मुख्यमंत्री ने लोहगढ़ में स्मारक का किया शिलान्यास

बाबा बंदा सिंह बहादुर के शौर्य एवं बलिदान की गाथा को पुनर्जीवित करने का हरियाणा सरकार कर रही अथक प्रयास, कालका से कलेसर तक के पर्वतीय क्षेत्र को तीर्थाटन के रूप में किया जाएगा विकसित, बाबा बंदा सिंह बहादुर सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि शौर्य, वैराग्य, संत व सेनापति की कहानी है, मुख्यमंत्री ने बाबा बंदा सिंह बहादुर को बताया सुशासन के प्रणेता- मनोहर लाल

मुख्यमंत्री ने लोहगढ़ में स्मारक का किया शिलान्यास
मुख्यमंत्री ने लोहगढ़ में स्मारक का किया शिलान्यास
मुख्यमंत्री ने लोहगढ़ में स्मारक का किया शिलान्यास
यमुनानगर  - हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने प्रदेशवासियों को नववर्ष का तोहफा देते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश में पडऩे वाले माता मंत्रादेवी मंदिर से आदिबद्री तक रोप- वे बनाया जाएगा। साथ ही, शिवालिक हिल्स के कालका से कलेसर तक के पर्वतीय क्षेत्र को तीर्थाटन के रूप में विकसित किया जाएगा। इनमें छोटा त्रिलोकपुर, आदिबद्री, लोहगढ़, कपालमोचन, कलेसर इत्यादि शामिल हैं। इसके लिए लोक निर्माण (भवन एवं सड़कें) विभाग द्वारा 10 मीटर चौड़ा सड़क मार्ग बनाने को संभावना तलाशी जाएगी। इसके अलावा, इस क्षेत्र में साहसिक खेल गतिविधियों जैसे ट्रैकिंग शुरू करने की भी योजना है। सरकार के इन प्रयासों से प्रदेश में जहां पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, वहीं स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। 
मुख्यमंत्री आज बाबा बंदा सिंह बहादुर द्वारा स्थापित सिख राज की पहली राजधानी लोहगढ़, यमुनानगर में बाबा बंदा सिंह बहादुर के शौर्य एवं बलिदान की गाथा को पुनर्जीवित करने के लिए स्मारक की आधारशिला रखने उपरांत उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोहगढ़ को एक मिनी शहर के रूप में विकसित किया जाएगा। बाबा बंदा सिंह बहादुर की राजधानी लोहगढ़ का क्षेत्र आधा हरियाणा और हिमाचल में पड़ता है। आज स्मारक की आधारशिला रखी है। उन्होंने लोगों से कर्तव्य भावना से देश, प्रदेश व समाज हित में काम करने का आह्वान भी किया।
श्री मनोहर लाल ने अपने जीवन का एक प्रसंग बताते हुए कहा कि कहीं न कहीं उनके वंशज भी बाबा बंदा सिंह बहादुर से जुड़े रहे और आज इस क्षेत्र के विकास में योगदान देने का जो अवसर उन्हें प्रदान हुआ है, उसमें वे किसी प्रकार की कमी नहीं रहने देंगे। उन्होंने कहा कि बाबा बंदा सिंह बहादुर सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि शौर्य, वैराग्य, संत व सेनापति की कहानी है। जम्मू - कश्मीर के राजौरी जिले से लक्ष्मण देव के नाम से कहनी शुरू हुई, जब वे एक शिकारी थे और शिकारी से कैसे वैरागी बने तथा महाराष्ट्र के नांदेड़ में वे वैराग्य जीवन में लीन हुए। जब श्री गुरू गोबिंद सिंह जी की बाबा बंदा सिंह बहादुर से मुलाकात हुई और उन्होंने कहा कि उत्तर भारत में आपकी जरूरत है, जहां जनता पर मुगलों द्वारा अत्याचार किए जा रहे हैं। मुगलों के खिलाफ लडऩे के लिए एक सेनापति चाहिए था, जिस पर बाबा बंदा सिंह बहादुर खरे उतरे और आपने आपको अजेय मानने वाले मुगलों को भी लगा कि उनका लोहे के चने चबवाने वाले सेनापति से मुकाबला हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा बंदा सिंह बहादुर ने सोनीपत जिले के खंडा शेरी गांव से युवाओं को एकत्र कर सेना गठन की शुरुआत की थी और पूरे हरियाणा में युवाओं के साथ दौरा कर एक सेना खड़ी की और लोहगढ़ को सिख राज की पहली राजधानी बनाया। 
उन्होंने कहा कि पंजाब में छप्परचिड़ी में बाबा बंदा सिंह बहादुर के नाम से एक छोटा स्मारक है, लेकिन हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि हरियाणा में हम लोहगढ़ किले को एक नया स्वरूप दे रहे हैं। हरियाणा सरकार प्रदेश में पर्यटन व संस्कृति को बढ़ावा देने के लिये निरंतर प्रयासरत है। इसी कड़ी में पिंजौर में 50 एकड़ में फिल्म सिटी केंद्र विकसित किया जा रहा है। बॉलिवुड के कई फिल्म निर्माताओं ने इसमें रूचि भी दिखाई है। 
श्री मनोहर लाल ने कहा कि आज गर्व व गौरव महसूस हो रहा है कि 300 वर्ष पहले जिस वीर पुरुष ने यहां शौर्य दिखाया था, उसकी माटी को सिर पर लगाना चाहिए। कर्तव्य पथ पर चलते हुए राज्य सरकार निरंतर आगे बढ़ रही है। शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा इत्यादि कार्यों के आलावा सरकार का काम समाज में चेतना जागृत करना, भाईचारा व सद्भावना बढ़ाना भी है।
उन्होंने कहा कि महापुरुषों की जयंतियों व उनके विचारों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए सरकार ने संत महापुरुष सम्मान एवं विचार प्रचार प्रसार योजना चलाई है। इसके तहत सभी महापुरुषों की जयंतियों को सरकारी तौर पर मनाया जा रहा है। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस सुशासन की बात हम आज के समय में कर रहे हैं, उस सुशासन की परिकल्पना 300 साल पहले बाबा बंदा सिंह बहादुर ने की थी। उन्होंने जमीन की जुताई करने वाले किसान व मजदूरों को जमीन का मालिकाना हक दिलाने का काम किया, जिससे मुगल साम्राज्य में खलबली मची थी। 
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री श्री कंवर पाल ने कहा कि आज यह बहुत ही खुशी का विषय है कि लोहगढ़ के विकास के लिए मुख्यमंत्री ने यहां विकास कार्यों की नींव रखी है। उन्होंने कहा कि जिन महापुरुषों ने देश व मानवता के लिए बलिदान दिए यदि हम उन महापुरुषों का इतिहास नहीं पड़ेंगे तो हम अपनी संस्कृति की रक्षा नहीं कर सकेंगे। इसलिए ऐसे सभी महापुरुषों के इतिहास को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। 
श्री कंवर पाल ने कहा कि बाबा बंदा सिंह बहादुर ने अपना व अपने परिवार का जो बलिदान दिया, फिर भी वे अपने धर्म पर अडिग रहे और मानवता को रक्षा की, ऐसे महापुरूषों से ही समाज के लिए कुछ करने की प्रेरणा मिलती है। मुख्यमंत्री इसी प्रयास में लगे हैं कि ऐसी महापुरूषों की गाथाओं को जन - जन तक पहुंचाया जाए। इसी कड़ी में लोहगढ़ को विकसित करने से यह स्थल न केवल पर्यटन, धार्मिक दृष्टि से अनूठा बनेगा, बल्कि प्रेरणादयी स्थल भी बनेगा।
बाबा बंदा सिंह बहादुर के वंशज बाबा जतिंदर पाल सिंह सोढ़ी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने लोहगढ़ के विकास की यात्रा शुरू करने और इसे दिशा देने का जो प्रयास किया है, वह प्रशंसनीय है। उन्होंने मुख्यमंत्री का धन्यवाद करते हुए कहा कि श्री मनोहर लाल ने लोहगढ़ में स्मारक, मार्शल आट्र्स स्कूल, टूरिज्म सेंटर इत्यादि स्थापित करने का जो बीड़ा उठाया है, उससे लोहगढ़ का नाम पूरी दुनिया में रोशन होगा।  
उन्होंने कहा कि पहले कभी किसी सरकार या संस्थाओं ने सिख राज की पहली राजधानी लोहगढ़ को विकसित करने और इसे दुनिया के मानचित्र पर लाने का काम नहीं किया। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने पहली बार बाबा बंदा सिंह बहादुर स्मृति स्थल लोहगढ़ को पुन: विकसित करने का काम किया है, जो सराहनीय है। मुख्यमंत्री ने लोहगढ़ को विकसित करने के लिए बाबा बंदा सिंह बहादुर लोहगढ़ ट्रस्ट की स्थापना की गई, जिसकी निगरानी में यह सभी कार्य करवाए जा रहे हैं।  इस कार्यक्रम में यमुनानगर के विधायक घनश्याम दास अरोड़ा ने आए हुए अतिथियों का धन्यवाद किया।