गीता सभी शास्त्रों में शिरोमणि-डॉ. रघुबीर सिंह

उन्होंने कहा कि सभी आत्माओं के निराकार पिता परमात्मा शिव श्रीकृष्ण के भी अविनाशी पिता है।

गीता सभी शास्त्रों में शिरोमणि-डॉ. रघुबीर सिंह

रादौर- प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की ओर से बीके डॉ. रघुबीर सिंह ने कहा कि गीता सभी शास्त्रों में शिरोमणि है। इसके महाकाव्यों कि रचना प्रथम पुरुष में है। इसे भगवद गीता कहा जाता है। इसमें भगवान के सीधे वचन है, ज्ञान है। संसार में अन्य कोई ऐसी पुस्तक प्राप्त नहीं होगी। जिसमें उपदेश कर्ता ने अपने लिए परमात्मा आदि पुरुष परमपुरुष सृष्टि का रचयिता आदि विशेषण या संजाये प्रयुक्त की हो। अन्य सभी स्थापक स्वयं को सन ऑफ गॉड का पुत्र संदेश वाहक मानते है। परमात्मा सभी मनुष्य आत्माओं के पारलौकिक पिता है। उनके  महावाक्यों द्वारा रचित शास्त्र श्रीमद्भागवत गीता सभी शास्त्रों की माता है। गीता को श्री कृष्ण की जननी माना गया है।

उन्होंने कहा कि सभी आत्माओं के निराकार पिता परमात्मा शिव श्रीकृष्ण के भी अविनाशी पिता है। गोपेश्वर स्थानेश्वरम में प्रचलित यादगार इसका उदाहरण है। श्रीकृष्ण ने परमात्मा शिव को ईश्वर मानकर उनकी पूजा अर्चना की है। जबकि श्रीकृष्ण की महिमा सर्वोच्च देवता के रूप में गाई गई है। उन्हें सोलह कला संपूर्ण, संपूर्ण निर्विकारी, मर्यादा पुरुषोत्तम कहा गया है। गीता जयंती ही सर्वोच्च जयंती है। गीता में वर्णित ज्ञान केवल हिंदू धर्म के लिए नहीं बल्कि पुरी मानव जाति के लिये, पुरे विश्व के लिए हर धर्म के लिए किया गया है। कार्यक्रम के अंत में राज बहन ने गीता में सिखाए जा रहे राजयोग का अभ्यास कराया।