भारत ने की जैविक ईंधन के इस्तेमाल को बढ़ावा देने में बड़ी पहल

ई20 पेट्रोल से कैसे होगी भारत की तरक्की

भारत ने की जैविक ईंधन के इस्तेमाल को बढ़ावा देने में बड़ी पहल

नई दिल्ली-जैविक ईंधन के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए देश में बड़ी पहल की गई है। 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के चुनिंदा पेट्रोल पंप पर 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रित वाले पेट्रोल यानी ई 20 की रिटेल बिक्री शुरू हो जाएगी। पहले फेज में 15 शहरों में इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल की बिक्री शुरू की गई है। अगले दो साल में देश भर में ई 20 की बिक्री शुरू होने का अनुमान है। इंडिया एनर्जी वीक में पीएम मोदी ने दुनियाभर के दिग्गजों के सामने 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल की बिक्री का ऐलान कर दिया। इसके बाद देश के 11 राज्यों में ई 20 फ्यूल की बिक्री शुरू हो गई जो कि 2025 तक देश के हर फ्यूल पेट्रोल पंप पर मिलने शुरू हो जाएंगे। पीएम मोदी ने बताया कि 20 फीसदी इथेनॉल की  बिक्री को दो महीने बाद शुरू करना था। लेकिन इसे लक्ष्य से पहले लॉन्च किया गया है।

क्या है ई-20 फ्यूल

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने चार जनवरी को राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन को मंजूरी दी। इसका उद्देश्य भारत को वैश्विक विनिर्माण और स्वच्छ ऊर्जा का केन्द्र बनाना है। इस मिशन का उद्देश्य वर्ष 2030 तक, देश में लगभग 1,25,000 मेगावॉट की संबद्ध अक्षय ऊर्जा क्षमता वृद्धि के साथ प्रति वर्ष कम से कम 50 लाख टन की उत्पादन क्षमता का विकास भी है। पीएम मोदी ने ई 20 पेट्रोल की बात की। पेट्रोल तो आप सभी जानते ही हैं और ई का मतलब इथैनॉल से है। 20 का मतलब 20 प्रतिशत से है। यानी पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल को मिक्स कर दें तो ई 20 पेट्रोल बन जाएगा। फिलहाल जो पेट्रोल हमें मिलता है उसमें भी इथेनॉल होता है। लेकिन मात्रा सिर्फ 10 प्रतिशत ही होती है। इसे बढ़ाकर अब 20 प्रतिशत तक करने की तैयारी जोर-शोर से हो रही है। लक्ष्य है कि आने वाले दिनों में देश के 11 शहरों में ई20 पेट्रोल उपलब्ध होगा। ये सस्ता भी होगा और पर्यावरण को नुकसान भी बहुत कम पहुंचाएगा।

कैसे फायदेमंद किसानों के लिए

अगर भारत एक बार 20 प्रतिशत इथेनॉल ब्लैंडिंग का टारगेट अचिव कर लेता है तो इससे सरकार के विदेशी मुद्रा भंडार में सालान 54 हजार करोड़ रुपए की बचत होगी। इथेनॉल उत्पादन को बढ़ावे का दूसरा फायदा किसानों को होगा। किसानों की सालाना आय 49 हजार करोड़ रुपये तक बढ़ सकती है।

मौजूदा वक्त में इथेनॉल का उत्पादन

इथेनॉल के उत्पादन की बात करें तो वर्तमान समय में देश में इथेनॉल की उत्पादन क्षमता लगभग 1037 करोड़ लीटर है। इसमें 700 करोड़ लीटर गन्ना आधारित और 337 करोड़ लीटर अनाज आधारित उत्पादन शामिल है। वहीं 2022-23 के लिए पेट्रोल इथेनॉल वाले ईंधन की आवश्यकता 542 करोड़ लीटर है। ये 2023-24 के लिए 698 करोड़ लीटर और 2024-25 के लिए 988 करोड़ लीटर है।

क्या होंगे फायदें

इथेनॉल को बायोमॉस से बनाया जाता है। ज्यादातर इथेनॉल कॉर्न और गन्ने की फसल से तैयार किया जाता है। भारत में पहले से ही ऐसी चीजों की खेती बड़े स्तर पर हो रही है। ऐसे में ऑटोमोबाइल के लिए बड़े स्तर पर इथेनॉल को देश में तैयार किया जा सके। इससे सीधे-सीधे पांच बड़े फायदें क्या हैं

1. इसे फसलों से तैयार किया जा सकता है। यानी भारत में आसानी से बनाया जा सकता है। कच्चे तेल का इंपोर्ट कम होगा तो सस्ता भी मिलेगा।

2. कार्बन मोनोक्साइड और सल्फरडायोक्साइड जैसी जहरीली गैस कम बनेंगी तो प्रदूषण भी कम होगा।

3. कार्बन का उत्सर्जन 35 फीसदी तक हो जाएगा। पर्यावरण के लिए ये और ज्यादा बेहतर होगा।

4. किसानों को फायदा होगा क्योंकि किसान फसलों से इथेनॉल बनाएंगे और सरकार उसे खरीदेगी।

5. सरकार के खर्चे में कटौती होगी क्योंकि विदेशी मुद्रा की बचत होगी।

पेट्रोल में पानी मिलाने की कितनी संभावना

इथेनॉल युक्त पेट्रोल में पानी मिलाने की संभावना बेहद कम होती है। पेट्रोलियम डीलरों से गुणवत्ता की नियमित जांच करने को कहा जाता है। उस पर कड़ी निगरानी भी रखी जाती है। इथेनॉल को पेट्रोल से अलग भी नहीं किया जा सकता है। इसमें वहीं मानकों का उपयोग किया जाता है जो दुनिया के अन्य देशों में हो रहा है। फिलहाल अभी इथेनॉल को पेट्रोल का विकल्प नहीं माना जा सकता है। इसके लिए बहुत से बदलाव करने होंगे। 

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