कांग्रेस को गीता प्रेस गोरखपुर को गांधी शांति पुरस्कार देने से कोई समस्या नहीं : तिवारी

तिवारी अपनी ही पार्टी के नेता जयराम रमेश के बयान पर यह प्रतिक्रिया दे रहे थे

कांग्रेस को गीता प्रेस गोरखपुर को गांधी शांति पुरस्कार देने से कोई समस्या नहीं : तिवारी

पुणे : महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता गोपाल दादा तिवारी ने बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी को गीता प्रेस गोरखपुर को 2021 का गांधी शांति पुरस्कार देने से कोई दिक्कत नहीं है। तिवारी अपनी ही पार्टी के नेता जयराम रमेश के बयान पर यह प्रतिक्रिया दे रहे थे। रमेश ने हाल ही में गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार देने के लिए मोदी सरकार की आलोचना की थी। रमेश ने अपने ट्वीट में कहा था कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली जूरी का यह निर्णय उपहासपूर्ण है और सावरकर और गोडसे को पुरस्कृत करने जैसा है।

पार्टी प्रवक्ता तिवारी ने हालांकि कहा कि राजीव गांधी के कार्यकाल में भारतीय सांस्कृतिक, रिवाज और परंपरा को बढ़ावा देने में गांधी परिवार के योगदान की बहुत सराहना की गई और इसे देश की जनता ने स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी खुद देश में पहला ब्लैक-व्हाइट टीवी लेकर आयी थीं और बाद में रंगीन टीवी आया। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी के आग्रह पर ‘रामायण और महाभारत’ धारावाहिक लंबे समय तक हर रविवार को टीवी पर दिखाया, जिसने दर्शकों की संख्या के मामले में एक विश्व रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण दिवंगत राजीव गांधी के कारण संभव हुआ, जिन्होंने कई वर्षों से बंद राम मंदिर का ताला तोडक़र खुलवाया था। तिवारी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा उस वास्तविक तथ्य को छिपाने की कोशिश कर रही है जो कांग्रेस ने देश को दिया है। उन्होंने भाजपा को अफवाहों और झूठे बयानों को फैलाने से बचने की चेतावनी दी।

उन्होंने कहा कि श्री हनुमान प्रसाद पोद्दार और जयदयाल गोयनका जी ने गीता प्रेस गोरखपुर के माध्यम से भारतीय संस्कृति की महान पुस्तकों रामायण, महाभारत और कल्याण पत्रिका के साथ कई शास्त्रों का प्रकाशन किया और वे महात्मा गांधी के साथ स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन के दौरान जेल भी गए। उन्होंने गीता प्रेस के कार्यों की सराहना की जिसने दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाई है और अपने आप को हमेशा राजनीति से दूर रखा है। तिवारी ने कहा कि जयराम रमेश का बयान उनका व्यक्तिगत बयान हो सकता है। गांधी परिवारों के वफादार माने जाने वाले वरिष्ठ कांग्रेस नेता तिवारी ने कहा कि गीता प्रेस ने गांधी शांति पुरस्कार स्वीकारने की कही और दान में एक करोड़ रुपये लेने से मना किया है जो कि सराहनीय है।