कर्नाटक और हिमाचल के समय ज्ञान कहा गायब था', PM Modi की नसीहत पर कांग्रेस का तंज

संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले, पीएम मोदी ने विपक्ष को "हताशा निकालने" के बजाय छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में हार से सबक लेने की सलाह दी।

कर्नाटक और हिमाचल के समय ज्ञान कहा गायब था', PM Modi की नसीहत पर कांग्रेस का तंज

कर्नाटक : कांग्रेस पार्टी ने पूर्व विधानसभा चुनाव में हार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जब भाजपा कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश चुनाव हार गई तो उनका 'ज्ञान' (सलाह) गायब हो गया। संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले, पीएम मोदी ने विपक्ष को "हताशा निकालने" के बजाय छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में हार से सबक लेने की सलाह दी। इसी को लेकर प्रधानमंत्री पर कांग्रेस की ओर से पलटवार किया गया है।

इसके जवाब में कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा, "बेहतर होगा कि पीएम हमारे भविष्य के बारे में सोचना बंद कर दें। क्योंकि जब बीजेपी कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश हार गई तो सब ज्ञान गायब हो गया था।" कांग्रेस महासचिव और सांसद केसी वेणुगोपाल ने भी इस टिप्पणी को लेकर पीएम मोदी की आलोचना की। उन्होंने कहा कि हर चुनाव अलग होता है। जब कांग्रेस ने कर्नाटक जीता, तो यह बात (प्रधानमंत्री द्वारा) नहीं कही गई। जब कांग्रेस ने तेलंगाना जीता तो ये बात नहीं थी। बेशक, हम उन लोगों को बधाई दे रहे हैं जिन्होंने चुनाव जीता है। हम निश्चित रूप से आत्मनिरीक्षण करेंगे कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में क्या हुआ... हम निश्चित रूप से विश्लेषण करने जा रहे हैं। सच कहूं तो मध्य प्रदेश में क्या हुआ, हम समझ ही नहीं पा रहे हैं। 

अधीर रंजन चौधरी ने कहा, "कुछ दिन पहले कर्नाटक-हिमाचल प्रदेश में चुनाव हुए थे उस समय मोदी जी का ज्ञान कहां था?... वे समय-समय पर अपने ज्ञान निकालते हैं... भाजपा के पास प्रधानमंत्री के आलावा और कोई चेहरा नहीं है तो यह भाजपा, RSS, विश्व हिंदू परिषद की नहीं मोदी जी की जीत है, उन्हें यह मान लेना चाहिए।" समाजवादी पार्टी सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि जो जीता हुआ होता वह कुछ भी कह सकते हैं और जो हार जाते हैं उन पर सवाल उठाए जाते हैं... इनकी(BJP) पॉलिसी है कि यह रिकॉर्ड बनाना चाहते हैं, राजीव गांधी के जमाने में 412 में(कांग्रेस) जीते थे, उस रिकॉर्ड को इन्हें(BJP) तोड़ना है। 

मोदी ने सोमवार को विपक्षी दलों से आग्रह किया कि संसद के शीतकालीन सत्र में वे विधानसभा चुनावों में मिली पराजय का ‘गुस्सा’ ना निकालें बल्कि उससे सीख लेते हुए पिछले नौ सालों की नकारात्मकता को पीछे छोड़ें और सकारात्मक रूख के साथ आगे बढ़ें, तभी उनके प्रति लोगों का नजरिया बदल सकता है। सत्र के पहले दिन मीडिया को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि यदि विपक्षी दल ‘विरोध के लिए विरोध’ का तरीका छोड़ दें और देश हित में सकारात्मक चीजों में साथ दें तो देश के मन में उनके प्रति आज जो नफरत है, हो सकता है वह मोहब्बत में बदल जाए। चार राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों को ‘बहुत ही उत्साहवर्धक’ करार देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘देश ने नकारात्मकता को नकारा है।’’