चंडीगढ़ कोर्ट में वकीलों का काम किया गया ठप

एडवोकेट चहल को हिंसा मामले में नामजद करने पर भडक़े, डीएसपी के आश्वासन पर लौटे

चंडीगढ़ कोर्ट में वकीलों का काम किया गया ठप

चंडीगढ़-चंडीगढ़ जिला अदालत के वकीलों ने शुक्रवार को पुलिस का विरोध करते हुए डेढ़ घंटे काम ठप रखा। वकीलों के विरोध का कारण कौमी इंसाफ मोर्चा के जत्थे द्वारा यूटी के पुलिसकर्मियों से मारपीट और लूट के दर्ज केस में एडवोकेट अमर सिंह चहल और दिलशेर सिंह को नामजद करना रहा। वकीलों के प्रतिनिधिमंडल ने स्स्क्क चंडीग? को बताया कि वारदात के समय एडवोकेट अमर सिंह चहल छ्वरूढ्ढष्ट जसप्रीत सिंह मनहास की कोर्ट में उपस्थित थे। उस दौरान डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान एवं सीनियर एडवोकेट एनके नंदा समेत वकील विकास शाील सोनी और भूपिंदर राणा समेत अन्य वकील भी कोर्ट रूम में मौजूद थे।

एसएसपी देंगे रिप्रेजेंटेशन 

वकीलों ने मजबूती के साथ चंडीगढ़ पुलिस की इस कार्रवाई का विरोध किया है। बार एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल एडवोकेट अमर सिंह चहल और एडवोकेट दिलशेर सिंह चहल का नाम दर्ज केस से हटाने के लिए एसएसपी चंडीगढ़ को रिप्रेजेंटेशन भी देगा।

वकील एसएचओ के आश्वासन पर काम पर लौटे

जिला अदालत के वकीलों के एकसाथ काप ठप करने पर डीएसपी दिलशेर सिंह चंदेल सेक्टर-36 थाना एसएचओ इंस्पेक्टर जसपाल सिंह भुल्लर और सेक्टर-34 थाना एसएचओ दविंदर सिंह के साथ जिला अदालत परिसर पहुंचे। उन्होंने यहां वकीलों से बातचीत की। जिला अदालत की एग्जीक्यूटिव बॉडी, वकील एनके नंदा, अशोक चौहान, टीएस सुडान और सुकम गुप्ता ने डीएसपी दिलशेर सिंह चंदेल से बातचीत की। वकीलों के अनुसार डीएसपी चंदेल ने दर्ज केस में एडवोकेट अमर सिंह चहल का नाम अनजाने में अंकित होने की बात कही। उन्होंने चहल का नाम दर्ज केस से हटाने का आश्वासन दिया। इसके बाद सभी वकील अपने काम पर लौटे।

पुलिसकर्मियों ने जताई सहानुभूति

वकीलों ने 8 फरवरी को असामाजिक तत्वों द्वारा चंडीगढ़ के पुलिसकर्मियों पर किए हमले की निंदा की। साथ ही कहा कि इस प्रकार की घटनाओं से समाज में गलत संदेश जाता है। डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन ने घायल पुलिसकर्मियों से सहानुभूति जताई है।

सिखों बंदियों की रिहाई की मांग

कौमी इंसाफ मोर्चा बीते कई दिनों से बंदी सिखों की रिहाई की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन कर रहा है। पक्का मोर्चा के तहत जिन सिख कैदियों की रिहाई की मांग की जा रही है, उनमें पंजाब के पूर्व ष्टरू बेअंत सिंह हत्याकांड का दोषी एवं बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकी जगतार सिंह हवारा है। उसकी फांसी को उम्रकैद में बदलते हुए कोर्ट ने उसे आजीवन जेल में रखने का फैसला सुनाया था। जबकि बेअंत सिंह हत्याकांड में फांसी की सजा पाने वाला बलवंत सिंह राजोआणा और दिल्ली के 1993 के बम बलास्ट का दोषी दविंदर पाल सिंह भुल्लर मुख्य है।