ़ रही है। सरकार के प्रयासों ने मोबाइल विनिर्माण को भी कई गुना बढ़ा दिया है। अब देश, मोबाइल से आगे बढक़र दूसरे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स पर भी फोकस कर रहा है।

उन्होंने कहा कि आईटी हार्डवेयर उत्पादन के क्षेत्र में, हम वैसी ही सफलता दोहराने वाले हैं, जैसी मोबाइल के क्षेत्र में हासिल की है। वो दिन दूर नहीं होगा जब मोबाइल की तरह ही भारत में बने एक से बढक़र एक लैपटॉप, टैबलेट और पर्सनल कंप्यूटर दुनिया में हमारी शान बढ़ाएंगे। वोकल फॉर लोकल के मंत्र पर चलते हुए सरकार भी मेड इन इंडिया लैपटॉप, कंप्यूटर जैसे अनेक उत्पाद खरीदने पर जोर दे रही है। इससे विनिर्माण भी बढ़ा है और युवाओं के लिए रोजगार के नए मौके भी बन रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘अर्थव्यवस्था के इस पूरे चक्र को संभालने की, इसे सुरक्षा देने की बहुत बड़ी जिम्मेदारी आप सभी जब ये सुरक्षाकर्मी के रूप में आपका जीवन आरंभ हो रहा है, आपका कार्य आरंभ हो रहा है तो कितनी जिम्मेदारी आपके सिर पर है इसका आप भली भांति अंदाज लगा सकते हैं।’ उन्होंने कहा कि 9 साल पहले आज के ही दिन प्रधानमंत्री जनधन योजना शुरू की गई थी। इस योजना ने गांव और गरीब के आर्थिक सशक्तिकरण के साथ ही रोजगार निर्माण में भी बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। 9 साल पहले देश में बहुत बड़ी संख्या में लोगों के पास बैंक खाता ही नहीं था, बेचारों ने बैंक का दरवाजा नहीं देखा था। लेकिन जनधन योजना के कारण बीते 9 वर्षों में 50 करोड़ से ज्यादा नए बैंक खाते खुल चुके हैं। इस योजना से गांव-गरीब तक सरकारी लाभ सीधे पहुंचाने में तो मदद मिली ही है औऱ साथ ही महिलाओं, दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों के रोजगार और स्वरोजगार को इससे बहुत बल मिला है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब गांव-गांव में बैंक खाते खुले तो इसके लिए बैंक मित्र के रूप में लाखों युवाओं को अवसर मिले। बैंक मित्र हो, बैंक सखी हो, इसके रूप में हमारे हजारों बेटे-बेटियों को रोजगार मिला। आज 21 लाख से अधिक युवा साथी बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट या तो कहें बैंक मित्र या बैंक सखी के रूप में गांव-गांव में सेवाएं दे रहे हैं। बड़ी संख्या में डिजिटल सखियां महिलाओं और बुज़ुर्गों को बैंकिंग सेवा से जोड़ रही हैं। इसी प्रकार जनधन योजना ने रोजगार और स्वरोजगार के एक और बड़े अभियान, मुद्रा योजना को बल दिया। इससे महिलाओं सहित उन वर्गों को छोटे-छोटे बिजनेस के लिए ऋण लेना आसान हुआ, जो कभी इसके बारे में सोच भी नहीं सकते थे। इन लोगों के पास बैंको को देने के लिए कोई गारंटी नहीं होती थी। ऐसे में सरकार ने खुद उनकी गारंटी ली।

उन्होंने कहा कि मुद्रा योजना से अभी तक 24 लाख करोड़ रुपए से अधिक के लोन दिए जा चुके हैं। इसमें करीब 8 करोड़ साथी ऐसे हैं, जिन्होंने पहली बार कोई कारोबार शुरू किया है, अपना काम शुरू किया है। पीएम स्वनिधि योजना के तहत करीब-करीब 43 लाख स्ट्रीट वेंडर्स को, रेहड़ी-पटरी वाले जो लोग होते हैं ना हमारे, पहली बार बैंकों से बिना गारंटी का ऋण स्वीकृत हुआ है। मुद्रा और स्वनिधि के लाभार्थियों में बड़ी संख्या में महिलाएं, दलित, पिछड़े और मेरे आदिवासी युवा हैं। उन्होंने कहा कि जनधन खातों ने गांवों में महिला स्वसहायता समूहों को मजबूत बनाने में भी बहुत मदद की है। सरकार जो आर्थिक मदद करती है, वो महिला स्वसहायता समूह से जुड़ी महिलाओं के बैंक खातों में अब सीधे जमा होता है। जनधन योजना ने देश में सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन को गति देने में जो भूमिका निभाई है, वो वाकई हमारी बड़े-बड़े संस्थानों के लिए अध्ययन का विषय है। मोदी ने कहा कि अर्धसैनिक बलों में अपनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को पूरा करने के साथ-साथ आप सीखते रहने की प्रवृत्ति को भी बनाए रखें। आप जैसे कर्मयोगियों के लिए आईजीओटी कर्मयोगी पोर्टल पर 600 से ज्यादा अलग-अलग कोर्सेज उपलब्ध हैं। सर्टिफिकेट कोर्सेज हैं। 20 लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों ने इस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराया है। वो ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं, परीक्षाएं दे रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘मेरा आग्रह है कि आप सब भी इस पोर्टल से पहले दिन से ही जुड़ जाएं और पहले दिन से तय कीजिए मैं ज्यादा से ज्यादा कोशिश करूं, ज्यादा से ज्यादा सर्टिफिकेट कोर्स करूं, ज्यादा से ज्यादा सर्टिफिकेट प्राप्त करूं। और आप देखिए, जो सीखेंगे, जानेंगे, समझेंगे वो सिर्फ एग्जाम के लिए नहीं है। आपके जीवन में उत्तम से उत्तम ड्यूटी करने के लिए है। एक श्रेष्ठ अवसर बनने का सामथ्र्य उसमें पड़ा हुआ है।

उन्होंने कहा, आपका क्षेत्र यूनिफॉर्म की दुनिया का है, मैं आप सबसे आग्रह करूंगा फिजिकल फिटनेस में जरा भी समझौता कीजिए। क्योंकि आपका काम समय के बंधनों में बंधा हुआ नहीं होता। मौसम की हर मार आपको झेलनी पड़ती है। फिजिकल फिटनेस ये आपके विभाग में काम करने वालों के लिए बहुत जरूरी है। फिजिकल फिटनेस से ही आधा काम तो यूं ही हो जाता है। अगर ढंग से आप खड़े हैं तो कानून व्यवस्था संभालने में कुछ करना नहीं पड़ता है, खड़ा रहना ही काफी हो जाता है। दूसरा मेरा मत है आपकी ड्यूटी में तनावपूर्ण पल बहुत बार आते हैं, छोटी-छोटी बात पर तनाव आ जाता है। योगा, ये आपके जीवन में नित्य अभ्यास होना चाहिए। आप देखेंगे संतुलित मन आपके कार्य के लिए बहुत बड़ी ताकत देगा। योगा- ये सिर्फ शारीरिक अभ्यास नहीं है, स्वस्थ मन के लिए, संतुलित मन के लिए और आप जैसे लोगों की ड्यूटी में तनाव से मुक्त रहने के लिए ये जीवन का हिस्सा होना बहुत जरूरी है। श्री मोदी ने कहा कि देश 2047 में जब आजादी के 100 साल मनाएगा, तब आप सरकार में बहुत उच्च पद पर पहुंचे होंगे। ये 25 साल देश के और ये 25 साल आपकी जिंदगी के कितना अद्भुत संयोग है, अब मौका आपको नहीं गंवाना है। अपनी पूरी शक्ति, सामथ्र्य, जितना उसका विकास कर सकते हैं करिए, जितना ज्यादा समर्पण कर सकते हैं करिए। जितना ज्यादा जन सामान्य के जीवन के लिए अपने जीवन को खपा दें, आप देखिए जीवन में अद्भुत संतोष मिलेगा, एक अद्भुत आनंद मिलेगा। और आपके व्यक्तिगत जीवन की सफलता आपको संतोष देगी।