कुछ लोग हमारा आंदोलन दूसरी दिशा में ले जाना चाहते हैं : बजरंग पूनिया

कहा, पहलवान उनके मंच का उपयोग राजनीतिक लाभ के लिए नहीं करने देंगे

कुछ लोग हमारा आंदोलन दूसरी दिशा में ले जाना चाहते हैं : बजरंग पूनिया

नई दिल्ली। प्रदर्शनकारी पहलवानों ने शनिवार को दावा किया कि कुछ लोग उनके आंदोलन को दूसरी दिशा में ले जाने के उद्देश्य से यहां आए हैं लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि वे लोग कौन हैं। तोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता बजरंग पूनिया ने कहा कि पहलवान उनके मंच का उपयोग राजनीतिक लाभ के लिए नहीं करने देंगे। बजरंग ने कहा,‘‘कुछ लोग हमारे आंदोलन को एक अलग दिशा में ले जाने की कोशिश कर रहे हैं और हम इसका पुरजोर विरोध करते हैं। यह भारत की बेटियों के लिए न्याय की लड़ाई है।’’

बजरंग संभवत: उन लोगों का जिक्र कर रहे थे, जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारे लगाते सुना गया था। उन्होंने कहा,‘‘ कई लोग प्रदर्शन स्थल पर पहुंच गए हैं और इसे भडक़ाऊ आंदोलन के रूप में पेश करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन यह भारतीय कुश्ती को बचाने की लड़ाई है। जो लोग यहां आए हैं हैं, वे किसी राजनीतिक लाभ के लिए नहीं बल्कि हमारा समर्थन करने के लिए यहां पहुंचे हैं।’’ बजरंग ने कहा,‘‘राजनीति और अन्य चीजें गौण हैं, महिलाओं की गरिमा और सम्मान पहले है, इसलिए कृपा करके इसमें राजनीति को शामिल ना करें। यह खिलाडय़िों का आंदोलन है और इसका किसी राजनीतिक पार्टी से कोई लेना देना नहीं है।’’ पहलवानों ने जब भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ अपना आंदोलन फिर से शुरू किया था तो राजनीतिज्ञों, किसानों और महिला संगठनों से समर्थन की अपील की थी। कांग्रेस पार्टी की प्रियंका गांधी और भूपेंद्र सिंह हुड्डा, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, राष्ट्रीय लोकदल के नेता जयंत चौधरी, जम्मू और कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्य पाल मलिक, दिल्ली सरकार के मंत्रियों आतिशी सिंह और सौरभ भारद्वाज जैसे राजनेताओं ने पिछले दिनों प्रदर्शन स्थल का दौरा करके खिलाडय़िों के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया था।

इस बीच विनेश फोगाट में कहा,‘‘मैं संवैधानिक पदों पर आसीन सभी लोगों से कहना चाहती हूं कि आम आदमी भी सम्मान का हकदार है। हम सभी का सम्मान करते हैं, हम ऐसा कुछ भी नहीं कहेंगे जो उनके सम्मान के खिलाफ हो, लेकिन हमें भी सम्मान मिलना चाहिए।’’ उन्होंने कहा,‘‘ अगर हमने गलती से कुछ कह दिया हो तो उसके लिए हम माफी चाहते हैं। हमारा ऐसा इरादा नहीं था। हम एक सभ्य समाज से आते हैं, हमें सिखाया गया है कि बड़ों का हमेशा सम्मान करना चाहिए।’’ बजरंग और विनेश ने हालांकि इस पर चुप्पी साधे रखी कि आखिर कौन उनके आंदोलन को राजनीतिक रंग देना चाहता है।