मोटे अनाजों को बढ़ावा देने के लिए केन्द्र सरकार शुरू करेगी श्री अन्न योजना-सांसद रमेश कौशिक

भारत को पूरे विश्व में सबसे बड़ा अनाज निर्यातक देश बनाने में कारगर सिद्घ होगी श्री अन्न योजना, वर्ष 2023-24 आम बजट में केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की हैदराबाद में मिलेट्स रिसर्च सेंटर खोलने की घोषणा, वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के रूप में मनाया जाएगा, मोटे अनाजों को बढ़ावा देने की रहेगी प्राथमिकता, केन्द्र व राज्य सरकारों को मोटे अनाजों को बढ़ावा देने के लिए किसानों को करेगी जागरूक

मोटे अनाजों को बढ़ावा देने के लिए केन्द्र सरकार शुरू करेगी श्री अन्न योजना-सांसद रमेश कौशिक

सोनीपत । सांसद रमेश कौशिक ने कहा कि इस बार केन्द्र सरकार द्वारा पेश किया गया वर्ष 2023-24 आम बजट देश के प्रत्येक वर्ग के लिए खुशियां लेकर आया है। इस बजट में केन्द्र सरकार ने लोगों के स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए देश में मोटे अनाजों को बढ़ावा देने के लिए श्री अन्न योजना शुरू करने का निर्णय लिया है। सांसद ने कहा कि श्री अन्न योजना भारत को पूरे विश्व में सबसे बड़ा अनाज निर्यातक देश बनाने में कारगर सिद्घ होगा। कोरोना काल के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने गरीबों को मुफ्त में राशन मुहैया करवाया ताकि देश को कोई भी व्यक्ति भूखा न सोए। इस बार के बजट में भी सरकार ने गरीबों को मुफ्त में राशन देने के लिए 02 लाख करोड़ रूपये मंजूर किए हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने कोरोना काल के दौरान अपने लोगों को तो पेट भरा ही बल्कि दूसरे देश के लोगों के लिए भी अनाज पहुंचाने का कार्य किया।


सांसद ने कहा कि वर्ष 2023 को पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। इस वर्ष के दौरान मोटे अनाजों को बढ़ावा देना सरकार की पहली प्राथमिकता रहेगी। उन्होंने कहा कि बजट में केन्द्री वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोटे अनाज की नई-नई नस्लों की खोज करने के लिए हैदराबाद में मिलेट्स रिसर्च सेंटर खोलने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार का उद्देश्य लोगों को मिलेट्स के बारे में ज्यादा से ज्यादा जागरूक करना है ताकि हर देश, इलाके के लोग इसे अपने डाइट में शामिल करें और मिलेट्स के लिए किसानों को अच्छा बाजार और अच्छे दाम मिल सकें।


सांसद ने बताया कि मिलेट्स सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। मिलेट्स की दो व्यापक श्रेणियां हैं- मेजर या मुख्य मिलेट्स और माइनर या छोटे मिलेट्स. बाजरा, ज्वार, रागी और कंगनी मुख्य मिलेट्स की श्रेणी में आते हैं और समा, कोदो, चिन्ना इत्यादि को छोटे मिलेट्स माना जाता है। उन्होंने बताया कि हर एक मिलेट का अपना महत्व है जैसे कि बाजरा, कैल्शियम से भरा होता है, ज्वार में पोटेशियम और फास्फोरस होता है, और कंगनी में फाइबर होता है जबकि कोदो आयरन से भरपूर होता है। इसलिए हमें सभी तरह के मिलेट्स खाते रहना चाहिए।


सांसद कौशिक ने बताया कि जब विश्व का बड़ा हिस्सा कुपोषण से लड़ रहा है भारत की मोटे अनाज वाली थाली कुपोषण के खिलाफ रामबाण का काम करेगी। वसुधैव कुटुम्बकम के सिद्धांत वाले भारत के मोटा अनाज वर्ष के प्रस्ताव की महत्ता को समझते हुए संयुक्त राष्ट्र ने इसे स्वीकार किया और अब हम सभी भारतीयों का उत्तरदायित्व है कि हम अपने अपने स्तर पर इसे सफल बनाने के लिए प्रयास करें। भारत सरकार मोटे अनाज की खेती का दायरा बढ़ाने पर बल दे रही है। मोटा अनाज वर्ष के माध्यम से एक साथ कई लक्ष्यों को साधा जा सकता है। मोटा अनाज के प्रति जागरूकता बढऩे से जहां ज्वार, बाजरा आदि की खेती का रकबा बढ़ेगा वहीं कुपोषण की समस्या का भी समाधान हो पाएगा।


सांसद ने  बताया कि कम पानी, उर्वरक और कीटनाशकों के साथ कम उपजाऊ मिट्टी में भी मिलेट्स को उगाया जा सकता है। उच्च तापमान में भी ये अच्छा ग्रो करते हैं और इसी कारण इन्हें क्लाइमेट स्मार्ट अनाज कहा जाता है। मिलेट्स सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होते हैं. मिलेट्स में प्रोटीन, फाइबर, बी विटामिन, कैल्शियम, आयरन, मैंगनीज, मैग्नीशियम, फास्फोरस, जिंक, पोटेशियम, कॉपर और सेलेनियम सहित बहुत से पोषक तत्व होते हैं। मिलेट्स एंटीऑक्सीडेंट, फ्लेवोनोइड्स, एंथोसायनिन, सैपोनिन और लिग्नांस का एक पावर हाउस भी हैं जो आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद हैं, इसलिए इन्हें सुपर फूड कहा जाता है। ये ब्लड ग्लूकोज लेवल को मेंटेन करते हैं।

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